
सम्पादकीय
✍🏿जगदीश सिंह सम्पादक✍🏿
यूं तो ए जिन्दगी तेरे सफर में
शिकायतें बहुत थी!!
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुंचा तो कतारें बहुत लम्बी थी।??
योगी सरकार के वजूद में आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के पैमाने बदल गये!
पुलिस तो वहीं थी बस थाने बदल गये!बी जे पी सरकार में योगी आदित्यनाथ के यू पी में मुख्यमंत्री की कुर्सी सम्हालने के बाद थानों में सियासतदारों की दलाली हलाली जिसने बदहाली फैलाकर रखा था रोक दिया गया!
पुलिस के प्रभुत्व पर परजीवियों का पहरा खत्म हो गया?
कानून के राह में ठोकरें पैदा करने वाले स्टुमेन्ट साईलेन्ट कर दिए गए! पब्लिक को त्वरित न्याय मिले!
जनता के बीच वर्दी की मनमर्जी से पैदा हो चुकी दहशत पर विराम लग सके!
नागरिक पुलिस की छबि तारणहार की बने!
अन्याय अत्याचार के लिए बहुचर्चित यू पी पुलिस के चेहरे से घिनौना मुखौटा हट जाय!
प्रयास शुरू हो गया! आम आदमी बहुत खुश था!
मगर योगी सरकार का सारा प्रयास बिफल हो गया!
कहा गया है न बारह साल तक कुत्ते की दुम को घी के वर्तन में रखा जाय तब भी टेडी ही निकलती है!
वहीं हालत यूपी पुलिस का हो गया है?
सपा सरकार में बिना मानक सियासत के सहारे शानदार वर्दी में घुस आए बेलगाम पुलिस कर्मियों के तांडव से आम आदमी की नजर में आजकल पुलिस की छबि फिर बिगड़ने लगी है?
करोना काल में तमाम सवाल पर विराम लगाकर इन्सानियत की मिसाल पैदा करने वाली पुलिस की छबि शरणदाता’ भाग्य विधाता की बन गई थी!
हर तरफ वाह वाह हो रहा था!
हर कोई वर्दी देखकर मुस्कराता सैल्यूट मारता था !
मगर जातिवाद के जहर में डूबे पुलिस कर्मियों ने शानदार वर्दी की छबि पूरे प्रदेश में खराब कर दिया है?
अफसर हलकान है!
शासन परेशान है!
रोज कहीं न कहीं बवाल पब्लिक में सवाल पैदा कर रहा है।
भ्रष्टाचार चरम पर हो गया!
पब्लिक में खौफ बढता जा रहा है!
बेलगाम पुलिस मनमानी पर उतर आई है!
कुछ तो सरकार को बदनाम करने के लिए वह सारे काम कर रहे हैं जो समाज विरोधी है।
मगर सरकार का खुफिया तंत्र अभी कुम्भकर्णी नींद सो रहा है।
कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है!
आम आदमी हतास है!
निराश हैं!
थानों में वसूली प्रभारी दिन रात जनता का दोहन कर रहे हैं!
न्याय मिलना आसान नहीं है!
दलालो का जलवा है?
ईमानदार पुलिस अफसर हासिए पर कर दिए गए हैं।
अन्याय पर कोई बोलने वाला नहीं है?
उत्तर प्रदेश पुलिस के होनहार ईमानदार कानून का किरदार निभाने वालों की पूछ खत्म हो गई है?
कभी पुलिस पत्रकार सिक्के एक ही पहलू कहे जाते थे मगर अब एक दुसरे के लिए बेकार हो गये है?
इनके तालमेल पर शनि का प्रकोप है!
पुलिस पब्लिक के बीच टकराव नई बात नहीं है!
लेकिन वर्तमान में जिस तरह के पुलिस अभियान के खिलाफ पब्लिक ने स्वाभिमान बचाने के लिए जगह जगह आन्दोलन कर रही है वह निश्चित रुप से आने वाले कल में सरकार के लिए घातक साबित होगा!?
बेलगाम पुलिस ब्यवस्था से लोगों की आस्था खत्म हो रही है?
सामंजस्य समरसता विवस्ता के बीच असमंजस की दीवार से टकरा कर धाराशाई हो रही है।
योगी सरकार में जहां योगी की छबि जननायक की बनी है वहीं यू पी पुलिस खलनायक बनकर हर जगह तबाही की तासीर बदल रही!
इस महकमा में तेज तर्रार ईमानदार वफादार पब्लिक में अपनी अच्छी तस्वीर के साथ कानून का किरदार निभाने वाले पुलिस कर्मी अफसरानों की कमी नहीं है?
आज यह महकमा उन्हीं के बदौलत उफान पर है!
यू पी पुलिस का नाम कर्तव्य निष्ठा तथा बहादुरी में सबसे उपर हिन्दुस्तान में है?।
मगर मिलावट गिरावट के इस दौर में लोकतंत्र के सियासी मेला में होने वाला खेला के चलते महकमा बदनाम हो गया
सोशल मिडिया का जमाना है किसी भी गलत काम को दबाना आसान नहीं है?
अभी कुछ हुआ भी नहीं वर्दी बदनाम हो गई!
ऐसे हालातो मे पुलिस महकमा में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है?
बाबा आदम के जमाने के बने कानून के सहारे आज भी समाज संचालित हो रहा है!
आज जब लोग मंगल और चांद पर जाने लगे देश इक्कसवीं सदी में सैर कर रहा है पुलिस मोहकमा आज भी जहां सौ साल पहले खड़ा था कानून का डन्डा लिए वही आज भी खड़ा है?
पुलिस रुल रेगुलेशन गुलाम भारत को संचालित करने के लिए ब्रितानिया हुक्मरानो ने बनाया था जो आज तक चल रहा है।
देश को आजाद हुए सत्तर साल से उपर हो गया मगर कानून की किताब नहीं बदली?
पुलिस ब्यवस्था में परिवर्तन जरुरी है!
वक्त के हिसाब से मजबूरी है?
चौबीस घन्टें का काम!
सबसे कम दाम?
एक दिन के लिए भी नहीं आराम!
इनके लिए कहीं नहीं है विराम?
अफसरशाही का जलवा है सारी ब्यवस्था बेलगाम!
कभी अनपढ़ गवार कम पढ़े लिखे लोग सिपाही होते थे! आज तो उच्च शिक्षा प्राप्त भर्ती हो रहे हैं नौजवान!
आज भी सिपाही को साईकिल एनाउंस ही मिलता है?
जब की साईकिल का जमाना कबका खत्म हो गया!
हर सिपाही बाईक से चलता है!
आखिर खर्च कहां से निकलता है!
सरकार नहीं जानती!
भ्रष्टाचार के जनक नेताओं को सुख सुविधा मुहैया कराने के लिए हर साल बजट बनाया जाता है!
मगर पुलिस महकमा को खाना बदोश बनाकर दिन रात भीगी वर्दी में चाहे गर्मी हो या सर्दी में मनमर्जी कराते रहते हैं?
सिपाहीयों के मनोभाव पर लगातार निगेटीव प्रभाव डालने वाला पुराना कानून अगर नहीं बदला गया तो चाहे कोई भी सरकार आये जाए महकमा नहीं सुधरेगा!
भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा!
ब्यवहार नहीं बदलेगा!
लोग चिल्लाते रहेंगे!
कानून का राज कभी नहीं आयेगा!?
रक्त बीज के तरह अपराधी बढ़ेंगे!
अपराध मुस्कुराएगा!?
योगी जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश पुलिस को सुख सुविधा सम्पन्न कर सुसज्जित कीजीए!
इनके दर्द को भी जानिए समझिए!
वर्ना जितना भी कसीदा पढ़ लीजिए यू पी में रामराज्य कभी नहीं आयेगा?
जयहिंद🙏🏾🙏🏾
जगदीश सिंह सम्पादक
राष्टीय हिन्दी समाचार पत्र
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