
पटना. बिहार के गया जिले में दशरथ मांझी की लव स्टोरी एक मिसाल है। यह कहानी एक मामूली मजदूर की है जिसने अपने हाथों से 22 साल तक उस पहाड़ को काट डाला जो उसकी पत्नी की मौत की वजह बना। लोगों ने पागल करार दे दिया था…
गया जिले के गलहौर घाटी के मजदूर दशरथ मांझी को इस सनक की वजह से लोगों ने पागल तक करार दे दिया था।
दशरथ 1960 से लेकर 1982 तक एक पहाड़ को छेनी और हथौड़ी से काटते रहे थे।
रोज घर से सुबह निकलते और शाम को पहाड़ी से घर आते। दशरथ की जिद थी कि पहाड़ काटकर रास्ता बनाएंगे। आखिरकार 22 साल में उन्होंने 25 फीट ऊंची, 30 फीट चौड़ी और 360 मीटर लंबी पहाड़ी काटकर सड़क बना डाली थी। राज्यपाल रामनाथ कोविंद दशरथ मांझी के गांव गेहलौर पहुंच कर उनके परिजनों से भेंट भी किए है। यहां वे माउंटेन मैन दशरथ मांझी के समाधिस्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से मुलाकात भी किए है।
दशरथ मांझी गहलौर घाटी में रहते थे। पहाड़ी के उस पार रोज मजदूरी करने जाते थे। उनकी पत्नी फगुनी देवी रोज पहाड़ को पार कर दशरथ के लिए खाना और पानी लेकर जाती थी। एक दिन खाना ले जाने के दौरान पहाड़ पर मिट्टी का घड़ा गिर गया और पैर फिसलने से फगुनी देवी गिर गई।घायल पत्नी की बाद में मौत हो गई जिसे देख दशरथ को बहुत दुख हुआ। दशरथ ने उस पहाड़ी को काटकर रास्ता बनाने का निर्णय ले लिया।
अपने समय में पीएम से मिलने पैदल चले गये थे दिल्ली, दशरथ मांझी 1972 में पैदल ही रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे दो महीने में दिल्ली पहुंच गए थे।
बिहार के नेता रामसुंदर दास से मुलाकात की थी और पीएम से भी मिलने गए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने मिलने से रोक दिया था।बन चुकी है जीवन पर फिल्म 2015, में फिल्म डायरेक्टर केतन मेहता ने ‘मांझी : द माउंटेन मैन’ के नाम से दशरथ मांझी की लाइफ और लव स्टोरी पर फिल्म बनाई थी।दशरथ मांझी का रोल नवाजुद्दीन सिद्दिकी और उनकी पत्नी फगुनी की भूमिका राधिका आप्टे ने निभाई थी। इस फिल्म की 85 फीसदी शूटिंग गहलौर घाटी में हुई थी।
रिपोर्टर कैलाश सिंह महराजगंज