
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हवाला बरामदगी मामले ने पुलिस महकमे की छवि को हिला दिया है।
स्थानीय संवाददाता…….
हवाला की कथित 2.96 करोड़ रुपये में से 1.45 करोड़ रुपये की ‘बंदरबांट’ के आरोप में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी CSP पूजा पांडे समेत कुल 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
जानकरी के अनुसार, एसडीओपी पूजा पांडेय को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही क्रेटा कार (MH-13 EK-3430) में 3 करोड़ रुपये हैं।
सूचना मिलने पर एसडीओपी पूजा पाण्डेय अपने गनमैन और स्टाफ के साथ और पास के बंडोल थाने के टीआई अर्पित भैरम भी ऑपरेशन में शामिल हुए।
रात करीब 1:30 बजे सीलादेही में दोनों टीमों ने गाड़ी को रोक लिया और कार में रखे रुपये पुलिस की गाड़ियों में ट्रांसफर कर लिए।
9 अक्टूबर को सुबह एसडीओपी के दफ्तर में सब-इंस्पेक्टर देवेंद्र उइके ने सूचना दी कि गाड़ी के मालिक और उनके साथी शिकायत करना चाहते हैं।
इसके बाद हवाला कारोबारी सोहन परमार और उनके तीन साथी एसडीओपी के दफ्तर पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, घंटों तक बातचीत और मोलभाव चला।
आखिरकार 50-50 के फार्मूले पर सौदा तय हुआ।
पुलिस ने 1.5 करोड़ रुपए अपने पास रखे और बाकी रकम व्यापारी को लौटाने का वादा किया।
व्यापारी की गाड़ी में रकम रखी गई, लेकिन आगे जाकर गिनती में 25.60 लाख रुपए की कमी पाई गई।
नाराज कारोबारी फिर थाने पहुंचे और थाने में हंगामा शुरू हो गया। इस बीच, दो साथी वहां से चले गए, जबकि सोहन परमार और एक साथी बाकी रकम लेने के लिए डटे रहे।
मामले की भनक मीडिया को लगने के बाद यह पूरी घटना उजागर हुई।
घटना की जानकारी जबलपुर रेंज के डीआईजी राकेश सिंह को मिली, जिन्होंने तुरंत आईजी प्रमोद वर्मा को सूचित किया।
आईजी ने एएसपी आयुष गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया और संदेह में आए सभी पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया। 9 अक्टूबर की रात को 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया, जबकि 10 अक्टूबर को CSP पूजा पांडे को भी निलंबित कर भोपाल पुलिस मुख्यालय से जोड़ा गया।
एएसपी आयुष गुप्ता ने पुष्टि की कि पुलिस की जब्ती से 1.45 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और तीन दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
DGP कैलाश मकवाना ने आदेश में कहा, ‘8 अक्टूबर 2025 को NH-44 शीलादेही बायपास सिवनी में चेकिंग के दौरान बरामद राशि से जुड़े गंभीर कदाचार और प्रथम दृष्टया संदिग्ध व्यवहार के कारण तत्काल निलंबित किया जाता है।”
इस प्रकरण में अब तक 10 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है और पूरे मामले की जांच जारी है।