
।। कौन है पितृ और क्या है पितृ दोष और क्या है इस का निवारण।।
पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है
मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृलोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स्वर्ग लोक है| आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में
जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं
की इस अमुक आत्मा ने हमारे कुल में जन्म लेकर हमें धन्य किया | इसके आगे आत्मा अपने पुण्य के आधार पर सूर्य लोक की तरफ बढती है
वहाँ से आगे ,यदि और अधिक पुण्य हैं,तो
आत्मा सूर्य लोक को बेध कर स्वर्ग लोक की तरफ चली जाती है,लेकिन करोड़ों में
एक आध आत्मा ही ऐसी होती है ,जो परमात्मा में समाहित होती है |
जिसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता | मनुष्य
लोक एवं पितृ लोक में बहुत सारी आत्माएं पुनः अपनी इच्छा वश ,मोह वश अपने कुल में जन्म लेती हैं
पितृ दोष क्या होता है?
हमारे ये ही पूर्वज सूक्ष्म व्यापक शरीर से अपने परिवार को जब देखते हैं ,और महसूस करते
हैं कि हमारे परिवार के लोग ना तो हमारे प्रति श्रद्धा रखते हैं और न ही इन्हें कोई
प्यार या स्नेह है और ना ही किसी भी अवसर पर ये हम को याद करते हैं,ना ही अपने
ऋण चुकाने का प्रयास ही करते हैं तो ये आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप
दे देती हैं ,जिसे”पितृ-दोष”कहा जाता है
पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है.ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है
पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं ,आपके आचरण से,किसी परिजन
द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्मआदि में हुई
किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है
।। कुछ सरल उपाय पितृ दोष से मुक्ति के लिए ।।
अमावस्या वाले दिन अवश्य अपने पूर्वजों के नाम दुग्ध ,चीनी ,सफ़ेद कपडा ,दक्षिणा आदि किसी मंदिर में अथवा किसी योग्य ब्राह्मण को दान करना चाहिए
◆ पितृ पक्ष में पीपल की परिक्रमा अवश्य करें |
अगर 108 परिक्रमा लगाई जाएँ ,तो पितृ दोष अवश्य दूर होगा ।।
◆ किसी मंदिर के परिसर में पीपल अथवा बड़ का वृक्ष लगाएं और रोज़ उसमें जल डालें ,उसकी देख -भाल करें ,जैसे-जैसे वृक्ष फलता –
फूलता जाएगा,पितृ -दोष दूर होता जाएगा,क्योकि इन वृक्षों पर ही सारे देवी -देवता ,इतर -योनियाँ ,पितर आदि
निवास करते हैं |
◆ यदि आपने किसी का हक छीना है, या किसी मजबूर व्यक्ति की धन संपत्ति का हरण किया है,तो उसका हक या संपत्ति उसको अवश्य लौटा दें |
◆ पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी एक अमावस्या से लेकर दूसरी अमावस्या तक अर्थात एक माह तक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय काल में एक शुद्ध घी का दीपक लगाना चाहिए,ये क्रम टूटना नहीं चाहिए