बिरजू आज बहुत खुश हो रहा था क्योंकि उसकी सालों की ख्वाहिश आज पूरी होने वाली जो थी बचपन से उसका सपना था एक दिन वो भी किसी हीरो की तरह अपनी बाइक चलाते हुए यहां वहां आए जाएं और पढ़ाई के बाद दो शिफ्टों में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर और कुछ अपनी जेब खर्च बचाते हुए लगभग बारह महीने में उसने दस हजार रुपए इकट्ठा कर लिए थे उसने अपने कुछ दोस्तों को बाइक की खरीदारी के बारे में कहा था जोकि दस हजार रुपए तक आ जाएं कल ही उसके एक दोस्त ने बताया था कि भाई अच्छी बाइक है और बजट भी तेरे मनमुताबिक है बस उसने ठान लिया था कि आज वो बाइक लाकर सबको चौंका देगा सब उसे हीरो जैसे देखेंगे अचम्भित होकर बस इसलिए आज वो बहुत खुश हो रहा था उसे याद है कि उसने एक दो बार अपने पिताजी से अपनी ख्वाहिश बताई थी अमूमन घर के इकलौते बेटे की सभी इच्छाएं उसके पिता पूरी करते हैं ऐसा उसने अपने दोस्तों के साथ होते हुए देखा भी था मगर उसके पिताजी … तुम्हारी पढ़ाई पूरी करवा रहा हूं बहुत है मेरी हैसीयत इतनी ही है ऐसे महंगे शौक पूरे करने हैं तो खुद कमाओ तुम्हारी एक छोटी बहन भी है उसकी शादी भी करनी है मुझे … और वो मनमोसकर रह गया था उसे लगा था एक दिन उसके पिताजी जरुर उसकी ख्वाहिश पूरी करेंगे मगर एक एक्सीडेंट में वो चल बसे तबसे मां और छोटी बहन गौरी सहित बिरजू यही तीन लोगों का परिवार एक साधारण घर में किराए पर रहते थे मां आसपास के लोगों के कपड़े सीलती थी तो वहीं बिरजू टयुशन पढ़ाने लगा था इसी थोड़ी सी आय में बस गुजारा कर ही रहा था मगर आज भी वो बाइक की ख्वाहिश बिरजू के मन में बरकार थी
टयुशन पढ़ाकर बिरजू बिल्कुल हीरो की तरह गुनगुनाते हुए घर से बाहर जा ही रहा था कि उसने कुर्सी पर उदास बैठी अपनी छोटी बहन गौरी को देखा …अरे तुम आज स्कूल नहीं गई ये वक्त तो तुम्हारी क्लास का है ना
हां है तो भैया मगर आज रानी नहीं आई और मेरा स्कूल मिस हो गया
कयुं वो नहीं आएगी तो तुम स्कूल कयुं मिस करोगी
भैया आपको पता है ना रानी स्कूल अपनी साइकिल से जाती है तो में उसके साथ चली जाती हूं में चलाती हूं और वो पीछे बैठकर जाती है वो साइकिल चलाने से बच जाती है और मुझे बहुत मजा आता है साइकिल चलाते हुए मगर …आज वो नहीं आई तो में बस पकड़ने गई मगर पूरा एक घंटे तक इंतजार करके भी आखिरकार मुझे वापस आना पड़ा मेरी रानी से बात हुई तो वह बोली वो छुट्टी पर हैं तीन दिनों तक …बस …अब कल थोड़ा और जल्दी जाऊंगी बस के लिए
ओह …तो इसलिए मेरी गुड़िया उदास है खैर …में बाजार जा रहा हूं और आज जब घर लौटूंगा तो देखना आज तेरा भाई बिल्कुल हीरो लगेगा हीरो … तेजी से बिरजू बोला ताकि उसकी मां भी सुन ले और वो भी समझ जाए बिरजू आज बाइक लेकर लौटेगा
कुछ देर बाद एक बिरजू एक मिठाई का डिब्बा लेकर घर के अन्दर आया और शोर मचाते हुए बोला गौरी… आ देख तो आज …देख आज मेरा सपना सच हो रहा है
क्या है भैया मेरा मन नहीं है
अरे ले और सबका मुंह मीठा करवा कहते हुए बिरजू ने उसके हाथों में ज़बरदस्ती डिब्बा पकड़ा दिया और साथ में एक लिफाफा दिया
ये क्या हैं भैया
तू खुद ही देख ले.. गौरी ने बेमन बिरजू के हाथ से डिब्बा और लिफाफा लिया और जैसे ही उसे खोला तो उसकी आंखें भीग गई थी
अरी क्या है इसमें और क्या कमाल कर दिखाया है जो मिठाई लेकर आया है बिरजू
मां … भैया …. भैया मेरे लिए साइकिल खरीद कर लाएं हैं
साइकिल …. मगर तू तो बाइक … मुझे पता है तू पाई पाई जमा कर रहा था और मैंने कल तेरी राजू के साथ हुई बातचीत भी सुन ली थी फिर ये साइकिल
मां …ये सच है मेरा सपना है अपनी बाइक लेने का मगर अभी बाइक लेने का मन नहीं है फिर कभी ले लूंगा पर मेरी गुड़िया उदास हो और उसकी पढ़ाई पर असर हो ये मुझे अच्छा नहीं लगा आज जब इसे उदास देखा तो लगा जैसे कोई कलेजा निकाल रहा है मेरा और मां मैंने उसी वक्त तय कर लिया था कि आज में अपनी गुड़िया के लिए साइकिल लेकर आऊंगा … मां जब में साइकिल ले रहा था पता नहीं कयुं पापा की याद आई और तब एहसास हुआ कैसे पापा हमेशा हमारे लिए दिन रात मेहनत करके हमारी पढ़ाई घर खर्च चलाते थे कितना कुछ अपने अरमानों को छोड़कर वो हमारी परवरिश जेबखर्च घरखर्च चलाते थे आज मुझे भी अपनी छोटी बहन ,बहन नहीं बल्कि बेटी की तरह नजर आ रही थी
भैया…कह कर गौरी बिरजू के गले लग गई
दीवार पर टंगी अपने पति की हार टंगी फोटो को देखकर सुषमा जी बुदबुदाई आप सच कहते थे एक दिन आपके त्याग प्यार का एहसास आपके बेटे को जरूर होगा आज आपके ही त्याग के बीज बिरजू के भीतर दिखाई दे रहे हैं और ये वो बीज जिसपर एक दिन सुन्दर फूल जरुर खिलेंगे जरुर खिलेंगे कहते हुए मां ने बिरजू के साथ साथ गौरी को भी सीने से लगा लिया
एक सुंदर रचना…
#दीप…🙏🙏🙏