सुधा…देख बिटिया तेरे लिए बहुत अच्छा लड़का ढूंढा है हमने देखा फोटो
मां मैंने आपको पहले भी कहा है मुझे शादी नहीं करनी आप छोटी की करवा दो
आखिर तेरी प्रोब्लम क्या है सुधा के पिता गुस्से में बोले
पापा मुझे ये प्यार मोहब्बत शादी रिश्ते सब बेमानी लगते हैं ये सब मतलब के दिखावे है बस
सुधा …. पापा गुस्से से लाल होते हुए चिल्लाने लगे
तो सुधा अपना पर्स उठाकर अपने छोटे से ब्यूटी पार्लर की और बढ़ गई दर असल उसकी दो सहेलियों के साथ शादी के बाद बुरा बर्ताव किया गया था और उसपर घरपर अक्सर टीवी सीरियल में सास बहू का मनमुटाव झगड़ा उसने तय किया कि वह शादी ही नहीं करेंगी
चूंकि स्कूल की पढ़ाई पूरी करके उसने ब्यूटी पार्लर का कोर्स किया था तो एक छोटा सा ब्यूटी पार्लर खोला हुआ था अपनी कालोनी में अभी वह गुस्से में अपनी कुर्सी पर बैठे बुदबुदा रही थी कि अचानक पार्लर के सामने एक ऑटो रुकते हुए देखा उसने खिड़की से देखा तो एक वृद्ध पुरुष और महिला दिखे दरवाजा खोलकर उनका अभिवादन किया उन्हें बैठाया इसके पहले की वो पूछे किसलिए आए हैं मतलब आप दुल्हन के दादा जी दादीजी है तो उन्होंने बताया की वो काफी दूर की कालोनी से आएं है
जी बताइए अंकल जी क्या प्रोग्राम है
तो जबाव अंकलजी काफी शर्माते और सकुचाते हुए बोले मैं इनके बाल रंगवाना चाहता हूं और जो भी आप इनकी सुंदरता को बढ़ाने में प्रयास कर सकती हैं वो कर दीजिए आज शाम को पार्टी है उसके लिए इन्हें तैयार कर दीजिए
सुधा ने गौर से बुजुर्ग आंटी को देखा सफेद बाल चेहरे पर काफी झुर्रियां थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कहां से शुरू करे
खैर उसने अंकलजी से पूछा हेयर डाई टेस्ट करना पड़ता है क्या पहले भी आंटीजी ने डाई लगवाया है
तो अंकलजी शरमाते हुए बोले… हां शादी के समय
सुधा बोली …ओह…उस बात को तो तीस चालीस या उससे ज्यादा साल हो गए होंगे ना
अंकलजी बोले… नहीं बेटा बस एक साल पहले…
सुधा थोड़ा सा फिर चौंक गई तो अंकलजी मुस्कुरा उठे शायद वो सुधा के मन की दुविधा को समझ गए थे
वह बोले… बेटा मेरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और बेटे मुझे अपने साथ रखना नहीं चाहते
मे सरकारी नौकरी से रिटायर हुआ हूं किसी पर आश्रित नहीं हूं ये मुझे मंदिर में मिलीं इनका विवाह नहीं हुआ, बीमार रहतीं थी
बेटा हमें साथ चाहिए था इसलिए हमने शादी कर ली, आज हमारी शादी की पहली सालगिरह है और मैं इन्हें तैयार करवाने आपके पास आया हूं
सुधा की आंखो में आंसू आ गए उसने अंकलजी को चाय बिस्किट्स दिए और टीवी चलाकर आराम से बैठने को कहा और आंटीजी को पार्लर में ले गईं करीब ढाई घंटे बाद उन्हें जब वह अंकलजी के पास लेकर आई
तो उनके चेहरे की खुशियां देखकर वो भी खुशी से झूम उठी कैसे उन दोनों की आंखो में खुशी और आंसु के साथ साथ प्रशंसा के भाव थे दोनों शीशे में एक दूसरे को देखकर खिलखिला रहे थे भूल गए थे दोनो कि वो हैं कहां है दोनो बार बार सुधा धन्यवाद के साथ साथ आशिर्वाद दिए जा रहे थे पेमेंट के नाम पर सुधा ने भी बहुत मामूली सा चार्ज लिया क्योंकि ऐसे प्यार करनेवाले क्लाइंट शायद ही कभी उसके पार्लर में आएंगे
उस समय उसे एहसास हुआ जीवन में हम बहुत से लोगों से मिलते हैं और कुछ याद रहते हैं कुछ भूल जाते है कुछ हमें अच्छाइयों का एहसास कराते हैं तो कुछ बुराइयों का
शायद इसीलिए ईश्वर ने पांच अंगुलियों को बराबर नहीं रखा जो उसकी सहेलियों के साथ हुआ जरुरी तो नहीं वहीं सब उसके साथ भी हो और दुनिया में सभी गलत हो जरुरी तो नहीं ऐसे प्यार करनेवाले एक दूसरे का ख्याल रखनेवाले इंसान भी तो है उसने एकबारगी पर्स उठाया और घर की और चल पड़ी मम्मी पापा ने जो उसके लिए रिश्ता देखा है उससे मिलने बात करने के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ…
एक सुंदर रचना…
#दीप…🙏🙏🙏