
जब मेरी शादी हुई थी तो मेरी उम्र महज 18 साल थी पतिदेव की उम्र 30 साल थी, शादी के शुरुवाती दिन में हमारे बीच सब अच्छा था, दिन में कितना भी झगड़ा हो लेकिन रात में पति को करीब पाता देख हम दोनो भूल कर एक हो जाते
पहले तो मैंने घर वालों को मना किया क्यों की पति को उम्र ज्यादा थी पर घर वाले नहीं माने,
लेकिन समय के साथ रिश्तों में खटास आती है जो मेरे साथ भी होने लगा
अब क्यों की मैं सिर्फ 18 की थी तो खाली होने के बाद मैं अपनी सहेलियों से बात करती और जोर जोर से हंसती थी
ये बात मेरी सास को बिलकुल पसंद नहीं थी उन्होंने बोला बेटा नया नया शादी हुआ है ससुर हैं जेठ हैं इनका लिहाज किया करो
लेकिन मैं आदत से मजबूर थी मैं किसी की बात नहीं मानी
समय के साथ साथ मेरी सास मुझसे नफरत करने लगी और मुझे भी इसका कोई परवाह नहीं पड़ा
शादी के 1 साल बाद मेरे पति को काम से विदेश जाना हुआ जिसके लिए मैने भी बोला की चले जाईए,
तो उन्होंने बोला की मात्र 2 महीने के लिए जाना है कम्पनी सिर्फ मेरा खर्च देगी
लेकिन मुझे तो बस मायका जाना था
इसी बात को लेके हम दोनो में अनबन हो गई और मैं अपने मायके आ गई
फिर रोज हमारी लड़ाई इसी बात पर होती थी की मुझे भी अपने साथ ले चलिए चूंकि मुझे अपने मायके जाना था और वो बोलते घर में मां और पापा अकेले हैं भैया की तबियत खराब रहती है
तुम यहीं रहो
मैने भी जवाब में बोला की परिवार से शादी नही हुई है तुमसे हुई है, काफी बहस के बाद मेरे पति ने बोला
जाओ जो समझ में तूम्हारे आए वो करो , ( टालने के मुड में ) पतिदेव ने कहा कि तूम्हारा पासपोर्ट भी अभी नहीं बना है बनवा लो उसके बाद चलो
इधर उन्होंने हां कहा और मैं निकल ली पासपोर्ट बनवाने
अब जब पासपोर्ट बना तो ये और गुस्सा हो गए और बोलने लगे तुम सिर्फ अपने मन का करती हो
मैने बोला हां मुझे कुछ करने के लिए किसी की सहमति की जरूरत नहीं है मैं स्वयं कर सकती हूं
मेरे माता-पिता ने मुझे इतना पढ़ाया है
बात आगे बढ़ी और सास तक पहुंची तो उन्होंने भी यहीं बोला की तुम अभी चली जाओगी तो मैं अकेली हो जाऊंगी सिर्फ 2 महीने की बात है
उसके बाद मैं इस शर्त पे रुकती हूं की मैं ये 2 महीना अपने मायके रहूंगी घर पर नहीं रहुंगी
उसके बाद पति बाहर जाते हैं और 2 महीने बाद वापस आते हैं लेकिन वो मुझे विदा कराने नही आते
हमने जब फोन किया तो उधर से जवाब आता है शादी की जाती है एक परिवार आसानी से चले, सहयोग से चले पर तुम सिर्फ अपने बारे में सोचती हो
अब ये रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता मैं तुम्हे लेने नही आऊंगा, जब ये बात मेरे घर वालो को पता चली तो पापा और मां कॉल करने लगे
में भी अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट से कभी समझौता नहीं करना चाहती थी तो मैंने भी माना कर दिया की अब मैं तब तक नहीं जाऊंगी जब तक तुम मुझे लेने नही आते
वो तो नहीं आया और उसके रिश्ते तोड़ने के लिए पेपर भेज दिए
मैने भी कोई समझौता नहीं किया और तलाक दे दिया, 22 में शादी हुई और 23 साल में मेरा तलाक हो गया
घर वालों ने बहुत समझाया, लेकिन मुझे मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट प्यारी थी,
आज मेरी उम्र 30 साल है,
25 साल की उम्र में मैने फिर से शादी करने का फैसला लिया लेकिन अब असली समस्या सामने आने लगी
25 की उम्र में मुझे 45 40 साल के पुरुष मिलते या तो इनकी पत्नी मर चुकी थी या फिर कोई तलाक शुदा था
लेकिन अभी तक मेरी दूसरी शादी नही हो पाए है क्यों की मेरे यार एक ठप्पा लगा है दूसरी शादी का
ताव में लिए गए फैसले अकसर गलत होते हैं, जब मैं अकेली होती हूं तो यही सोचती हूं काश बाहर जाने की जिद ना की होती तो ये दिन ना देखना पड़ता
लड़के की दूसरी शादी हो गई एक बेटी भी है लेकिन मेरी जिंदगी कई साल पीछे चली गई और भविष्य भी अंधकार में है
मेरी 5 बहन हैं उस समय सब ने मेरा साथ दिया था लेकिन आज सिर्फ मुंह पर बोलें भर का रिश्ता है कोई भी सपोर्ट नही है ना बहनों से ना मां बाप से
आज कल को लड़किया जिंदगी अपने शर्त पर जीना चाहती है, तलाक लेना या शादी तोड़ना एक बहुत ही आम बात समझती हैं क्यों की फिल्मों और सीरियल में यही दिखाया जाता है
बिना पुरुष के सपोर्ट के और प्रोटेक्ट के हम लड़किया कितनी भी काबिल हो जाएं मन में एक डर हमेशा बना रहता है
लेकिन कोई पुरुष आप के पीछे है तो वो डर मन में नही आता ये बात अधिकतर महिला नही बोलंगी क्यों किस इससे उन्हें अहम को ठेस पहुंचती है
आज की लड़कियों से मैं ये बोलूंगी की कुछ भी हो जाए कभी भी छोटी छोटी बातो को आधार बनाकर तलाक जैसा फैसला मत लेना क्यों की इसके बाद तुम्हारी जिंदगी और भी बत्तर हो जाएगी
जिंदगी आपकी है निर्णय लेना आपकी ज़िम्मेदारी है, सोच समझ कर ही कोई निर्णय ले जिससे कल को पश्चाताप न करना पड़े
सुमन पाण्डेय