
एक तालाब था उसमें एक मछली रहती थी और पास में ही एक बगुला..
मछली अपने तालाब की सबसे होशियार लड़की थी.. पढ़ने में तेज घर के सभी कामो में एकदम चतुर..
बगुले की उसपर काफी समय से नजर थी..
उसने एक दिन उससे बात करने की कोशिश की..
मछली ने अपने घर वालों से बताया तो घर वालों ने समझाया बेटा बगुले से दूर रहना खा लेगा तुम्हे..
लड़की बोली ठीक है…
घर वाले भी इतना समझाकर सोचे हो गया हमारा कर्तव्य..
लेकिन बगुले को पता था कैसे फांसना है मछली को…
उसकी ट्रेनिंग थी उसके पास..
उसने पढा था इन सबके बारे में..
वो जानबूझकर उसके आसपास घूमता..
कभी आम खाता कभी जामुन कभी अमरूद..
मछली सोचने लगी घर वाले तो बोलते हैं ये बगुले तो मछली कीड़े सब खाते हैं..
ये तो नही खा रहा..
कुछ दिनों बाद मछली से उसने फिर बात की..
मछली धीरे धीरे उससे बात करने लगी..
उसे घरवालों की तमाम बातें झूठी लगने लगी जो उसने बगुले के बारे में सुन रखी थी..
वो प्यार से उसे बग्गू कहने लगी..
कोई समझाता तो कहती मेरा वाला बग्गू वैसा नही है..
वो मछली नही खाता..
मेरे परिवार और मेरी इज्जत करता है..
स्मार्ट गोरा भी है.. मेरा बग्गू अलग है..
एक दिन वो अपने बग्गू के पास जाती है..
बग्गू उसे बिना नमक मिर्च मसाला के कच्चा चबा जाता है..🙏🏻🙏🏻*