
शनिवार 02 अप्रैल से प्रारंभ होगा नया संवत्सर, चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना
महराजगंज,आर्यावर्त अंक ज्योतिष विज्ञान केंद्र संस्थापक आचार्य लोकनाथ तिवारी ने बताया कि इस वार नये साल पर माँ घोड़े पर बैठ कर अपने भक्तों पर कृपा करेंगी और भैंस की सवारी पर जायँगी
चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष अर्थात नव संवत्सर प्रारम्भ होता है ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार श्रीसंवत 2079शक 1944राक्षस नामाब्द तदुपरांत 28 अप्रैल 2022 दिन में 03 बीज कर 45 के वाद नल नामक संवत्सर का प्रवेश होता नव संवत्सर आरम्भ हो रहा है। इसी दिन से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, साल के दो गुप्त और दो नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। कोई भी काम शुरू करने के लिहाज से नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि में नौ दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है। सूर्य सिद्धान्त पर आधारित गणना के आधार पर उदया तिथि को ही नव संवत्सर की शुरुआत मानी जाती है इसी कारण 02 अप्रैल 2022 दिन शनिवार से 11 अप्रैल 2022 दिन सोमवार तक रहेगा भारतीय संस्कृति का सर्वमान्य नववर्ष अर्थात् नव संवत्सर 2079 की शुरुआत होगी।
ज्योतिर्विद आचार्य लोकनाथ तिवारी ने बताया कि शास्त्र सम्मत ऐसी मान्यता है कि सृष्टि रचयिता परम पिता ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी। अतः इसी को आधार मानकर काल गणना का सिद्धान्त चलता है | चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को जो दिन या वार पड़ता है वही उस संवत्सर का राजा होता है और सूर्य की मेष संक्रांति जिस दिन होती है उस दिन से संवत्सर के मंत्री पद का निर्धारण होता है। इस नव संवत्सर में राजा का पद शनिदेव को एवं मंत्री का पद देव गुरु वृहस्पति को प्राप्त हो रहा है। यह संवत्सर साधारण एवं शुभ फलप्रदायक होगा। जनता एवं समाज में सौम्यता, स्थिरता बनी रहेगी, राजनीतिक दलों सहित समस्त संस्थाओं द्वारा किया गया कार्य-योजना जनता के हित में होगा, शासन तंत्र अपना कार्य कर पाने में सफल होगा और धार्मिक क्रिया कलापों में सामान्य वृद्धि होगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 2022-
ज्योतिर्विद आचार्य लोकनाथ तिवारी ने बताया कि 02 अप्रैल 2022, शनिवार की सुबह 06 बजकर 22 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। कुल अवधि 02 घंटे 09 मिनट की रहेगी। इसके अलावा घटस्थापना को अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। वहीं प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल 2022 को दोपहर 11 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और 2 अप्रैल 2022 को सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगी
02 अप्रैल को सूर्योदय 5:51 बजे और प्रतिपदा तिथि दिन में 11:29 बजे तक है। रेवती नक्षत्र दिन में 12:57 बजे तक, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र है। ऐंद्र योग सुबह 8:22 बजे तक, इसके बाद वैधृति योग है। इस दिन धाता नामक औदायिक योग भी है। ये सभी योग इस नवरात्र को अत्यधिक शुभ बना रहे हैं।