
🚩जिंदगी के लिए भोजन आवश्यक है न कि भोजन के लिए किसी जीव-प्राणि की हत्या..!
जागो सनातनी जागो!!🚩
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अगले बार जब कभी मांसाहारी भोजन करने बैठे तो ये अवश्य पता कर लीजिएगा कि क्या जिस जीव की हत्या की गई थी हत्या के समय उसके आंखों में ख़ुशी के आंसू थे..!
किसी की वेदना को समझने के लिए आपका संवेदनशील होना अतिआवश्यक है।
फिर वह जीव-प्राणि का कोई भी रूप क्यों न हो उसकी हत्या के बाद उसके अंगों को अपना भोजन बनाना और दूसरे को…
नसीहत देना…
हत्या पाप है,
उचित प्रतीत नहीं होता!
जीवन के लिए भोजन आवश्यक है न कि भोजन के लिए किसी जीव-प्राणि की हत्या..!
और सृष्टि ने स्वादिष्ट व्यंजन के लिए असीमित संसाधन मानव को उपलब्ध करायें हैं!
फिर क्या आवश्यकता है अपने भोजन के लिए किसी की हत्या की जाय और उसके अंगों को अपने भोजन का हिस्सा बनाया जाय…!
आप इसे रोक नहीं सकते तो किसी अन्य धर्म के अनुयायियों को पशु हत्या के लिए दोषी कैसे ठहरा सकते हैं कैसे हम उन्हे बोल सकते है की गौहत्या बंद करो जबकी खुद दूसरे जीव की हत्या कर रहे हैं…?✍🏻👸🏻