
सत्र 2008 से भैया दूज के पावन अवसर पर रक्षाबंधन का सोनी शुक्ला ने लिया कठिन संकल्प
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार उपाध्याय अमूल्यरत्न न्यूज समाचार
सत्र 2008से शुरू किया है बस हरि इच्छा तक मैं अचानक बुद्धेश्वर बाबा के मंदिर के पास में मायापुरम कॉलोनी है उसी में प्लांट देखकर अपने आलमबाग निज निवास स्थान रामनगर में जा रही थी उस समय मैं काफी परेशान थी पर रिंग रोड का जो पुल चढ़ता है वहीं पर एक छोटा संबंधित गणेश जी का स्थापित मंदिर है मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि उस मंदिर से आवाज आई की परेशान मत हो बहन हम तुम्हारे साथ हैं उस प्रतिमा की आवाज मुझे इतनी तेजी से सुनाईं दी कि उसकी आवाज आज भी मेरे कान में सुनाई देती है पहले तो मुझे आश्चर्य हुआ मैंने अपने पति को बताया और मेरे मन में अपने आप ऑटोमेटिक एक जिज्ञासा आई के में आज से इनको रक्षाबंधन और भाई दूज का पावन पर्व गणेश प्रतिमा के पास आकर पूजन अर्चना करूंगी और आशीर्वाद मांगूंगी इसी बहाने मैं गणेश जी की बहन हो गई हूं और मैं कुछ दिन से आज तक मेरे अपने जो सगे भाई हैं मैंने उनको रक्षाबंधन भाई दूज नहीं खिला पाया लखनऊ से हमारी शादी हुई हमारा मायका पीलीभीत जिला में है जब कभी आते थे भाई तब उनको भाई दूज खिलाती थी राखी भी बांधती थी लेकिन कुछ बरसों से सिर्फ में अपने भाई गणेश जी को ही राखी बांध देती हूं और जब तक मेरा जीवन है तब तक मैं रक्षाबंधन भैया दूज पर्व हमेशा मानते रहूंगी मुझे आशा है कि मेरा मायका एक मंदिर में है बहुत सुकून मिलता है जीवन को जिसका भाई गणेश हो मेरा तो जीवन धन्य हो गया जो मुझे गणेश जैसा भाई मिल गया हैप्पी भैया दूज और मैं अपने भाई से प्रार्थना करती हूं सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें और अपनी बहन की लाज बचाए रखें यह कहानी हमारे जीवन से जुड़ी है इसको मैं आपके साथ साझा कर रही हूं मेरे साथ कई बार हमारे राष्ट्रीय महासचिव संतोष दुबे जी भी रक्षाबंधन और भाई दूज पर मंदिर में सम्मिलित हुए पूजन अर्चना में आज लक्ष्मीकांत शुक्ला त्रिपुरेश शुक्ला हरकेश शुक्ला हमारे साथ मौजूद रहे मंदिर के पुजारी जी भी मौजूद थे जनहित में जारी है यह संदेश जनहित सर्व समाज सेवा समिति राष्ट्रीय कवियत्री अध्यक्ष सोनी शुक्ला क्रांति लखनऊ उत्तर प्रदेश