
बहुत पहले एक राजा था जिसकी बेटी बड़ी हो गई थी और उसके लिए राजा ने बहुत से वर देखा।
लेकिन राजा की बेटी से शादी करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।
तब राजा ने पूरे राज्य में ऐलान कर दिया कि जो भी अमीर या गरीब मेरी बेटी से शादी करेगा उसे मुंह मांगी रकम दुंगा,
बस मेरी एक शर्त है कि हर रोज सुबह उठते ही मेरी बेटी से पांच लात मार खाना होगा।
पूरे राज्य में कोई भी पांच लात जिन्दगी भर मार खाने के लिए तैयार नहीं था जिसकी वजह से शादी के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।
कुछ दिनों के बाद एक किसान का बेटा राजकुमारी से शादी करने के लिए तैयार हो गया।
राजा उससे पूछा कि शादी में आपकों जो भी धन दौलत जागीर चाहिए
बता दीजिए मैं सबकुछ भिजवा दू।
किसान के बेटे ने कहा कि:— राजा साहब हमें आपसे थन दौलत जागीर कुछ नहीं चाहिए,देना है तो बस चार वस्तु दें दीजिएगा। राजा ने कहा:— क्या? लड़के ने कहा कि:— सूप, ( सूप जिससे अनाज पछोरा जाता है) मुर्गी, बकरी और तलवार। राजा बड़ा चकित था लेकिन उसकी बात मान ली।
शादी हो गई और लड़के ने बैलगाड़ी पर राजकुमारी दुल्हन को बैठाया। एक झोले में मुर्गी रखा, बैलगाड़ी के ऊपर सूप बांध दिया । और बैलगाड़ी के पीछे बकरी के गले की रस्सी बांधी और अपने घर के लिए चल दिया।
रास्ते में मुर्गी कुर्र.. कुर्र.. बोलने लगी तो दूल्हे लड़के ने मुर्गी से शांत रहने को कहा किन्तु मुर्गी को भूख प्यास लगी थी इसलिए मुर्गी बार बार बोले जा रही थी, लड़के ने मुर्गी के ऊपर झल्ला कर मुर्गी को गालियां देते हुए टांग पकड़ कर कई बार पटक दिया और फिर सर मरोड़ कर फेंक दिया। और आगे बढ़ा फिर कुछ दूर जाने के बाद हवा बहने लगी। हवा से सूप हिलने लगा और बैलगाड़ी में लड़ कर खटर पटर की आवाज करने लगा। लड़के ने सूप को बार बार शांत रहने को कहा किन्तु सूप से आवाज आती रही। लड़के ने फिर झल्ला कर सूप को पकड़ लिया और गालियां देते हुए लातों से लगा मारने। उसने सूप को इतना मारा कि सूप तार तार हो गया और उसे वहीं फेंक कर आगे बढ़ा।
कुछ दूर जाने के बाद बकरी को भूख प्यास लगी, और वह में.. में.. बोलने लगी लड़के ने उसे शान्त रहने को कहा किन्तु बकरी बोलती रही और वह डांट डांट कर चुप कराता रहा। इतने में अपने घर के पास आ गया तो उसने झल्ला कर तलवार उठाया और बकरी का सर काट दिया और बकरी मर गई जिसका उसने घर पर सब्जी बनवा दिया और बोला कि राजा से मैंने सिर्फ चार वस्तु ही मांगा था जिनमें से तीन तो रास्ते में ही रह गई।बस तलवार ही बची है।
राजकुमारी दुल्हन को अपने कमरे में बैठाते हुए बोला कि, कल परसों में जब तुम्हारे पिताजी आए और तुमसे कुछ भी पूछे तो उनकी हर बात पर सिर्फ जी कहना। अब राजकुमारी दुल्हन पूरी रात यह सोचती रही कि यह कितने क्रोधी है जो मेरे पिता जी की दी हुई वस्तुओं को रास्ते में ही समाप्त कर दिया, सिर्फ मैं ही बची हूं। उसे सोचते हुए कब सुबह हो गई उसे पता ही नहीं चला और पांच लात मारना भी याद नहीं रहा। और वह भीगी बिल्ली की तरह रहने लगी।
तीन दिन के बाद राजा ने सोचा कि अब चलकर बिटिया को देख आऊं कि वह कैसी है। राजा बिटिया के घर आ गए और दामाद जी से बिटिया का हाल पूछा तो दामाद जी ने कहा कि उसे बुला देता हूं आप खुद ही पूछ लीजिए उसके बुलाने के बाद राजा ने बिटिया से उसका हाल पूछा तो वह परदे में रहकर जी. जी में उत्तर दी। राजा बड़ा प्रसन्न और चकित हुआ। उसने दामाद जी से अकेले में हाथ जोड़कर कहा कि दामाद जी अब आप चलकर इसकी मां को भी ठीक कर दीजिए। दामाद जी ने कहा कि राजा साहब आपकी बिटिया कच्चे घड़े के समान थी इसलिए इसको सुधार लिया लेकिन इसकी मां पक्के घड़े के समान है। इसलिए अब उसमें सुधार नहीं हो सकता है।
दोस्तों जब अपनी बेटी कोई ग़लती करती है या घर में किसी की नहीं सुनती अपनी वाली करती है तो नजरअन्दाज कर देते हैं कि जाने दो बिटिया है ।यह नहीं सोचते कि यही बिटिया किसी की बहू बनेगी। और इसी तरह कुछ घरों में जब नई बहू आती है तो उसको इतना सर पर चढ़ा लेते हैं, और उसकी आदत खराब कर देते है जबाद में वही बहू उन्ही को ख़राब लगने लगती है।