
आजकल आदिपुरुष फिल्म में हनुमान जी व अन्य चरित्रों की वेश भूषा को लेकर काफी विवाद हो रहा है ।
अक्सर वामपंथी, लिबरल और विधर्मी किस्म के लोग भी हनुमान जी आदि को लेकर हिंदू धर्म का उपहास करते हैं ।
आइए वैज्ञानिक तरीके से समझते हैं हनुमान जी कौन थे, कैसे दिखते थे और कैसे हिंदू ( सनातन ) धर्म आदि काल से है ।
हनुमान बंदर हैं, इंसान हैं या अलौकिक शक्ति ?
सबसे पहले, वह न तो बंदर है और न ही इंसान । आप उन्हें अलौकिक समझ सकते हैं । लेकिन जब से उन्होंने इस धरती पर अवतार लिया है, वे एक सामान्य जीव का जीवन जीते हैं ।
वाल्मीकि जी की रामचरित मानस के अनुसार हनुमान जी सभी वेदों, पुराणों और अन्य शास्त्रों को जानते हैं । बुद्धि की कमी के कारण बंदर ऐसा नहीं कर सकता । बंदर बोल भी नहीं सकते, लेकिन लिखा है कि हनुमान दूसरों से बातचीत करते थे । इसलिए वे बंदर नहीं थे।
बंदरों में सभी जीवित प्राणी जैसे चिंप, ओरंगुटान, लंगूर, गोरिल्ला आदि शामिल हैं।
उन्हें (हनुमान और उनके दोस्तों) बंदरों की तरह पूंछ के साथ दिखाया गया है । जिनको वानर सेना का नाम दिया गया ।
रामचरित मानस, किसी अन्य पुराने धार्मिक ग्रंथ या किसी पाठ्य पुस्तक में भी बंदरों के लिए वानर शब्द का उल्लेख नहीं है । वानर का मतलब बंदर या कुछ और भी नहीं है। वास्तव में वानर और बंदर में अंतर है ।
हनुमान कपि नामक जाति से थे। कार्बन डेटिंग और फॉसिल्स से आज के वैज्ञानिकों ने भी साबित कर दिया है कि लाखों साल पहले निएंडरथल नाम की एक प्रजाति मौजूद थी। वे बंदरों की तरह दिखते थे लेकिन इंसानों (होमो सेपियंस) के बराबर या उससे भी ज्यादा बुद्धिमान थे ।
वह प्रजाति 12,000 से 15,000 साल पहले विलुप्त हो गई थी ।
यह बात चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत से भी सिद्ध होती है । वह प्रजाति मध्य से दक्षिण भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया और इंडोनेशिया में रहती थी। वे बहुत पहले अफ्रीका, मध्य पूर्व में उत्पन्न हुए थे और आज हमने उन्हें निएंडरथल नाम दिया है ।
वे बंदरों के समान दिखते थे और उनमें होमो सेपियन्स (आज के इंसान) की भावना थी और उनमें इंसानों से ज्यादा ताकत थी।
निएंडरथल गुफाओं में रहते थे। हम यह भी जानते हैं, हनुमान जी का जन्म कर्नाटक, भारत के किष्किंधा में हुआ था । आज भी यहां बहुत सारी गुफाएं और पहाड़ देखे जाते हैं ।
जीवाश्मों ने साबित किया है कि निएंडरथल और होमो सेपियन्स पूरे अफ्रीका और भारत में एक साथ रहते थे। उन्होंने एक साथ बात भी की और एक साथ पले। हनुमान जी की मां अंजना बिना पूंछ वाली होमो सेपियन्स थीं, जबकि उनके पिता केशरी की पूंछ थी ।
बाली और सुग्रीव की भी होमो सेपियन्स पत्नियाँ थीं, जबकि वे निएंडरथल थे।
अफ्रीका में होमो सेपियंस 1,90,000 साल पहले अस्तित्व में आए । 70,000 साल पहले वे अफ्रीका से भारत आए थे । तब, भारत में होमो फ्लोरेसेंसिस रहते थे।
जो विलुप्त हो गए और जिनके जीवाश्म इंडोनेशिया में पाए जाते हैं ।
भारत के मध्य प्रदेश में होमो इरेक्टस के जीवाश्म पाए गए । वे 18 लाख साल पहले विलुप्त हो गए थे।
इसी तरह, बंदर और मानव के बीच दिखने वाली कई अलग-अलग प्रजातियां अब विलुप्त हो चुकी हैं ।
ये सभी कार्बन डेटिंग और डार्विन की थ्योरी से रामायण में वर्णन के अनुसार मेल खाते हैं। ऐसी कई प्रजातियां थीं जो बंदर की तरह दिखती थीं, लेकिन वास्तव में अलग थीं। आज भी आपको मानव की विभिन्न जातियाँ मिलेंगी जो दुनिया भर में इतनी आदिम दिखती हैं ।
तो हनुमान जी निएंडरथल प्रजाति यानी कपि के वंश से हैं ।
और हाँ वे वानर थे। वन (वन) + नर (मनुष्य)। वह आदमी जो जंगल में रहता है ।
संशोधन के साथ साभार संकलित