
यह हर घर की सच्चाई है कि एक बाप अपनी बेटी को बचपन से लाड़-प्यार से पालता है। पर जब बेटी का जीवन सुखी और संपन्न हो,
इसके लिए दाम्पत्य जीवन में बांधने के लिए सब कुछ दांव पर लगा देता है।
विदाई का समय हृदयविदारक होता है। 😢👰
कर्ज वाली शादी नहीं, सादा और सादगी से बहन-बेटियों का वैवाहिक आयोजन होना चाहिए,
जिससे दिखावा और कर्जदार होने से बचा जा सके।
बेटी की विदाई के समय वह सबसे मिलकर रोती है,
पर जब विदाई के वक्त कुर्सी समेटते बाप को देखती है,
तो जाकर झूम जाती है और लिपट जाती है।
उसे कसकर पकड़ती है, जैसे माँ अपने बेटे को।
क्योंकि वह जानती है कि यही बाप है,
जिसने उसकी हर जिद पूरी की थी। 👨👧💕
बाप खुद भी रोता है, और बेटी की पीठ थपक कर उसे हिम्मत देता है कि बेटा,
चार दिन बाद आऊंगा तुझे लेने।
फिर जान बूझकर किसी कोने में जाकर फूट-फूट कर रोता है।
यह दर्द केवल एक बेटी का बाप ही समझ सकता है। 😢💔
जब तक बाप जिंदा रहता है,
बेटी मायके में हक से आती है,
और घर में भी जिद कर लेती है।
कोई कुछ कहे तो डटकर बोल देती है कि यह मेरे बाप का घर है।
पर जैसे ही बाप की मृत्यु हो जाती है,
बेटी उस घर में अपने हक के साथ नहीं रह पाती।
उसकी हिम्मत और आत्मविश्वास टूट जाता है। 😞🏠
बाप की मौत के बाद बेटी अपने भाई-भाभी के घर में वैसी जिद नहीं कर पाती,
जो अपने पापा के वक्त करती थी।
जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया,
क्योंकि जब तक बाप था, तब तक सब कुछ उसका था।
यह बात वह अच्छी तरह से जानती थी। 😔👗
आगे लिखने की हिम्मत नहीं है,
बस इतना ही कहना चाहता हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है,
पर वह कभी बोलता नहीं।
और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है,
पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है।
🥺👨👧
बाप-बेटी का यह अनमोल रिश्ता हमें सिखाता है कि सच्चे रिश्ते सिर्फ प्यार और समर्पण से बने होते हैं।
हमें इस रिश्ते की अहमियत को समझना चाहिए और अपने बाप का हमेशा सम्मान करना चाहिए। 💖🙏