
सुंदर पत्नी…
विनोद एक लेडीज शोरूम पर काम किया करता था वहां सुंदर से सुंदर लड़कियां और महिलाएं कपड़े खरीदने आया करती थी।
विनोद जब खूबसूरत महिलाओं को देखता तो उसे भी लगता मैं भी एक खूबसूरत लड़की से शादी करूंगा जब मैं उसके साथ बाजार शादी या पार्टी में निकलूंगा तो लोग देखते ही रह जाएंगे और सब लोग यही कहेंगे वाह विनोद ने क्या अच्छी किस्मत पाई है।
रोज की तरह विनोद आज भी शाम को घर लौटा मां ने एक लड़की का फोटो दिखाते हुए कहा विनोद तेरे लिए लड़की देखी है ,पसंद कर ले,
विनोद ने फोटो में देखा सिंपल सी एक पतली दुबली लड़की सांवले रंग की।
विनोद ने फोटो टेबल पर गुस्से से पटकते हुए मां से कहा यह तो जरा सी भी सुंदर नहीं है हमारे शोरूम में तो एक से एक सुंदर लड़कियां आती हैं
मैं नहीं करूंगा ,,इस लड़की से शादी,, इतना कहकर विनोद अपने कमरे में चला गया।
विनोद ने ठान लिया मैं शादी नहीं करूंगा उस सांवली लड़की से चाहें मुझे घर से भाग जाना क्यों ना पड़े
मां पीछे-पीछे विनोद के कमरे तक आई और खूब समझाया घर के सभी सदस्यों ने समझाते हुए कहा,, अच्छी लड़की है,, पढ़ी लिखी है,, घर के कामकाज भी खूब कर लेती है ।
विनोद गुस्से से कमरे से निकलकर छत पर आ पहुंचा बिना कुछ खाए पिए ही रात भर छत पर पड़े एक टूटे पलंग पर लेटा रहा। जैसे तैसे सुबह हुई विनोद दुकान पर जाने के लिए तैयार हो चुका था आज उसका नाश्ते में कुछ भी खाने का मन नहीं कर रहा था।
विनोद अपने शोरूम पर जाने के लिए हमेशा पैदल पथ का ही सहारा लेता था वह रास्ते में आने जाने वाली लड़कियों को देखता हुआ आगे बढ़ रहा था उसे राह में जो भी खूबसूरत लड़की दिखती उसे लगता इससे मेरी शादी होनी चाहिए, अचानक उसका पैर पैदल पथ पर पड़े केले के छिलके से फिसल गया और वह पास पड़े कचरे के डिब्बे के ऊपर गिरा धड़ाम ।
वही एक ब्यूटी पार्लर की शॉप थी उसमें से एक औरत बाहर निकली तुरंत विनोद को उठाया अपने ब्यूटी पार्लर के भीतर ले जाते हुए कहा ,,ज्यादा चोट तो नहीं लगी भैया,,
अंदर एक गद्देदार ऊंची कुर्सी पर बैठा दिया।
इतने में जींस और टीशर्ट पहने हुए एक महिला ब्यूटी पार्लर के भीतर आई सामने पड़ी दूसरी खाली कुर्सी पर बैठ गई।
विनोद उस सांवली सी महिला को देखने लगा ।
एक धागे की मदद से उसकी आइब्रो बना दी उसकी आंखें खूबसूरत लगने लगी बालों पर प्रेस करके बालों की चमक और बढ़ गई, चेहरे पर ब्लीच फेशियल और ना जाने क्या-क्या क्रीम लगाने के बाद
उस महिला की खूबसूरती में चार चांद लग गए
विनोद इस कलाकारी को देखकर दंग रह गया
विनोद समझ चुका था दुनिया की सभी दिखने वाली सुंदर लड़कियां और महिलाएं सिर्फ एक दिखावा है।
सब ईश्वर की संतान है हमें काले गोरे का भेद नहीं रखना चाहिए जिसका मन सुंदर है वहां जिस्म का कोई मोल नहीं रहता
देश को और समाज को एक अच्छे गुणों वाली पत्नियों की तलाश है।
जो अपने पति का घर स्वर्ग बना दे।
मां ने मुझे कल जिस लड़की का फोटो दिखाया था
वह लड़की ब्यूटी पार्लर जाकर खुद को सज संवर कर भी फोटो खिंचवा सकती थी।
पर उसने ऐसा नहीं किया,,
वह जैसी है खुद को वैसे ही रखना चाहती है। यही उसकी खूबसूरती का खजाना है,,
विनोद ने तुरंत अपनी जेब से मोबाइल निकाला और अपनी मां को फोन पर बताया ।
मुझे वही लड़की पसंद है,, जिसे मैं कल कह रहा था ,, ना ,, ना ,, ना,,,,