
नेपाल ने छोड़ा 4.40 लाख क्यूसेक पानी ऊफान पर नारायणी गंडक नदी नारायणी छितौनी बांध पर बढ़ा खतरा
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भारत नेपाल सीमा के अंतिम चौकी लक्ष्मीपुर में भी पानी घुस गया है।
जिससे यहाँ तैनात पुलिस कर्मियों ने चौकी छोड़ ऊँचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं।
महराजगंज में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश ने लोगों की परेशानिया बढ़ा दी है।एक तरफ जहाँ धान की फसल खेतों में पानी डूब गई हैं वही दूसरी ओर इंडो नेपाल आने वाली नदिया खतरे कि निसान से ऊपर बह रही हैं वहीं नारायणी गंडक नदी में 4.40 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नारायणी छितौनी बांध के आस पास गावों में दहसत बना हुआ हैं। नेपाल से सटे लक्ष्मीपुर गाँव मे पानी घुस गया है जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। भारत नेपाल सीमा के अंतिम चौकी लक्ष्मीपुर में भी पानी घुस गया है। जिससे यहाँ तैनात पुलिस कर्मियों ने चौकी छोड़ ऊँचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं। वहीं इस गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय भी पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गया है, जिससे शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है।
खराब मौसम के बीच स्कूल व चौकी के साथ साथ गांव के लोगों में खौफ पैदा करते रहे तो पानी से बचने के लिए जहरीले कीट व सांपो के स्कूल में घुसने से भयभीत शिक्षक ड्यूटी निभाते रहे। डंडा व चंदन नदी के उफनाने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गया है वही दूसरी ओर लक्ष्मीपुर गांव को जोड़ने वाली पूल जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो रही है जिससे लोगों को डर व चिंता सता रहा है।
महराजगंज जिले में मंगल वार से बारिश हो रही हैं। पिछले करीब 60 घंटे में करीब 147 MM बारिश हुई हैं।जिले के चार नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है या यु कहे की खतरे के निशान को पार कर दिया है। जिसको लेकर सिचाई विभाग अलर्ट मोड़ पर हैं। चंदन नदी जहाँ खतरे के निशान से.20cm ऊपर बह रही हैं वही त्रिमुहानी नदी भी खतरे के निशान से करीब .7 cm ऊपर पहुंच गई हैं। हर साल तबाही मचाने वाले महाव भी खतरे के निशान से 2 फिट ऊपर पहुंच गया है। नेपाल से निकलने वाले नारायणी गंडक नदी ने भी खतरे के निशान को पार कर दिया है ,जो बेहद चिंता का दिन मे जैसे जैसे पानी बरसने का रौद्र रुप सामने आया वैसे ही सभी लोग सहम गए हैं। फिलहाल यदि जिस तरह पिछले दिनों बारिश हुआ है यदि उसी तरह बारिश नेपाल के पहाड़ियों पर हुई तो बाढ़ आना तय है।