
लंदन के बस चालक का जवाब सुनिए।
रोचक लेकिन सच्ची घटना।
एक अरब मुस्लिम लंदन में एक बस में चढ़ा और उसने बस चालक से अनुरोध किया कि बस में बज रहे पाश्चात्य संगीत (Western Music) को तत्काल बन्द कर दे।
बस चालक ने इसका कारण पूछा तो अरब मुस्लिम ने कहा कि इस्लाम की शिक्षा के अनुसार संगीत सुनना हराम है, क्यूँकि प्यारे नबी के समय संगीत नहीं था और विशेष रूप से पाश्चात्य संगीत।
बस चालक ने विनम्रतापूर्वक रेडियो बन्द कर दिया, बस का दरवाज़ा खोला और अरब मुस्लिम को बस से नीचे उतर जाने का निवेदन किया।
अरब मुस्लिम ने इसका कारण पूछा, बस चालक ने विनम्रता से उत्तर दिया “हे अरबी भाई, प्यारे नबी के समय कोई टेक्सी नहीं थी, कोई बस नहीं थी, कोई बम नहीं थे, हवाई जहाजों का अपहरण करने वाले नहीं थे, मस्जिद में शोरगुल मचाने वाले लाउडस्पीकर नहीं थे, कोई आत्मघाती हमले नहीं होते थे, आर डी एक्स नहीं था, AK 47 नहीं थी, सर्वत्र केवल शान्ति थी।
इस्लामियत के नाम पर दोहरी चाल कहीं और जाकर चलाओ, चुपचाप नीचे उतर जाओ और गंतव्य तक पहुँचने के लिए ऊँट का इन्तजार करो”
आज यह लिखना मज़बूरी है और पढ़ना आपको जरूर चाहिए।
नानक से पहले कोई सिक्ख नहीं था।
जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था।
मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था।
ऋषभदेव से पहले कोई जैनी नहीं था।
से पहले कोई बौद्ध नहीं था।
कार्ल मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहींबुद्घ था।
लेकिन कृष्ण से पहले राम, राम से पहले जमदग्नि, जमदग्नि से पहले अत्री, अत्री से पहले अगस्त्य, अगस्त्य से पहले पतंजलि पतंजलि से पहले कणाद, कणाद से पहले याज्ञवल्क्य, याज्ञवलक्य से पहले सभी “सनातन वैदिक” धर्मी थे।
“राजनीतिक शतरंज” की इन “12 चालों को ध्यान से देखें और समझें।
01. “मुगल”, भारतीय बन गए और भारतीय काफ़िर।
02. “ग़यासुद्दीनखान”, मोतीलाल, जवाहरलाल “नेहरू” इंदिरा, राजीव, माइनो, ये सब “गांधी” बन गए और भारतीय मूर्ख।
03. “मोमिन”, कश्मीरी बन गए और कश्मीरी पंडित शरणार्थी।
04. “बांग्लादेशी” बंगाली बन गये और बंगाली बाहरी हिन्दू।
05. “सैनिको” के हत्यारे और पत्थर बरसाने वाले आंदोलनकारी बन गए और सेना मानवाधिकार उल्लंघनकारी।
06. “टुकड़े-टुकड़े गैंग”, देशभक्त बन गया और, देशभक्त ब्रांडेड कट्टर अतिवादी।
07. “चिता की लकड़ी” पर्यावरणीय चिंता बन गई और दफनाने में बर्बाद होने वाली भूमि जन्मसिद्ध अधिकार हो गई।
08. “राखी” में इस्तेमाल किया गये ऊन से भेड़ को चोट पहुंची और बकरीद में हजारों बकरियों का कत्ल धार्मिक स्वतंत्रता बन गया।
09. “तुष्टिकरण”, धर्मनिरपेक्ष हो गया जबकि, समानता कम्यूनल हो गई।
10. “आरएसएस” आतंकवादी बन गया और ओसामा जी, हाफिज साहेब और हुर्रियत शांति के शिखर।
11. “भारत माता की जय सांप्रदायिक हो गया और भारत तेरे टुकडे होंगे फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन हो गया।
12. “फूट डालो राज करो” नियम बन गया और सबका साथ सबका विकास जुमला।
🙏🏻धन्यवाद 🙏🏻