
आज और कल का दिन खास
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11 अगस्त 2024 : भानु सप्तमी आज।
11 अगस्त 2024 : सिंध में आज मनाई शीतला सप्तमी।
11 अगस्त 2024 : कल्याणधणी पदयात्रा से प्रारम्भ।
11 अगस्त 2024 : गोस्वामी तुलसीदास जयंती आज।
12 अगस्त 2024 : श्रावण वन सोमवार व्रत कल।
12 अगस्त 2024 : विश्व युवा दिवस कल।
आज का राशिफल
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11 अगस्त, 2024, रविवार
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मेष राशि : आज का दिन महत्वाकांक्षी प्रकृति वालों के लिए शुभ फलदायक रहेगा। घरेलू जीवन को लेकर मन के भीतर उथल-पुथल रह सकती है। उत्तराद्र्ध में तनाव और बढ़ सकता है। गृहस्थ जीवन में परेशानियों का सामना करने की आशंका है।
वृषभ राशि : आज कार्यक्षेत्र में अधिकारी से या व्यवसाय क्षेत्र में व्यापारी से अनबन हो सकती है। खर्चे कम होने से आप मानसिक शांति का अनुभव करेंगे। हालांकि सितारे कहते हैं कि संतान पक्ष को लेकर कुछ चिंता हो सकती है। प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलेगी।
मिथुन राशि : धार्मिक कार्यों के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। साथ ही धन संचय के मामले में सफलता मिलेगी। मां के स्वास्थ्य का ख़याल रखें। आज आपको कार्यक्षेत्र में अनुकूल प्रभाव तब मिलेगा जब आप थोड़ी बहुत जिम्मेदारी अपने जूनियर्स को भी देंगे।
कर्क राशि : जीवनसाथी एवं व्यापार में साझीदारों का सहयोग मिलेगा। सद्कार्यों में रुचि बनी रहेगी। आज के दिन खान-पान का खास $खयाल रखें अन्यथा आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कर्मक्षेत्र में आज आपको सफलता मिलेगी।
सिंह राशि : आज का दिन आपके लिए काफी सुखद साबित होगा। आज थोड़े से ही प्रयास से आपको अपार सफलता मिलेगी। साझेदारी में किया व्यापार फायदा पहुंचाएगा। आज का दिन लाभकारक रहेगा। व्यापार में जोखिम उठाने का परिणाम आज हितकर रहेगा।
कन्या राशि : आज आपको व्यवसाय में अधिक लाभ प्राप्त होगा। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी और उत्साह से काम करने पर सफलता जरूर मिलेगी। संतान पक्ष से असंतोष मिलने के आसार हैं। नए प्रोजेक्ट पर भी कुछ काम शुरू हो सकता है।
तुला राशि : आज आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन धैर्य बनाए रखें, अंतत: सफलता आपको ही मिलेगी। व्यावसायिक प्रयास फलीभूत होंगे। मान प्रतिष्ठा की वृद्धि होगी। जीवनसाथी का सहयोग व सान्निध्य मिलेगा।
वृश्चिक राशि : आज के दिन कोई भी काम करते समय मन को शांत रखें। इससे आपको लाभ मिलेगा। धन लाभ व बचत के अच्छे योग हैं। ऑफिस में आपके अधिकारों में वृद्धि होने के कारण साथियों का मूड कुछ खराब हो सकता है।
धनु राशि : घरेलू मामले में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। माता के स्वास्थ्य में कमजोरी आ सकती है। परिवार में आपसी तालमेल एवं सौहार्द की कमी होगी। आपके खर्चे कम हो जाने से आपकी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
मकर राशि : आज अधूरे कार्य पूरे करने का योग है। प्रयास करें आपको सफलता जरूर मिलेगी। गलत संगति और नशे की लत से दूर रहें। घर में पत्नी या किसी संतान की अचानक तबीयत खराब होने से टेंशन हो सकती है।
कुम्भ राशि : आज आपके सामाजिक मान-सम्मान की वृद्धि होगी। कार्य व व्यापार में लाभ के अवसर रहेंगे। किसी अनुभवी व्यक्ति के साथ व्यावसायिक योग्यताओं को निखारने का अवसर प्राप्त होगा। कोई युवा व्यक्ति सामने आकर आपकी मदद कर सकता है।
मीन राशि : व्यावसायिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे। संतान पक्ष के वैवाहिक प्रयासों को सफलता मिलेगी। माता के स्वास्थ्य के कारण कुछ चिंता रहेगी। आर्थिक मसलों में सोच समझ कर किए गए निवेश अत्यधिक फायदा दे सकते हैं।
भानु सप्तमी आज
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सनातन धर्म में भानु सप्तमी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा एवं उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि भानु सप्तमी पर सूर्य देव की उपासना करने से न केवल कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है, बल्कि आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
भानु सप्तमी शुभ मुहूर्त
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वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। अत: 11 अगस्त को भानु सप्तमी मनाई जाएगी।
भानु सप्तमी का महत्व
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सूर्य देव की उपासना करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। कुंडली में सूर्य मजबूत होने से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि भानु सप्तमी पर सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। अत: इस तिथि पर सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है।
भानु सप्तमी शुभ योग
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भानु सप्तमी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन दोपहर 03 बजकर 49 मिनट तक शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का संयोग है। इस दिन स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। वहीं, गर और वणिज करण का भी संयोग हैं।
भानु सप्तमी की व्रत कथा
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समस्त चराचर जगत को प्रकाश और ऊर्जा देने वाले सूर्य भगवान को समर्पित कई पर्व मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है ‘भानु सप्तमी’। इस दिन जो जातक विधि-विधान से सूर्यदेव की पूजा करते हैं, कथा कहते हैं और कथा सुनते हैं, उनकी समस्त मनोकामनाएं अति शीघ्र पूर्ण होती हैं।
किसी समय में इंदुमती नाम की एक वेश्या हुआ करती थी। वेश्यावृत्ति में लिप्त होने के कारण उसने अपने जीवन में कोई भी धर्म कर्म आदि नहीं किए थे। एक दिन उसने वशिष्ठ ऋषि से पूछा- ऋषि श्रेष्ठ! मैने अपने अब तक के जीवन में कोई पुण्य कार्य नहीं किया है, परंतु मेरी ये अभिलाषा है कि मरणोपरांत मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो! यदि मुझ वैश्या को किसी युक्ति से मोक्ष मिल सकता है तो वो उपाय बताने की कृपा करें ऋषिवर।
इंदुमती की ये विनती सुनकर ऋषि वशिष्ठ ने भानु सप्तमी का महात्म्य बताते हुए कहा- स्त्रियों को सुख, सौभाग्य, सौंदर्य एवं मोक्ष प्रदान करने वाला एक ही व्रत है, भानु सप्तमी या अचला सप्तमी। इस सप्तमी तिथि पर जो स्त्री व्रत रखती है और विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना करती है, उसे उसकी इच्छानुसार पुण्यफल प्राप्त होता है।
वशिष्ठ जी आगे बोले- यदि तुम इस जीवन के उपरांत मोक्ष पाना चाहती हो तो सच्चे मन से ये व्रत व पूजन अवश्य करना! इससे तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। ऋषि वशिष्ठ से भानु सप्तमी का महात्म्य सुनकर इंदुमती ने इस व्रत का पालन किया, जिसके फलस्वरूप प्राण त्यागने के बाद उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल गई, और स्वर्ग में इंदुमती को अप्सराओं की नायिका बनाया गया। इसी मान्यता के आधार पर आज भी जातक इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं।
पंडित दिनेश तिवारी