
*चर्चित लेख लोगों ने इसे क्यों पसंद किया !*
” कुछ बाते ज़िंदगी में जीने के लिए अहम होती हैं जिससे हम दुनिया को ये बात बता सकें की हम कौन हैं और क्यों हैं ”
*समय निकाल कर जरूर पढ़े बार बार पढ़े एक एक लाइन का मतलब मकसद है समझदारों के लिए*
*(पार्ट – 114)*
धर्मनीति,समाजनीति,राजनीति,कानूननिती,तालीमनीति – शिक्षानीति और व्यापारनीति से ईमानदारी बाहर हो रही है और इनपर बे-ईमान नीति हावी हो रही है।
*अगर देश के ईमानदार लोग* इसको रोकने की कोशिश नही किए तो आने वाली पीढ़ी-दर-पीढ़ी को आग के दरिया का सामना करना पड़ेगा।
*”मन” की बात “शमशेर गाज़ीपुरी” के साथ – 94545 74545. …*
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(*पार्ट 114,115,116* पढ़ते रहे आप के हर एक बातो का जवाब मिलता रहेगा)
*कोई पार्टी बुरी नहीं होती कोई देश बुरा नहीं होता कोई परिवार बुरा नहीं होता कोई धर्म बुरा नहीं होता …*
किसी पार्टी, देश, परिवार, धर्म के कुछ लोग बुरे होते है कुछ लोगों के चलते देश, पार्टी, परिवार धर्म में नफरत पनपता है और देश पार्टी परिवार में बिखरांव पैदा होता है और “नफरत” का जन्म होने लगता है कुछ दिन कुछ माह कुछ साल तो ताकत के बल बुते चलता है फ़िर देशवासी सोचते है शायद कुछ सुधार हो जाये इस भरोसे कुछ माह और चलता है, बाद में अनुशासनहीनता के चलते यानी नियमों और आदेशों का पालन करने में विफलता; किसी व्यक्ति या लोगों के समूह के व्यवहार में नियंत्रण की कमी के चलते देशवासी इसके खिलाफ़ होने लगते है क्योंकि हर एक चीज का अंत होता है ?! आगे फ़िर कभी!?
*हिन्दु मुस्लिम करने वाले* देश में नफरत की चिंगारी से आग भड़काने वाले अगर देश से प्यार है देश को विकास की तरफ ले जाना चाहते हो, देश को विश्व गुरु देखना चाहते हो, आने वाले अपने संतानो को खुश देखना चाहते हो, तो आपस में नफरत बंद करों हमें अंग्रेज़ों से आजादी मिली है, वह भी इंसान थे लेकिन वो अपने आप को श्रेष्ठ समझते थे इंसानियत मानवता के वीरुद्ध कार्य करते थे इसलिए हमारे देशवासी उनके विरुद्ध होगये की हमारा देश हमारी धरती और हमारे साथ ही अन्याय , हमारे देशवासी उनके खिलाफ़ होगये और अपने ज़मीन से उन्हे भगाने का मन बना लिया, अगर वह इंसानियत मानवता का काम करते तो ऐसा कभी नहीं होता आज भी वो हमारे बीच रहते, श्रीलंका, बंगलादेश को अभी आपने देखा है वहा भी इंसानियत मानवता के खिलाफ प्रधानमंत्री काम करने लगी थी शासन प्राशासन की ताकत दिखाने लगी थी क्या हुआ जान बचा कर भागना पड़ा. .. हर बुरे, ताना शाह, हिटलर शाह और उनके बल बुते, भरोसे, कार्य करने वालों का साथ देने वालों का भी अंत निश्चित है, जिस दिन देशवासियों की समझ आगयी की हम धर्म जात के नाम पर आपस में लड़ते झगड़ते क्यों है, दंगे फ़साद में ग़रीब और समान्य लोग ही मारे जाते क्यों है 22 करोड़ भूखा सोते क्यों है और मज़ा 20 % लोग करते है जिस दिन देशवासियों को ये बात समझ में आगयी देश को विश्व गुरु से कोई रोक नहीं सकता क्योंकि जब देशवासियों का विकास होता है तब समझो देश तरक्की कर रहा है, कोई कहे देश तरक्की कर रहा है, देशवासियों की स्थिती जैसे का तैसे है तो समझो बिल्कुल एक अफवां है !
*जिस दिन किसी भी देशवासियों* को समझ आगयी की अब हमारे और हमारे देशवासियों के साथ अन्याय होरहा है, नेताओं ने हमे अपने मतलब मकसद मौज़ मस्ती के लिए हमे धर्म जात के नाम पर बाट रखा है और देशवासियों को गुमराह कर रखा है हर एक देश का हाल श्रीलंका बंगलादेश जैसा ही होगा लेकिन सब से बुरा हालत उन देशो का होगा जिस देश की जनसंख्या ज़्यादा है, ज़्यादा जनसंख्या वाला देश को आसान नहीं होगा नियंत्र करना अभी भी वक़्त है मेरे भाइयों दोस्तों मेरे देशवासियों पुरी दुनिया भारत को मानवता इंसानियत वाला देश समझता है फ़िर एक बार पुरी दुनिया में भारत से मानवता इंसानियत का संदेश जाना चाहिए,
लेकिन हमसब को आगे आना होगा अपने देश के आसमाजिक तत्व को समझाना होगा जो अधर्म को धर्म समझ बैठे है धर्म का माने मतलब समझते नहीं है, झूठे इतिहास को सही समझ बैठे है हर एक परिवार को अपने बच्चों को समझाना होगा पढ़ाई लिखाई के उम्र में दंगे फसादात करते नज़र आते है, उनके हाथ में कट्टे, गड़ासे, तलवारे नज़र आता है ये देश के युवाओं के लिए ठीक नहीं है, देश के युवाओं को कौन बर्बाद करना चाहता है इसे समझने की जरूरत है अगर समय रहते देश के युवा नहीं समझे तो देश विनास की ओर जारहा है देश के युवा ही देश के भविष्य होते है, दुनियां के अन्य देश नये नये अविष्कार में खोज में लगी है अपने देशवासियों की खुशहाली में लगी है और हमारे देशवासी मंदिर मस्जिद हिन्दु मुस्लिम दलित आदिवासी कौन किस धर्म जात का है इस खोज में अपनी जिंदगी की मौज़ मस्ती तरक्की से कोसों दूर नज़र आरहा है !
लेकिन नेताओं, व्यपारियों के बच्चे इस भिड़ में कही नज़र नहीं आते है इस बात को समझे और अपने बच्चों को समझाएं धर्म तो ग़रीबो के लिए होता है और बड़े बड़े नेताओं व्यपारियों का कोई धर्म नहीं होता उनके सामने भिड़ में कितने लोग आप के बीच भूखे प्यासे बैठे नज़र आते है हमसब गरीब होते है या कुछ मिडिल परिवार के ..? नेताओं व्यपारियों आईएएस आईपीएस के बच्चे नज़र नहीं आते अगर गलती से नज़र आभी गये तो उनका एक सोची समझी रणनीति होती है !
*भाईचारे की सच्चाई* मानवता इंसानियत की सच्चाई लिख लिख कर थक चुका हू, 🕴️ *झूठ के आगे सच को रोते बिलखते देख रहा हूँ* हम सब कितनो को बर्बाद करते है कितनो को मारते पीटते है कितने खून खराबा करते है *लेकिन*🙏 जब इस संसार के चलाने वाला को गुस्सा आता है क्या करता है आप अक्सर सुनते या देखते होगे भूखलन होगया, भूकंप आगया, बादल फट गयी बाढ़ आगयी, उसे रोक पाना किसी की बस की बात नहीं, अभी आपने देखा होगा बरसात और बाढ़ में अरबों की गाड़िया बह गयी हज़ारों लोग मारे गये !
*फ़िर हम झूठी कहानिया सुन सुन कर एक दूसरे के खून के प्यासे बन बैठे है* इंसान को इंसान से धर्म जात के नाम पर आपस में नफरत करने लगते है, जिस धर्म के स्वर्ग – नर्क, ज़न्नत-ज़हन्नुम के नाम पर दंगे तांडव करते है किस के बाप दादा ने मरने के बाद आकर बताया होगा की स्वर्ग (ज़न्नत) और नर्क (ज़हन्नुम) कैसा है, हमारे धर्म गुरुओं की लड़ाई धर्म – अधर्म की लड़ाई नहीं है श्रेष्टा की लड़ाई है किसके खुदा ने किसके खुदा को और किसके ईश्वर अल्लाह गॉड रब ने किसके ईश्वर अल्लाह को मारा है या मज़ाक उड़ाया है दुनाया के सारे धर्मग्रन्थ क्या कहता है … !?
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*ईश्वर_का_क्या_नाम_है .!?*
*वेद* में ओम ॐ! *बाइबील* में यहोवा ! *कुरआन* में अल्लाह।
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उस का कोई आकार नहीं, रंग रूप नहीं है वह निराकार , अजन्मा है …. !
सारे धर्मग्रन्थ यह विश्वास दिलाते है की ईश्वर केवल एक और अकेला है !
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वेद, ऋग्, श्वेता, बाइबिल, क़ुरआन आदि !
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इस तरह ईश्वर का उल्लेख किया है !
जैसे:- जल, पानी, वाटर, आब, माय आदि शब्द का अर्थ एक ही है उसी तरह ये सब कहने से भी परमेश्वर एक ही है !
जब हमारा माता पिता हमारे एक है तो हमारा रब प्रभु हमारा सृष्टा, हमारा पालनहार अनगिनत कैसे हो सकता है उसका मूरत कैसे हो सकता है, सत्य एक ही हो सकता है अनेक नहीं !
जिस प्रभु ने दुनिया के सारे इंसानो के लिए एक सुरज, एक चांद, फल, फूल, हवा, पानी जीवन, मृत्यु आदि सब के लिए सृष्टी (क़ायनात) का नियम एक बनाया तो फिर धर्म अनेक कैसे हो सकते है !
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“कई बार हर इंसान को लगता है कि हार मान लू फिर उसे याद आता है कि अभी बहुतो को गलत साबित करना है” अगर आपका धर्म आपसे दंगे करवाता है, नफरत करवाता है, इंसान से आपस में भेद करवाता है पाखंड करवाता है, तो धर्म नहीं आप एक गिरोह के चुंगुल में फंसे है !
*”गलतियां” सुधारी जा सकती है, “गलतफहमियां” भी सुधारी जा सकती हैं*
*लेकिन*
*”गलत धारणाएं” कभी सुधारी नही जा सकती।*
“भूलचूक माफ़ी”