
अटल बिहारी वाजपेयी विदेश यात्रा पर जा रहे थे एक युवक ने उन्हें नमस्ते की……………….
उन्होंने गौर नहीं किया फिर बाद में किसी ने अटल जी को बताया कि युवक तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी का पुत्र राजीव गाँधी था जो उस हवाई जहाज पर पायलट था
समय बदला और इन्दिरा गाँधी की मृत्यु के बाद राजीव गाँधी प्रधान मंत्री बने, अटल जी विपक्ष में थे
किडनी की ऐसी बीमारी से ग्रसित थे जिसका इलाज अमेरीका मे र्ही था और पैसे की तंगी की वजह से अटल जी अपना इलाज नहीं करवा पा रहे थे
ये बात किसी तरह राजीव गाँधी को पता चल गई,
एक दिन उन्होंने अटल जी को अपने ऑफिस बुलाया और कहा कि वो उन्हें उस दल में शामिल कर रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहा है
अटल जी बोले लेकिन मैं तो विपक्ष में हूँ, राजीव गाँधी ने कहा मैं जानता हूँ और इसीलिये आपको भेज रहा हूँ कि अमरीका से अपना पूरा इलाज करवा कर आ सकें
21 मई सन 1991 में राजीव गाँधी की हत्या हो गई थी
और जब अटल जी प्रधानमन्त्री बने तो एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपने साक्षात्कार में जब अटल जी से राजीव गाँधी के व्यक्तित्व के विषय में पूछा तब अटल जी ने कहा कि……………….
“आज मैं राजीव गाँधी की बदौलत ही ज़िन्दा हूँ”
ये सारा वाक़या बताया और कहा कि राजीव गाँधी ने इस बात का ज़िक्र किसी से भी करने के लिये मना किया था लेकिन आज वो दुनिया में नहीं हैं इसलिये ये बात बता रहा हूँ और अटल जी आगे बताया कि अमरीका से इलाज करवा कर लौटने ने बाद अटल जी ने एक पत्र लिखकर राजीव गाँधी का धन्यवाद किया था
“आज के घिनौने राजनीतिक दौर में ऐसा एक भी नेता नहीं है जो इन दोनों महान नेताओं की तरह विपक्ष और विरोध के बावजूद भारतीय मानवता के बहुमूल्य मूल्यों को जीवित रख सके”