ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर राज्य सरकार के निर्देश और इससे क्या होगा फायदा
उत्तर प्रदेश में अब गैर कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों का पंजीयन करना जरूरी होगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं। मीडिया में प्रकाशित खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक कृषि कार्य के अलावा अब दूसरे कार्यों में भी वैध रूप से ट्रैक्टर-ट्राली का उपयोग किया जा सकेगा। गैर कृषि कार्य के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग शीघ्र ही ट्रालियों का भी पंजीकरण शुरू करेगा। परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सोमवार को अधिकारियों को भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार की ट्रालियों के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रालियों के पंजीयन के संबंध में तकनीकी अधिकारियों द्वारा ट्राली का अनुमोदित डिजाइन जारी कराया जाए। इसके बाद ट्रालियों का पंजीकरण किया जाए। अभी कृषि कार्य के अलावा जितने भी व्यवसाय में ट्राली इस्तेमाल हो रही है, वह अवैध है। पंजीकरण से ट्रैक्टर ट्राली के गैर कृषि कार्य में इस्तेमाल करने वालों का उत्पीडऩ नहीं किया जा सकेगा।
नियम-कानून से दुर्घटनाओं में आएगी कमी
परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम के सभागार में वर्चुअल माध्यम से समीक्षा में कहा कि अभी ट्रालियों का पंजीकरण नहीं होता है। इनके कारण सडक़ दुर्घटनाएं भी अधिक होती हैं। नियम-कानून से ट्रालियों के संचालन में सडक़ दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। बता दें कि कई बार दुर्घटना होने पर वाहन चालक टक्कर देकर निकल जाता है। पंजीकरण नहीं होने से वाहन की पहचान नहीं हो पाती है। इसके कारण दोषी वाहन चालक पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। राज्य में हजारों की संख्या में अवैध ट्रैक्टर ट्रॉलियों का गैर कृषि कार्य में इस्तेमाल हो रहा है जैसे- ईंट भट्टों, खनन, भवन निर्माण सामग्री आदि की ढुलाई कार्य में इनका बिना पंजीयन के इस्तेमाल हो रहा है। इससे राज्य सरकार के पास गैर कृषि कार्य में कितनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगी हुई है इसकी जानकारी तक नहीं है। इसलिए राज्य सरकार की ओर से गैर कृषि कार्य में लगी ट्रैक्टर टॉलियों का पंजीयन करना अब जरूरी कर दिया गया है