
बिस्तर पर औरत को मर्द की बायी और लेटना चाहिए,,
हम सभी काम अपने दाएं हाथ से करते हैं,,, मर्द का दाहिना हाथ खुला रहना चाहिए,,,,,
सोते समय औरत की आदत होती है वह मर्द का कंधा बाजू या छाती पर सर रख कर सोती है। बाएं बाजू या कंधे पर और अपने सर रखा हो तो आदमी का दायां हाथ फ्री होता है
जिससे मर्द को औरत को सहलाने उसके बालों में उंगलियां चलाने मैं कोई मुश्किल नहीं आती है।
औरत भी यही चाहती है कि मर्द उसे सहलाए उसकी सारी थकान उतार दे,,
मर्द औरत की और बायी करवट लेता है।
तब मर्द की दाई नास ऊपर की तरफ होती है। इससे श्वास आने जाने में दाया स्वर चलता है इसे सूर्य स्वर कहते है। इससे शरीर में गर्मी बढ़ती है। जो मर्द के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
औरत जैसे ही पति की तरफ मुख करती है।
उसका बाया स्वर चलता है। बाया स्वर चंद्र स्वर है।इससे औरत अंदर शीतलता बढ़ती है। जो औरत के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
स्वस्थ जीवन ही जिंदगी का आधार है,,,
इसलिए औरत को मर्द की बायी और सोना चाहिए।🙏🙏💐💐🌈
सनातन धर्म में महिला को पुरुष की बाम अंगी बताया गया है। बाम अंगी होने का मतलब होता है कि महिला पुरुष की बाएं भाग का हिस्सा होती है।
और यही कारण है कि धार्मिक चित्रों में शिव के बाएं पार्वती खड़ी रहती हैं,राम के बाएं सीधा खड़ी रहती हैं, विष्णु के बाएं लक्ष्मी खड़ी रहती हैं।
आता है या पूर्व में ही निर्धारित है कि महिला को पुरुष के लेफ्ट में स्थापित होना चाहीये।
सोने के नियम के अनुसार भी हमारा जो बायां हिस्सा है शरीर का वह हमेशा नीचे होना चाहिए दाहिना हिस्सा शरीर का ऊपर की तरफ होना चाहिए यानी कि हमको बाएं करवट ले करके सोना चाहिए।
इसका वैज्ञानिक कारण भी है जो हृदय होता है वह हमारे बाएं भाग में स्थित होता है बाएं भाग में स्थित होने के कारण रक्त का संचरण जब हम बाएं हो करके सोते हैं तो पूरे शरीर में बराबर होता है।
इसी प्रकार जब हम बाएं करवट तो करके सोते हैं तो महिला को भी अपने साथ जब सुला है तो बाएं साइड में ही सुनाएं यह महिला पुरुष के लिए सबसे अच्छा पोजीशन है चाहे उनमें प्रेमालाप करने का हो चाहे साथ में सोने का ।
यह वैज्ञानिक रूप से भी अच्छा होगा और उनके आपसी रिश्ते को मजबूत करने के भी लिए भी अच्छा होगा आपस में प्रेम संबंध स्थापित करने में भी आसानी होगी।