
भगवान राम के आदर्शों का पालन सभी करें- श्रीरामभद्राचार्य
करौंदी कला।
वाल्मीकि रामायण के विश्राम दिवस
पर भक्त हुए राममय
स्थानीय संवाददाता – शिवम् राज गोरखपुरी
सनातन परम्परा में चारों वर्ण एक समान थे कोई अगडा, पिछडा, ओबीसी या एससी नहीं था । सरकार यदि जाति आधारित आरक्षण खत्म करके आर्थिक आधार पर आरक्षण दे तो जाति व्यवस्था शीघ्र समाप्त हो जायेगी। केवल चिल्लाने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। हिंदू राष्ट्र बनने के लिए कम से कम हिंदूवादियों की संसद में 470 सीटें आनी चाहिए।
यह बातें चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहीं।
वह विजेथुआ महोत्सव के नौवें दिन विश्राम दिवस पर वाल्मीकि रामायण कथा के समापन अवसर पर कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवादी की कोई जाति नहीं होती। आतँकवाद पर सरकार को कठोरतम कार्यवाही करनी चाहिए। जगतगुरु ने कहा कि प्राचीन भारत में अठारह स्मृतियां थीं जो सनातन परम्परा का संविधान कहलाती थीं इनमें समय समय पर परिवर्तन भी होते रहे हैं। बिना कठोरता के नियंत्रण नहीं होता। महाराज जी ने कहा कि भगवान राम ने सूपर्नखा को उस समय के प्रचलित संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही दंड दिलवाया था। उन्होंने कहा कि न्यायालय को चाहिए कि दुष्कर्म करने वालों को प्राण दंड मिलना चाहिए।
पद्म विभूषण व ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त चित्रकूट पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा भगवान राम दुनिया के इकलौते हीरो हैं। राम हैंडसम एजूकेटेट रेगुलर और ओबिडियेंट हैं ये गुण सिर्फ राम के अंदर ही हैं। महाराज जी ने बताया कि लव का मतलब है लेक आफ टियर्स , ओसियन आफ सैरोज, वैली आफ डेथ व इंड आफ लाइफ।
बताया कि महात्मा गांधी को आदर्श मानने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मैंने कहा है कि महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब संसद में प्रस्ताव पास करके राम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाय।
कथा के पूर्व आयोजक विवेक तिवारी ने सपत्नीक व्यासपीठ का पूजन किया। तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास ने गुरु अर्चन किया।
विजेथुआ महोत्सव में पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सिंह वत्स ने पत्रकारों से कहा कि क्षेत्र के लोगों का स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा है और विश्वास है कि आगे भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास जितनी क्षमता है विजेथुआ महावीरन धाम तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए मैंने उतना प्रयास किया है। विश्वास है कि महावीर बजरंग बली मुझे आगे भी अपनी सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।
अपनी नई पीढ़ी से मेरा यही अनुरोध है कि आप सभी भक्ति, त्याग, सेवा, संघर्ष और समर्पण के मार्ग को अपनाएं। एक दिन आप भी सफलता और शौर्य का कीर्तिमान स्थापित करेंगे। आयोजक विवेक तिवारी ने राज्य सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सिंह वत्स को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कथा में इंद्रजीत, राष्ट्र संत शांतनु महराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग संघ चालक हृदयराम यादव, डा. रत्नेश तिवारी, गिरिजेश तिवारी, सर्वेश मिश्र, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि , डॉ. सुरेन्द्र प्रताप तिवारी, राम विनय सिंह, विजयधर मिश्र, रितेश दूबे, महेंद्र मिश्र, प्रभुदत्त दूबे, रामूश्यामू उपाध्याय, मनोज तिवारी, विजय उपाध्याय, आनन्द सिँँह, रितेश उपाध्याय, महेंद्र मिश्र, अरविंद पाँडेय, वीके अग्रहरि आदि उपस्थित रहे।