
प्रणाम🙏
आज एक विशेष बात हुई,,दर असल महाशिवरात्रि के उपलक्ष मे मै कांवर लेने हरिद्वार आया हूं,वो मेरे आराध्य भी है! कांवर के लिऐ जब मै बाजार से सामान खरीद रहा था तब ध्यान आया कि एक शिवलिंग और शंख भी लेना है!
परन्तु वहां तो इस बात पर दुकानदार और दूसरे कांवरती के बीच बहस छिडी कि वो शंख जो विक्रेता उसे दिखा रहा है असली है कि नकली! बिक्रेता कहे कि यह शुद्ध असली है,वही कांवरती भी इसके नकली होने का दम्भ भर रहे थे! बात नकली सिद्ध करने पर पुरुष्कार तक देने की बात तय हो गयी! सत्य मानिये बडा आश्चर्य हुआ यह देखकर !
आदरणीय महानुभावों,,
मेरा ️️️मानना है कि शिवलिंग संगमरमर का हो या पारे का । रुद्राक्ष की माला असली है या नकली,शंख असली है या नकली भाव असली नहीं तो सब व्यर्थ।ईश्वर के प्रति हमारा भाव असली होना चाहिए। असली या नकली तो हमारा मन होता है। मन से ही निर्मित है ! असली या नकली ।
क्या फर्क पड़ता है ? शिव तो कण कण में है। जब सब कुछ ईश्वर का है तो फिर असली और नकली का भाव कहां? भाव असली होना चाहिए, फिर नकली माला भी असली हो जाएगी।
दर्श पाने के लिए, ध्यान में गहरे उतरने के लिए, हमारे मन के भाव का निर्मल होना जरूरी है । प्रभु को कुछ भी नहीं चाहिए। प्रभु भक्ति आपको स्वयं उस मार्ग पर ले जाएगी। जहां स्वत ही सब कुछ निर्मल हो जाएगा।
जिस दिन हमारे भाव असली हो जाते हैं। उसी दिन असली और नकली का भेद खत्म। बस जिस दिन यह भेद खत्म हुआ। उस दिन कुछ घटित होगा । जो अद्भुत होगा। मिलने के बाद भी पीड़ा होगी । लेकिन उस पीड़ा को जो झेल जाएगा । वह आगे के आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होगा।
इसलिए मैने निश्चय किया कि जो शंख मेरे पास है वही रहेगा,वही सर्वोत्तम है! क्योकि मै जानता हूं ,मै भले ही नया शंख ले लूं परन्तु प्रयोग वही करूंगा जो करता आया हूं! क्योकि मेरा लगाव विश्वाश श्रद्धा उसी शंख मे हैं!
हमे असली और नकली का भेद न कर अपने भाव को असली बनाना चाहिऐ। जिस प्रकार हम अपने बच्चे को निश्चल प्रेम करते हैं। उसकी हर गलती को नजरअंदाज कर, उससे अथाह प्रेम करते हैं। बस उसी प्रकार जीवन में कितने ही दुख तकलीफ क्यों न हो? ईश्वर को अपने बच्चे की भांति, अपने माता पिता की भांति, हर विपरीत परिस्थिति में प्रेम करते रहे।
जब विपरीत परिस्थिति में भी हम उसे प्रेम कर पाए। तब जानो, हमारा भाव असल रूप में जागृत हुआ। यही प्रेम है। यही भक्ति है, और इसी भक्ति में ध्यान है। दर्शन है। सच्चा भाव है !
हर हर महादेव🙏