
सम्पादकीय
✍🏾जगदीश सिंह सम्पादक✍🏾
बड़े सलीके से ये कारनामा कर देगा!
गुनाह अपना वो सब मेरे सर धर देगा!!
जलाया नहीं जिसने अपने घर एक चिराग!
वो कहता घर को मेरे रौशनी से भर देगा!!
वक्त की बात है साहब कभी जिसके नाम का जलवा कायम था आज उसी के नाम पर लोग बिफर रहे है!
देश की शान में इजाफा है!
इन्सानियत का लगातार हो रहा मुनाफा है!
फिर भी पता नहीं क्यों खड़ा हो रहा है तमाशा है?।
हर तरफ हताशा है!
निराशा है!
वजह चाहे जो भी हो लेकिन विदेशी ताकतें देश के भीतर पल रहे गद्दारों के सहारे भारत की शान में तूफान लाने के लिए अभियान चला रही है!
कुछ वामपंथी बिचार धारा के संकुचित मानसिकता से लबरेज शख्स उस नब्ज को टटोल रहे जिससे देश में विद्रोह और अशान्ती फैल जाए।
इसके पीछे चाइना का दिमाग तेजी से काम कर रहा हैऔर उसकी फन्डिग के शिकार कुछ बिकाऊ पत्रकार व चैनल अखबार के माध्यम से सरकार के विरोध में दुष्प्रचार करना शुरु कर दिए है।
जिसका असर दिखने लगा है।
भारत हिन्दू राष्ट्र के धरातल पर मजबूत सनातनी नीव को पुख्ता करने मे लगा है तो वहीं विदेशी ताकतें गजवा हिन्द की रणनीति पर तेजी से आगे बढ़ रही है!
इसी द्वन्द में फंसकर आज मिडिया जगत के कुछ नामीगिरामी।
पत्रकार चाटुकार बन पैसे के पीछे अपना भारतीय वजूद कलंकित कर रहे हैं!
हर तरफ शोर मचाया जा रहा है!
लोगों के बीच प्रचार कराया जा रहा हैं!
सरकार पत्रकार बिरोधी है!
मगर सच तो धीरे धीरे वास्तविकता की आग से पिघल कर बाहर आने लगा है!
बाहरी दुश्मन देशों की फन्डिग के सहारे दुष्प्रचार करने वालों पर खुफिया तन्त्र सक्रिय हो गया है!
उनके घरों पर छापे मारी हो रही है।
उनके सूत्र तलासे जा रहे हैं उनके विदेशी आकाओं के कारनामों को जगजाहिर करने का काम शुरू हो गया है।
पब्लिक के बीच 2024के चुनाव को देखते हुए प्रोपगंडा फैलाने के लिए बडी संख्या में भीतर घातियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है!
और इसके पीछे दिमाग कुछ वामपंथी विचार धारा के पत्रकार और सियासतदार लगा रहे हैं!
जिनकी खोज खबर शुरूहो चुकी है।
सरकारें आयेगी जायेगी मगर देश यहीं रहेगा।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है जो आज है कल नही रहेगा?
इतिहास गवाह इस देश को बर्बाद करने मे गद्दारों की भुमिका हमेशा से ही प्रमुख रही हैआजादी के बाद से कश्मीर तड़प रही थी!
सबकुछ बदल गया!
बहुत शोर था !
विदेशी ताकतों का जोर था!
मगरआज भारत का ताज पुरातन परिवेश का गवाह बन मुस्करा रहा है!
सैकड़ों सालों की गुलामी में भारत की मूल पहचान को मिटाने का बहुत बडा खेल हुआ!
आज वही गुलामी के साक्ष्य को मिटाया जा रहा है पुरातन का जिर्णोद्धार किया जा रहा है।
जो चाइना तथा पाकिस्तान के चहेते देशद्रोहीयो व चरम पंथियों को पच नहीं रहा है!
धर्म, मजहब ,ऊंच नीच के विभेद में जहरीली तकरीर से विखंडन का खेल करने के लिए परेशान हैं,!
लेकिन साहब अब वह दिन लद गये !
मनमानी किसी की भी नहीं चलेगी!
हर देश अपना वजूद मजबूत इरादों पर कायम किया है।
आज वक्त बदल गया पुरातन भारत फिर एक बार
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा के नगमे को गाते हुए मुस्कराते हुए विश्व गुरू बनने के राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
देश के भीतर पल रहे आस्तीन के सांपों का फन कुचला जा रहा है।
कश्मीर से कन्या कुमारी तक देशद्रोहियों की खुमारी उतारी जा रही है।
पूर्ण बहुमत की हुक़ूमत में गुलामी के अवशेष गिराए जा रहे हैं।
समय करीब है हर भारत वासी चश्मदीद गवाह होगा!
इस सदी में जितनी भी सदियों पहले की त्रासदी हुई सभी का इतिहास भूगोल बदल जायेगा!
बसुधैव कुटुम्बकम के सूत्र पर पवित्र मंशा के अनुरूप अपने पुरातन स्वरूप में एक बार फिर आर्यावर्त का साम्राज्य स्थापित होगा!
परिवर्तन का ही पराकाष्ठा है कश्मीर के मन्दिर जाग उठे!
जो कल तक मस्जिदों में नफ़रत फैलाते थे आज रामधुन गा रहे हैं भाईचारगी का मेला फिर एक बार;
नफरत की दूकान चलाने वालों से बेदखल होने लगा है!
इन्सानियत पसन्द लोग सुख शांति से अपनी सम्वृधि को स्वीकार कर मनहूस जीवन से तौबा करने लगे है।
बस यही बात उन देश द्रोहियो को खल रही है!
अब उनकी नफरत की मिसाल क्यों नहीं जल रही है।
कारण है!
आवाज उठ गयी न हिन्दू बनेंगे न मुसलमान बनेंगे इन्सान की औलाद है इन्सान बनेंगे!
बस कुछ दिन और ठहरिये जनाब!
हर कौम सार्वभौम होगी!
हर धर्म हर मजहब स्वतन्त्र होगा?
सभी का आदर होगा!
सभी का सम्मान होगा?
एक बार फिर महकते इन्सानियत के चमन में मुस्कराता हिन्दुस्तान होगा!!
वन्दे मातरम्- जय हिन्द🙏🏾🙏🏾
जगदीश सिंह सम्पादक राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत
7860503468