
म ऊ जनपद के प्रखर पत्रकार राजकुमार शर्मा जी के निधन की खबर से मर्माहत पत्रकार साथियो ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया
साथियों
यह जीवन की यात्रा है तमाम विसंगतियों के साथ प्रारब्ध से उपलब्ध समय ब्यतीत करने के बाद पुनः अपने नियत स्थान पर जाना ही जाना है।फिर भी अपनों के बीच से जब किसी प्रिय के गोलोक वासी होने की खबर मिलती है मन द्रवित हो उठता आत्मा रो उठती है। दिल दिमाग अवचेतन के तरफ चला जाता है।यही तो माया का खेल है यह तो सभी जानते हैं आज नहीं तो कल सभी को चला जाना है फिर भी आवागमन के मोह से मुक्त नहीं हो पाता है। प्रकृति के परिमार्जित ब्यवस्था में आस्था के वशीभूत इस जीवन के पड़ाव पर लगाव कायम हो जाता है! वर्ना असलियत तो किसी को पता नहीं हम है कौन !जाना कहां !आया कहां से! वेद !पुराण !रीचा! तथा धर्म ग्रन्थों में वर्णित तथ्यों के अवलोकन से ही नवचेतन के सार्वभौम सत्य का आभास हो पाता है।आया है सो जायेगा राजा रंक फकीर-सच यही है।
जीवन पथ के कंक्रीट भरी राहों में समय का शोकाकुल वक्त कब आ जाये पता नहीं।
मऊ जनपद के प्रखर पत्रकार मिलनसार प्रिय मित्र राजकुमार शर्मा जी का निधन हो गया!
सुनकर दिल रो उठा मुस्कराता खिल खिलाता मिलने वाला मित्र पवित्र आत्मा बनकर इस मतलबी जहां से अलविदा कह गया।
जीवन पर्यन्त पत्रकारिता का दामन पकड़े भाई ने जाते जाते जो दर्द दिया है उनकी मुस्कराहट भरी कमाई को कोई कमी भूल नहीं पायेगा।
आज मऊ जनपद के पत्रकार साथी मर्माहत है आहत हैं चाहत के चितेरे का महाप्रयाण आज दिल को झकझोर दिया है। सम्वेदना व्यक्त करते हुये सभी की आंखें नम है शोकाकुल परिवार को इस दुःख की घड़ी में भगवान सहन शक्ति दें इसकी हर किसी की कामना है।
यह आनी जानी दुनियां है सभी का महा प्रयाण होना है।यहां कुछ अपना नहीं।फिर भी माया बस दर्द का उठना लाजमी है।
हम आप को कभी नहीं भूल पायेंगे मित्र आपका मुस्कराता चित्र हमेशा यादों में बना रहेगा।