
“उल्लू के पट्ठों पर सरकार का चाबुक!”
जब सेंसरशिप ने साड़ी पहन ली और OTT के कान खींच दिए
अरे भाई, सरकार ने तो चाबुक चला दिया है उन ओटीटी ऐप्स पर, जो “मनोरंजन” के नाम पर कुछ ज्यादा ही “मनोरंजक” हो रहे थे! उल्लू टीवी, देसीफ्लिक्स से लेकर एकता कपूर की ALTT (ऑल्ट बालाजी) तक, सारे “बोल्ड” सिपाही लाइन में खड़े कर दिए गए, और बैन का तमाचा जड़ दिया गया!
कभी मनोरंजन के नाम पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रम चलते थे — रामायण, महाभारत, चाणक्य… और आज?
OTT खोलिए और सीधे चाणक्य नीति की ऐसी-तैसी होती दिखती थी — जहाँ बेटा अपनी मौसी से “इश्क़ फरमा” रहा है, सास बहू को ससुराल से पहले सुहागरात सिखा रही है और महल्ले की आंटी, दूधवाले को लेकर गर्मी की छुट्टियाँ मना रही थी।
सरकार ने जब इन उल्लुओं की हरकतें देखीं तो खुद उल्लू टीवी समेत 25 OTT ऐप्स की अक्कड़-बक्कड़ कर दी। देसीफ्लिक्स से लेकर ‘ऑल्ट बालाजी’ तक सभी को डिजिटल कालकोठरी में डाल दिया गया है। और इसमें सबसे ज़्यादा झटका लगा उस महिला को, जो खुद को डेली सोप की देवी समझती थीं — एकता कपूर जी।
अब देखिए, ALT Balaji तो ऐसा ऐप था जिसमें ‘ALTernate’ परिवार दिखाए जाते थे – बाप-बेटी नहीं, बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड!
पारिवारिक मूल्य इतने गिरे हुए थे कि पंडित जी भी ‘कुंडली मिलान’ करने से पहले दो बार सोचते थे कि “ये असली रिश्ता है या वेब सीरीज़ वाला?”
900 करोड़ की फिसलन!
एकता कपूर की कंपनी को हुआ है 900 करोड़ का नुकसान — मतलब जितनी कमाई रामायण ने भक्ति से की थी, उतनी इनकी ALT ने बदनामियों से गवा दी। 795 करोड़ रुपये ALT Digital Media में लगाए गए थे… यानी जनता की भावनाओं की जगह ‘जवानी की बेचैनी’ में निवेश कर दिया गया।
अब सरकार ने साफ-साफ कह दिया है:
> “आज़ादी का मतलब ‘आज़ादी’ नहीं है कि तुम स्क्रीन पर कुछ भी दिखाओ — नंगई, गाली, सड़ा हुआ रोमांस और रिश्तों की चटनी बनाकर परोस दो
ये ऐप्स तो जैसे डिजिटल देहात बन चुके थे — जहाँ हर एपिसोड में एक ही सवाल होता था, “अगला कपड़ा कौन उतारेगा?”
अब क्या होगा?
एकता कपूर की कंपनी 900 करोड़ के नुकसान में है, अब शायद ये रकम रिकवर करने के लिए पारिवारिक सीरियल्स में जमाई का किरदार खुद निभाएं, क्योंकि OTT पर एंट्री फिलहाल ‘गुलाबो के मामा’ जितनी मुश्किल है।