बेटी की शादी की तैयारी थी,
मां को हुआ कैंसर:
दूल्हे ने 5 लाख दहेज छोड़ा,
मंदिर में की शादी,
बोला – इन पैसों से मां का इलाज होगा….
कुशीनगर में दूल्हे ने बिना दहेज लिये मंदिर में सात फेरे लिये।
दहेज त्याग का फैसला दुल्हन की बीमार मां को बचाने के लिये लिया।
दुल्हन की मां को कैंसर हो गया था,
इसलिये दिसंबर में होने वाली शादी इलाज में होने वाले खर्च की वजह से कैंसिल होने वाली थी।
लेकिन इंसानियत का फर्ज निभाते हुए दूल्हे ने शादी से पहले ही दामाद का फर्ज निभा दिया।
पहले जानते हैं दोनों परिवारों के बारे में…
कुशीनगर के विशुनपुरा क्षेत्र के दुदही गोला बाजार के नरेंद्र जायसवाल ने अपने छोटे बेटे दीपक जायसवाल की शादी देवरिया जिले के राघव नगर निवासी परचून की दुकान चलाने वाले सुशील जायसवाल की बेटी स्वाति जायसवाल के साथ तय की थी।
.और खुशियों के बीच आई बुरी खबर
जुलाई की 31 तारीख को लड़की की मां इंदु देवी के सीने में तेज दर्द उठा।
जिन्हें देवरिया में ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने जांच कराई तो जो रिपोर्ट आई वह परेशान करने वाली थी।
डॉक्टरों ने इंदु को कैंसर बताया।
अब सुशील का परिवार पेरशान हो गया कि चार महीने बाद वह बेटी के हाथ पीले करें या पत्नी का इलाज कराएं।
बेटी बोली – मां का इलाज जरूरी,
शादी बाद में देखेंगे
कैंसर की खबर स्वाति को उसके पापा ने बताई तो स्वाति ने कहा,
” पापा शादी कैंसल कर दीजिये,
पहले मां के कैंसर का इलाज कराईये।
जब मां ठीक हो जाएंगी तब शादी के बारे में सोचना।”
आगे……..
लड़के के घर रिश्ता कैंसल करने पहुंचे सुशील
स्वाति की बात पर सुशील भी राजी हुए और देवरिया के दुदही गांव में लड़के वालों के घर पहुंचे।
मजबूर पिता ने लड़के के पिता को पत्नी को कैंसर की बात बताई और कहा
“अब पत्नी के कैंसर के इलाज के कारण मैं 5 लाख दहेज तो दूर,
बेटी की शादी का खर्च भी नहीं उठा पाऊंगा, इसलिये आपके पूरे परिवार से माफी मांगता हूं। ”
लड़के वालों ने उस समय नहीं दिया कोई जवाब
उस समय लड़के के पिता नरेंद्र जायसवाल ने सुशील को बिना कुछ जवाब दिए विदा कर दिया।
उसके बाद नरेंद्र जायसवाल,
उनकी पत्नी और उनके बड़े बेटे राजेश जायसवाल ने आपस में बातचीत कर सुशील की मदद के साथ शादी करने पर सहमति बनाई।
लेकिन लड़की के घर वालों को अभी कुछ नहीं बताया।
फटाफट निकलवाया दूसरा शुभ मुहूर्त
लड़के के पिता नरेंद्र ने शादी का दूसरा मुहूर्त निकलवाया जो सावन में ही 5 अगस्त का निकला।
इसके बाद लग्न पत्रिका लेकर नरेंद्र अपने परिवार के साथ लड़की वालों के घर देवरिया पहुंच गए।
अब पढ़िये उन्होंने क्या कहा…
नहीं चाहिये दहेज,
मंदिर में कर दीजिये शादी
नरेंद्र ने सुशील से कहा,
” हमें कोई उपहार,
कोई दहेज नहीं चाहिये।
हम स्वाति की मां की बीमारी के इलाज में भी सहयोग करेंगे और शादी भी होगी।
5 अगस्त का शुभ मुहूर्त निकला है,
खर्च बचाईये और शादी मंदिर में कर दीजिये।”
नरेंद्र जायसवाल का यह फैसला सुनते ही सुशील जायसवाल और उनके परिवार के लोग खुशी में रोने लगे।
5 अगस्त को सिधुवा मंदिर में लिये सात फेरे
बीते 5 अगस्त को कुशीनगर के सिधुवा मंदिर में दीपक और स्वाति ने सादगी भरे माहौल में सात फेरे लिये।
सुशील के परिवार ने हंसी खुशी बेटी को विदा किया।
अब बिना दहजे की ये शादी देवरिया के साथ ही कुशीनगर में चर्चा का विषय बनी है।
लोग लड़के के परिवार वालों की सराहना कर रहे हैं।

