
दिव्यांग महिला ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी,राज्य महिला आयोग लखनऊ उत्तर प्रदेश,श्रीमान पुलिस अधीक्षक उन्नाव उत्तर प्रदेश से दुबारा अतिरिक्त अधिकारी से विवेचना कराने की लगाई गुहार
दिव्यांग महिला की एफ आई आर में भगत सिंह विवेचक ने कर दिया बड़ा खेल
महिला बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त गणों से लिया रुपया 20000 बचाने के लिए लगा दी एफआर
उन्नाव – आज बात की जाए देश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की जहां बराबर महिला बेटियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की बात न्यूज़ चैनल पेपर में की जा रही है परंतु कुछ पुलिस के आला अधिकारी वर्दी पहनने के समय ली कसम नोट की गड्डी लेकर हेराफेरी करने में लगे है घटना है दिनांक,26/06/ 2022 की मामला है थाना अचलगंज जनपद उन्नाव का एक दिव्यांग महिला अपने पति के संग शिवपुर कुर्मियांन थाना अचलगंज से मौरावा मोटरसाइकिल से पति के साथ जा रही थी,तभी शिवपुर कुर्मियांन के पास घात लगाए बैठे कानपुर चमनगंज के रहने वाले महिला बेटियों से छेड़छाड़ करने वाले 4 लोगों ने मोटरसाइकिल को रोका पति के साथ मारपीट की पत्नी से की छेड़छाड़ जिसका मुकदमा थाना अचलगंज में अपराध संख्या,179/22 हुआ दर्ज विवेचक भगत सिंह ने आरोपी से ₹20000 लेकर अभियुक्त गणों को बचाकर मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक उन्नाव से दोबारा विवेचना कराए जाने की गुहार लगाई और प्रार्थना पत्र देकर आग्रह किया परंतु बीघापुर क्षेत्र अधिकारी दोबारा विवेचना लगाई हुई भगत सिंह की f.i.r. में कराना नहीं चाहते पत्रकार द्वारा पूछा गया तो कहना है चार्जशीट न्यायालय में दाखिल हो चुकी जब कि सच्चाई यह है अभी तक चार्जशीट न्यायालय तक नहीं पहुंची आखिर इस तरह की गले बाजी भ्रष्ट अधिकारियों की कब तक उत्तर प्रदेश में जारी रहेगी कब तक ऐसे अधिकारी मुख्यमंत्री जी के आदेशों पर पानी फेरते आयेगे कब तक पीड़ित महिला बेटियां इसी तरह आरोपी गणों की शिकार होती रहेगी भगत सिंह जैसे अधिकारियों की भ्रष्टाचारी की भेट चढ़ती रहेगी क्या यही है महिला सशक्तिकरण का पाठ आखिर पुलिस अधीक्षक उन्नाव क्यों नहीं करा रहे इस f.i.r. की दोबारा जांच क्या पीड़ित को उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन से न्याय नहीं मिलेगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी दिव्यांग महिलाओं के लिए हर समय सहायता करने की बात कर रहे हैं परंतु भगत सिंह जैसे अधिकारी सफेद में काला करते आ रहे हैं,आखिर क्यों नहीं कराई जा रही भगत सिंह जैसे अधिकारियों की जांच जो एक दिव्यांग महिला के 164 के 161 के बयान को ताक पर रख दिया जबकि उच्च न्यायालय का आदेश है किसी भी महिला पुलिस कस्टडी में दिए गए 164 के बयान न्यायालय के आदेश अनुसार पालन किया जाए परंतु न्यायालय की भी अवमानना कर डाली वारे भगत सिंह यह कैसा है तेरा करिश्मा आरोपी से 20000 रिश्वत लेकर वर्दी को तार-तार कर दिया