
सम्पादकीय
✍🏾जगदीश सिंह सम्पादक✍🏾
*मिट जाते हैं औरों को मिटाने वाले!
*लाश कहां रोती है रोते हैं जलाने वाले!!
सच के सतह पर सत्ता के वर्फ की गिरती फुहारों से कष्टदाई होती बेतहाशा ठंडक लोकतन्त्र की हवा में सिहरन पैदा करने लगी है। हर तरफ दहशत भरी कंपकंपी है! लोगों के चेहरे की रंगत पर हताशा के साथ ही जिज्ञासा भी देखने लायक है! हर तरफ शोर है! क्या अघोषित आपात काल की शुरुआत हो चुकी है! क्या फिर समग्र क्रान्ति का बिगुल बजाने वाला है! क्या वास्तव में वर्तमान इमरजेंसी के तरफ बढ़ रहा है! यह सवाल हर पढ़ा लिखा करने लगा है।सत्ता के गलियारों से ही निकलती आग की लपट से लोकतन्त्र झुलसने लगा है!
यह यूं ही नहीं कहा जा रहा है।इतिहास गवाह जब जब सत्ता के सिंहासन से लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ को तोड़ने की कोशिश शुरु हुई है परिणाम घातक हुए हैं!
कभी भी सत्ता के बादशाह का भला नहीं हुआ है!तमाम विसंगतियों के बीच यह सवाल उभरा है क्या वर्तमान को बदनाम करने की कोशिश तो नहीं शुरु हो गया है! क्या कहीं इसके पीछे भीतरघाती खेल तो नहीं!कहीं सरकारी तन्त्र में सत्ता को उखाड़ फेंकने का मंत्र पढ़ने वाले सक्रिय तो नहीं!
क्यों की जिस तरह से पत्रकार बिरादरी को दबाने की कोशिश जारी है भले फरमान सरकारी है फिर भी इसमें कहीं न कहीं लोचा है! जिसका खुलासा होना ही है? दिल्ली के प्रेस क्लब पर पत्रकारों की गिरफ्तारी के सवाल को लेकर पत्रकारों का जमावड़ा पूरे देश के मीडिया कर्मियों के लिए सुलगती चिंगारी में हवा देने का काम किया है!
छोटे मझोले अखबारों पर आफत है!
उनपर आरोप है करते सरकार की मुखालफत है! कुछ बड़े पत्रकार विपक्ष के हाथ बिके हुए हैं!उनको बाहरी ताकतें फंडिंग कर रही है!देश में विद्वेष पैदा करने के लिए बाहरी ताकतें सक्रिय हैं!
इस तरह की तमाम चर्चाएं आम हो गयी है इस पर पढ़ा लिखा वर्ग बहस शुरू कर दिया है!हकीकत की परत दर परत उभरेगी मगर अभी देर है।आज जो हल्ला मचा हुआ है वह लोकतंत्र के स्वतंत्र आवरण का चीरहरण कर रहा है!
पत्रकारों पर बेतहाषा जुल्म,सच की खबर पर जेल,आखिर यह कैसा है सत्ता का खेल!एक तरफ उच्च न्यालय पत्रकार की स्वतंत्रता पर रोक लगाने से मनाही कर रहा है! सुरक्षा देने का आदेश कर रहा है!
वहीं सरकारी तन्त्र उन्हीं पत्रकारों की तबाही की ईबारत लिख रहा है! हर कदम नवीस सहमा हुआ है! दहशत में फजीहत का सामना कर रहा है!
सच दिखाने लिखने के आरोप में यू पी के खीरी लखीम पुर बलिया, मऊ जिले के पत्रकारों को जेल की हवा खानी पड़ी!
मिर्जापुर में पत्रकार कानून का शिकार हो गया!बिहार का पत्रकार महीनों जेल में सड़ता रहा।?तमाम खबरें है लेकिन जब तक गांव गिराव कस्बा छोटे शहर तक मामला रहता है कोई हलचल नहीं होती ज्योही मिडिया जगत के सुबिधा भोगी पत्रकारों पर गाज गिरी हल्ला मच गया!उनके घरों पर पुलिस रेड के बाद कुछ कारपोरेट घराने के लोग भी अपसेट हो गये! सभी को पसीना छुटने लगा खतरा हर कदम पर दिखने लगा विपक्ष केसियासतदा
परेशान हो गये!
शोर मच गया लोकतंत्र की हत्या की साजिस शुरु हो रही है।मगर सच तो सच होता है!
आज नहीं तो कल सामने आयेगा!मगर सरकारी तन्त्र जिस तरह दहशत का खेल पत्रकारों के साथ खेल रहा है वह निश्चित रूप से भारत के भविष्य के लिए खतरा है।
स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता में बांधा उत्पन्न करना उचित नहीं!
जिसने भी इस पर अंकुश लगाने की हिम्मत दिखाया उसका सत्ता से सफाया हो गया। आज पत्रकार अपने को असहज पा रहा है!
हतप्रभ हैं!
सरकारी खेल मे पत्रकारों को जेल जाते देखकर’परेशान है अपना सम्मान स्वाभिमान को लेकर चिंतित हैं!
सोचने पर मजबूर हैं आखिर
सरकार की मंशा क्या है!
सरकारी तंत्र को इतनी छूट क्यों है!
कलम पर प्रतिबंध किस लिए है!
सच का सवाल तीखा जरुर है!
लेकिन हकीकत के धरातल पर कदम ताल कर रहा है! उसका जबाब कौन देगा!
ज़बाब देह अधिकारी सरकार के नुमाइंदों को भ्रामक खबर देकर जिस तरह का महाभारत रच रहे हैं इसी तरह का खेल इन्दिरा गांधी सरकार में भी हुआ था परिणाम सभी ने देखा! तमाम ज्वलंत मुद्दों पर जहां चर्चा की आवश्यकता है! जहां कार्रवाई की सख्त जरुरत है!
वहां जग हंसाई का कार्य शुरू हो गया है। खीरी लखीम पुर बलिया मिर्जापुर म ऊ, का मामला दब गया मगर दिल्ली के प्रेस क्लब पर पत्रकारों का धरना सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है।
वक्त रहते समाधान सुनिश्चित नहीं किया गया, पत्रकारों पर कार्रवाई बन्द नहीं हुई!
निरंकुश प्रशासन पर अंकुश नहीं लगा तो भारत के भविष्य पर ग्रहण सुनिश्चित है!वर्तमान का समीकरण बदल जायेगा!जो देश के परिवेश के लिए घातक साबित होगा!
सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार कर प्रेस की स्वतंत्रता को बहाल रखना ही चाहिए!
साथ ही देश के साथ गद्दारी व विद्रोह पैदा करने की साजिस में शरीक होने वालों पर सख्त कार्रवाई भी आवश्यक है!
चाहे कोई भी हो!
जयहिंद 🙏🏾
जगदीश सिंह सम्पादक
राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत 7860503468