
“प्यार का फार्मूला……
मोहन और सुधा दोनो एकदूसरे से बेहद प्यार करते थे दोनों के परिवार ने भी इनके एक होने पर पर अपनी स्वीकृति दे दी थी ….
मगर सगाई के दिन जब सभी परिवार के लोग इकट्ठा हुए थे तो अचानक प्रोग्राम मे सुधा के मामा मामी मे कुछ नौकझौक सी हुई और बात बढकर झगड़े तक पहुंच गई ….
हालांकि सुधा के मम्मी पापा ने दोनों को समझाया और मामला शांत किया मगर ये सब देखकर सुधा विचलित सी हो उठी मोहन उस मननस्थिति को समझते हुए बोला …कया हुआ तुम ऐसे परेशान सी कयुं हो गई…
मोहन …मामाजी और मामीजी का वो झगड़ा….. मुझे घबराहट सी हो रही है कही कल यदि हमारे बीच भी ऐसा ही हुआ तो ….यहां तो मम्मी पापा ने संभाल लिया वहां अगर उसवक्त कोई नहीं हुआ तो ….
तो….सुधा ….ये सब होना गृहस्थी मे एक स्वाभाविक प्रक्रिया जैसा है जहां प्यार होता है वहां नौकझौक तो होगी ही दर असल हमेशा एकदूसरे को कभी कभी बातचीत या फैसला लेते हुए यही लगता है वो सही है दूसरा सामनेवाला गलत ….बस यही कारण है झगडें का और गुस्सा होने का ….मगर इसका एक कारगर उपाय भी है एक फार्मूला जोकि प्यार से जुडा हुआ है….
प्यार का फार्मूला ….सचमे वो कया…. मुझे भी बताओ ना….
सुधा …..पति पत्नी दोनों एकदूसरे के पूरक होते है देखो हमारे गृहस्थजीवन मे भी कभी ना कभी नौकझौक तो जरूर होगी और गुस्सा भी जरूर आएगा …
बस जब मुझे गुस्सा आएगा तब तुम शांत रहना और जब कभी तुम्हें गुस्सा आएगा तो मे एकदम चुप रहूंगा ….
वक्त लेगे और वक्त देगे एकदूसरे की बातों को समझने के लिए …..एकदूसरे की सुनेंगे शांति से और समझने की पूर्ण कोशिश करेंगे कि आखिर सामनेवाला कया कहना चाहता है उसका मतलब कया है बस….यही करना है हमें ….देखना हमारे मनमुटाव या नौकझौक कहासुनी गुस्से को सुलझाने के लिए कभी तीसरे की कहीं जरूरत नहीं पडेगी ….और ये आजमाया हुआ फार्मूला है ….
मेरे मम्मी पापा ….बचपन से देखता हुआ आया हूं अक्सर दोनों जबभी नौकझौक करते है तो ऐसा ही करते है ….आखिर में एकदूसरे की बातों को समझकर हंसते मुस्कुराते मान जाते है सुधा ….जिंदगी मे कभी कभी ये हुनर भी आजमाना चाहिए ….जहां जंग हो अपनों से तो हार जाना चाहिए ….
कयोंकि इस हार मे भी जीत आपकी ही होती है और यही तो प्यार का फार्मूला ….जिसमें आप अपने जीवनसाथी के साथ उसकी बातों को महत्व देते है …सुधा मतभेदों को मनभेदो मे कभी नहीं बदलना चाहिए ….
अचानक सभी उपस्थित परिजनों की तालियों ने दोनों का ध्यान खींचा जोकी उनकी बातचीत बडे ध्यान से सुन रहे थे …अब सबकी तरह मोहन और सुधा दोनों के चेहरों पर भी सुकून भरी मुस्कुराहट थी
एक सुंदर रचना…
#दीप…🙏🙏🙏