
“सच्ची सुंदरता….
बिरजू ….ये देख … तेरे लिए तेरी जीवनसाथी चुनी है मैंने बेटा देख तो कितनी प्यारी बच्ची है कहते हुए मां ने बिरजू के हाथों मे लड़की की तस्वीर रख दी
बिरजू ने तस्वीर देखी तो वह कुंढ कर रह गया तस्वीर में एक साधारण सी दिखने वाली लड़की की सादगी से सूट सलवार में खड़ी हुई पिक्चर थी और उसपर उसका रंग सांवला था बस बिरजू गुस्से से बिफर पड़ा …. क्या मां यही मिली आपको मेरे लिए … जानती है में जिस कपड़ों के शोरूम में काम करता हूं वहां एक से एक सुंदर लड़की आती है रंग इतना साफ़ और गोरा होता है कि ऐसा लगता है जैसे फिल्मों की हीरोइन सामने खड़ी हुई हो मां में ऐसी सुंदर लड़की से शादी करुंगा ऐसी वैसी सांवली सी लड़की से नहीं अरे जब बाहर निकलूं तो लोग उसे देखकर जलभुन जाएं और मां सोचो ऐसी सुंदर बहु के साथ जब तुम बाहर या किसी पार्टी फंग्शन में जाओगी तो रिश्तेदारों में एक अलग ही रुतबा होगा तुम्हारा
पागल ….ये रंग रुप भला सुंदरता के कबसे मायने बनने लगे पगले सच्ची सुंदरता तो व्यहवार में मीठी बोली बड़ों का आदर सत्कार करना होती है
मुझे नहीं पता मां ….मे किसी सुंदर लड़की से ही शादी करुंगा बस
देख बिरजू सुधा मेरे एक जानकार सहेली की बेटी है में उसे अनेकों बार मिल चुकी हूं जब मिलो मन में घर कर जाती हैं इतना प्यार से बोलती है आदर सत्कार करना अपने से बड़े बुजुर्गो को ही नहीं बल्कि छोटे से भी उसका व्यवहार बेहद मिलनसार है उसदिन रिक्शेवाले से बड़ी तमीज से बात करते हुए देखा स्वयं गन्ने का जूस पीने से पहले उस रिक्शेवाले को भी लेकर दिया जब मैंने इसकी वजह पूछी तो वह बोली … आंटीजी … हमारी तरह इन भैया को भी तो प्यास लगी होगी … बात छोटी सी थी मगर उसने मेरे दिल को छू लिया
मगर गुस्से से भरे बिरजू ने फोटो को टेबल पर पटकते हुए कहा मैं नहीं करूंगा इस लड़की से शादी इतना कहकर वह अपने कमरे में चला गया
बिरजू ने ठान लिया मैं शादी नहीं करूंगा उस सांवली लड़की से चाहें मुझे घर से भाग जाना क्यों ना पड़े
मां पीछे-पीछे उस के कमरे तक आई और खूब समझाया उसकी छोटी बहन ने समझाते हुए कहा भैया अच्छी लड़की है पढ़ी लिखी है घर के कामकाज भी खूब कर लेती है कल को आपके जीवन में सहयोगी बनेगी और इस जीवन के सफर को एक अच्छे साथी की जरूरत होती है मान जाइए ना एकबार मिलकर तो देखिए फिर फैसला कीजिए
आखिरकार जैसे तैसे बेमन बिरजू लड़की को देखने मिलने के लिए तैयार हो गया सभी घरवालों के साथ वह वहां पहुंचा उसने मन में तय कर लिया था वह लड़की को देखेगा भी नहीं और बहाने से बाद में मना कर देगा
लड़की चाय लेकर आई वह आज भी साधारण कपड़ों में ही थी एक सादगी से सूट सलवार पहने हुए बिरजू ने एक दो बार चोरी नजरों से उसे देखा वो सोचकर गया था की कोई भी कमी बताकर वो मना कर देगा मगर उसका व्यवहार सबसे अच्छा था बातचीत में भी उसने जब बेमन से चाय के साथ पकोड़े खाएं तो वह लाजवाब बने थे जोकि उसी लड़की ने बनाए थे उसे ऐसी ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर उसकी मां की तरह मीठा बोलने वाली पत्नी चाहिए थी मगर ये …ये सांवली है मुझे तो किसी फिल्मी हीरोइनों जैसी सुंदर लड़की से ही शादी करनी है
कुछ ही समय में वह लड़की देखने की औपचारिकता पूरी करते हुए वहां से वापस घर लौट आए जब मां बाबूजी और छोटी बहन ने उसकी इच्छा पूछी तो उसने कहा वो बाद में बताएगा दर असल उसे सोचने का समय चाहिए था की वो क्या कहकर उस लड़की से शादी को मना कर सके बिरजू गुस्से से कमरे से निकलकर छत पर आ पहुंचा बिना कुछ खाए पिए ही रात भर छत पर पड़े एक टूटे पलंग पर लेटा रहा जैसे तैसे सुबह हुई बिरजू शोरूम पर जाने के लिए तैयार हो चुका था पर आज उसका नाश्ते में कुछ भी खाने का मन नहीं कर रहा था
बिरजू अपने शोरूम पर जाने के लिए हमेशा पैदल पथ का ही सहारा लेता था वह रास्ते में आने जाने वाली लड़कियों को देखता हुआ आगे बढ़ रहा था उसे राह में जो भी खूबसूरत लड़की दिखती उसे लगता इससे मेरी शादी होनी चाहिए अचानक उसका पैर पैदल पथ पर पड़े केले के छिलके से फिसल गया और वह पास पड़े कचरे के डिब्बे के ऊपर धड़ाम से गिर गया
वही पास में एक ब्यूटी पार्लर की दुकान थी उसमें से एक औरत बाहर निकली तुरंत बिरजू को उठाया अपने ब्यूटी पार्लर के भीतर ले जाते हुए कहा ज्यादा चोट तो नहीं लगी बेटा …और एक गद्देदार ऊंची कुर्सी पर बैठा दिया अभी बिरजू अपने कपड़े साफ कर ही रहा था कि इतने में जींस और टीशर्ट पहने हुए एक महिला ब्यूटी पार्लर के भीतर आई सामने पड़ी दूसरी खाली कुर्सी पर बैठ गई
बिरजू उस सांवली सी महिला को देखने लगा
ब्यूटी पार्लर वाली महिला की एक सहयोगी ने एक धागे की मदद से उसकी आइब्रो बना दी उसकी आंखें खूबसूरत लगने लगी बालों पर प्रेस करके बालों की चमक और बढ़ गई, चेहरे पर ब्लीच फेशियल और ना जाने क्या-क्या क्रीम लगाने के बाद उस महिला की खूबसूरती में चार चांद लग गए बिरजू इस कलाकारी को देखकर दंग रह गया चंद मिनटों में वो महिला अपने ऊपर किए मेकअप का बिल अदा करते हुए वहां से निकल गई तकरीबन ऐसे ही एक दो और महिलाएं वहां आई और और विभिन्न तरीकों से सुंदर दिखाई देते हुए वहां से जाती रही बिरजू अब समझ चुका था दुनिया की सभी दिखने वाली सुंदर लड़कियां और महिलाएं सिर्फ एक दिखावा है
सब ईश्वर की संतान है हमें काले गोरे का भेद नहीं रखना चाहिए जिसका मन सुंदर है वहां जिस्म का कोई मोल नहीं रहता देश को और समाज को एक अच्छे गुणों वाली पत्नियों की तलाश है जो अपने पति का घर स्वर्ग बना दे असल में वहीं सच्ची सुंदरता है
मां ने मुझे कल जिस लड़की का फोटो दिखाया था वह लड़की ब्यूटी पार्लर जाकर खुद को सज संवर कर भी फोटो खिंचवा सकती थी पर उसने ऐसा नहीं किया वह जैसी है खुद को वैसे ही रखना चाहती है यही उसकी खूबसूरती का खजाना है बिरजू ने तुरंत अपनी जेब से मोबाइल निकाला और अपनी मां को फोन पर कहा मां मुझे वो लड़की पसंद है सचमुच वो सुंदर है बहुत सुंदर
आप रिश्ते के लिए हां कर दीजिए कहकर मुस्कुराते हुए मोबाइल कट कर जेब में रख लिया और ब्यूटी पार्लर वाली महिला को दोनों हाथ जोड़कर धन्यवाद करते हुए अपने शोरूम की और बढ़ गया…
एक सुंदर रचना…
#दीप…🙏🙏🙏