
*ये कथा रात को सोने से पहले घर मे सबको सुनायें*
अपनी नई नवेली दुल्हन किरन को, शादी के दूसरे दिन, ही दहेज मे मिली नई चमाचमाती गाड़ी से, शाम को दिनेश लॉन्ग ड्राइव पर लेकर निकला !
गाड़ी बहुत तेज भगा रहा था ,किरन ने उसे ऐसा करने से मना किया तो
बोला-
अरे जानेमन !! मजे लेने दो, *आज तक दोस्तों की गाड़ी चलाई है,* आज अपनी गाड़ी है, सालों की तमन्ना पूरी हुई। मैं तो खरीदने की सोच भी नही सकता था, *इसीलिए तुम्हारे डैड से मांग करी थी।*
किरन बोली :-अच्छा, म्यूजिक तो कम रहने दो (आवाज कम करते करते हुए किरन ने कहा)
तभी अचानक *गाड़ी के आगे एक भिखारी आ गया*, बडी मुश्किल से ब्रेक लगाते, पूरी गाड़ी घुमाते हुए दिनेश ने बचाया,फिर तुरंत उसको गाली देकर बोला-
अबे मरेगा क्या भिखारी साले , देश को बरबाद करके रखा है तुम लोगों ने।
किरन गाड़ी से निकलकर उस भिखारी तक पहुंची तो देखा बेचारा अपाहिज था उससे माफी मांगते हुए पर्स से 100रू निकालकर उसे दिए और बोला –
माफ करना काका वो हम बातों मे?कही चोट तो नहीं आई ? ये लीजिए हमारी शादी हुई है मिठाई खाइएगा ओर आर्शिवाद दीजिएगा…
उसे साइड में फुटपाथ पर ले जाकर बिठा दिया भिखारी दुआएं देने लगा,
गाड़ी मे वापस आकर जैसे ही किरन बैठी दिनेश बोला :- तुम जैसों की वजह से इनकी हिम्मत बढती है *भिखारी को मुंह नही लगाना चाहिए*
किरन मुसकुराते हुए बोली – *भिखारी तो मजबूर था इसीलिए भीख मांग रहा था वरना सब कुछ सही होते हुए भी लोग भीख मांगते हैं दहेज लेकर!* जानते हो खून पसीना मिला होता है गरीब लड़की के माँ – बाप का इस दहेज मे
आपने भी तो पापा से गाड़ी मांगी थी तो कौन भिखारी हुआ?? वो मजबूर अपाहिज या ….??
एक बाप अपने जिगर के टुकड़े को २० सालों तक संभालकर रखता है दूसरे को दान करता है जिसे कन्यादान “महादान” तक कहा जाता है ताकि दूसरे का परिवार चल सके उसका वंश बढे और किसी की नई गृहस्थी शुरू हो..
उसपर दहेज मांगना भीख नही तो क्या है बोलो ..?
दिनेश एकदम खामोश नीची नजरें किए शर्मिंदगी से सब सुनता रहा क्योंकि
किरन की बातों से पडे तमाचे ने उसे बता दिया था कि *कौन है सचमुच का भिखारी……*