न्यूजीलैंड में हो रही हिंदी स्कूल की पढ़ाई, गीता भी पढ़ रहे बच्चे, संस्कृति अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की पहल कर रहे भारतीय
न्यूजीलैंड में हिंदी की बयार बह रही है. वहां के ऑकलैंड और हेमिल्टन में तीन हिंदी स्कूल खुल चुके हैं. इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी हिंदी के साथ ही रामायण, गीता और भागवत पढ़ रहे हैं. भारतीय मूल के लोगों ने हिंदी स्कूल की 2001 में ऑकलैंड के हेंडरसन में वायटेकरे की वेस्ट विंग में नींव डाली थी. दरसअल, उस वक्त वयस्क भारतीय रामायण पढ़ रहे थे, जबकि बच्चे खेल रहे थे. तब स्कूल के चेयरमैन सतेन शर्मा ने पूछा था कि आप रामायण क्यों नहीं पढ़ते. इस पर बच्चों ने कहा था कि वो हिंदी पढ़ नहीं पाते. इस कारण हिंदी स्कूल खोलने की पहल हुई.
फिजी से आए कुछ भारतीयों ने जिम्मा उठाया कि हिंदी में लिखी रामायण का प्रसार अगली पीढ़ी तक हो. 2001 में स्कूल खुला, तो 40 छात्र थे. 2022 तक 260 छात्र हो गए. नई पीढ़ी रामायण पढ़े और संगीतमय गान भी करे, इसीलिए 2003 से भारतीय संगीत पाठ्यक्रम का हिस्सा बना. भारत से आए बसंत मधुर ने तबला, हारमोनियम सिखाना शुरू किया और उनका साथ दिया फिजी के मास्टर अशोक ने. इस पाठ्यक्रम में 5 साल के बच्चे से लेकर 63 साल के बुजुर्ग तक हिंदी और संगीत सीखने लगे.
शर्मा ने कहा- हमारा नारा है-
हमारी भाषा, हमारी पहचान.

