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👉 पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा- पाकिस्तान को संकट से उबार सकते हैं PM मोदी, बातचीत का रास्ता खुला रखना जरूरी
पाकिस्तान इस समय गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
देश के पास तीन अरब अमेरिकी डॉलर से भी कम विदेशी मुद्रा भंडार बचा है।
इस बीच, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश को आर्थिक संकट से उबार सकते हैं।
हालांकि दुलत ने यह भी कहा कि उन्हें कोई अंदरूनी जानकारी नहीं है।
‘अमेरिका बहुत दूर है, हमारे पड़ोसी करीब’
दुलत ने ईरान-रूस-चीन धुरी के अस्तित्व में आने की चेतावनी भी दी और कहा कि भारत का नया सहयोगी अमेरिका बहुत दूर है, लेकिन हमारे पड़ोसी करीब हैं।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा, पाकिस्तान से बात करने के लिए हर वक्त सबसे अच्छा मौका होता है।
हमें अपने पड़ोसियों को जोड़े रखने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि थोड़ा और सार्वजनिक जुड़ाव के साथ बातचीत को खुला रखना जरूरी है।
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‘पाकिस्तान को संकट से उबार लेंगे पीएम मोदी’
रॉ के पूर्व निदेशक ने आगे कहा, इस साल मेरा मानना है कि मोदी जी पाकिस्तान को संकट से उबार लेंगे।
हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें कोई अंदरूनी जानकारी नहीं है।
दुलत के बारे में माना जाता है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख के रुप में उन्होंने पड़ोसी देश में गहरी पैठ बनाई थी।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, देशभर में बिजली की कटौती, राजनीतिक अस्थिरता और पाकिस्तान रुपये की कीमत में गिरावट ने पड़ोसी देश को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की मांग करने के लिए मजबूर किया है।
कई विश्लेषकों का मानना है कि इसी तरह के संकट से निपटने का पाकिस्तान का पुराना तरीका काम नहीं आ रहा है, जहां उसने अपनी भू-राजनीतिक स्थित का लाभ उठाया है और वैश्विक भागीदारों से कर्ज लिया है।
इसलिए वह शांति और व्यापार पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए और खुला हो सकता है।
‘पाकिस्तान की घरेलू राजनीति से प्रभावित रहे हैं संबंध’
हालांकि दुलत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ संबंध हमेशा घरेलू राजनीति से प्रभावित रहे हैं।
घरेलू धारणाएं दोनों देशों के बीच शांति वार्ता में बाधक रही हैं।
पाकिस्तान ने भारत के निर्यात को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा देने से भी इनकार किया है, जबकि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को इसे देने के लिए बाध्य है।
सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना गुटनिरपेक्ष परंपरा
खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख ने वीडियो के जरिए इंटरव्यू में कहा, चीन के लिए कूटनीतिक प्रयास को और अधिक खुली कूटनीति की आवश्यकता है (जहां चीनी) संतुष्ट महसूस करते हैं कि भारत उनके लिए मायने रखता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठकों के बावजूद भारत, अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, इधर आप मुंह मोड़ें और उधर ट्रंप का स्वागत करें, यह चीन को रास नहीं आता है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सभी पक्षों के साथ अच्छे समीकरण बनाए रखना भारत की गुटनिरपेक्ष परंपरा का हिस्सा है।
विकसित हो रही ईरान, रूस और चीन की मजबूत धुरी
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ईरान, रूस और चीन की एक मजबूत धुरी विकसित हो रही है।
उन्होंने पड़ोसियों से संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में सुधार हुआ है, जो बहुत सकारात्मक है, लेकिन अमेरिका बहुत दूर है, पड़ोसी हमारे करीब हैं।