
मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की मंत्री जी ने की समीक्षा, दिये आवश्यक दिशा निर्देश,
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मत्स्य विभाग की योजनाओं का ग्रामसभाओं में व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाये,
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मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से पात्र लाभार्थियों को किया जाये लाभान्वित,
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मत्स्य पालन हेतु किये गये पट्टों की करायी जाये जांच, पात्र व्यक्तियों को पट्टा आवंटन हेतु किया जाये चयनित
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प्रतापगढ़। मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की मत्स्य विभाग के मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद जी ने कैम्प कार्यालय के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में विधायक सदर राजेन्द्र कुमार मौर्य, जिलाधिकारी संजीव रंजन, पुलिस अधीक्षक डा0 अनिल कुमार, मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मत्स्य अधिकारी विकास कुमार दीपांकर ने मत्स्य विभाग की विभिन्न योजनाओं पर बिन्दुवार प्रकाश डाला।
समीक्षा के दौरान मंत्री जी ने जिलाधिकारी से कहा कि जनपद में मत्स्य पालन हेतु किये गये पट्टा आवंटन की टीम गठित कर जांच करा ली जाये, यदि किसी अपात्र व्यक्ति को पट्टे का चयन हो गया है तो पट्टा निरस्त करके पात्र व्यक्तियों को मत्स्य पालन हेतु पट्टे का आवंटन किया जाये। उन्होने मत्स्य अधिकारी को निर्देशित किया कि मत्स्य पालन हेतु होने वाले पट्टों की ग्रामसभाओं में सूची चस्पा की जाये जिससे लोगों को जानकारी हो सके और पट्टा हेतु कौन कौन से दस्तावेज की आवश्यकता होती ग्रामसभाओं में चस्पा किया जाये जिससे ग्रामसभा में प्रत्येक व्यक्तियों को मत्स्य पालन हेतु सूचना प्राप्त हो सके और पात्र व्यक्ति लाभान्वित हो सके, मत्स्य विभाग की योजनाओं का पम्पलेट, पोस्टर के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाये।
उन्होने कहा कि तालाबों में अवैध तरीके से किये गये कब्जों को हटाने की कार्यवाही की जाये, किसी भी दबंग व्यक्ति द्वारा पट्टे को लेकर किसी दूसरे व्यक्ति को बेचता है तो इसके लिये नियमानुसार कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। मंत्री जी ने जिलाधिकारी एवं सीडीओ से कहा कि जनपद में विकसित तालाब कितने है और अर्द्धविकसित तालाब कितने है उसकी सूची बना ली जाये जिससे अर्द्धविकसित तालाबों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
मत्स्य अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 5368 तालाब है, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 63 का लक्ष्य निर्धारित है जिसमें से 10 पट्टे का आवंटन किया गया है जिस पर मंत्री जी ने मत्स्य अधिकारी को निर्देशित किया कि अक्टूबर माह में लक्ष्य को पूर्ण किया जाये। बैठक के दौरान मछुआ समुदाय के लाभार्थियों ने मंत्री जी को अपनी-अपनी समस्याओं के सम्बन्ध में अवगत कराया जिस पर मंत्री जी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्याओं का निराकरण किया जाये।
उन्होने उपस्थित लाभार्थियों से कहा कि वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन किया जाये जिससे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। मंत्री जी ने बताया कि मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत किसानों की आय में वृद्धि व स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से अनेक योजनायें संचालित की जा रही है जिसके अन्तर्गत वित्तीय सहायता के रूप में महिला एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 60 प्रतिशत तथा अन्य वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य किया गया है।
मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड समीक्षा में पाया गया कि माह सितम्बर का लक्ष्य 1661 है और 42 कैम्प आयोजित किये गये, बैंको को 823 प्रस्ताव भेजे गये जिसमें से 70 स्वीकृत हुये है और बैंकों में 700 आवेदन पत्र लम्बित है जिस पर मंत्री जी ने कड़ी नाराजगी जतायी और मत्स्य अधिकारी को निर्देशित किया कि जितनी भी योजनायें है सारे आवेदन पत्रों को एकत्रित कर लिया जाये और 15 अक्टूबर से केसीसी के कैम्प लगाये जायेगें उसी में इन सभी पत्रावलियॉ का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराना सुनिश्चित करें जिससे लाभार्थियों को लाभ मिल सके।
बैठक में मत्स्य बीज की उपलब्धि, मत्स्य उत्पादन, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, सघन मत्स्य पालन हेतु एसरेशन सिस्टम की स्थापना, उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषाद राज बोट सब्सिडी योजना व अन्य योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में मण्डलीय अधिकारी उप निदेशक विजय पाल को निर्देशित किया कि मत्स्य विभाग की प्रत्येक सप्ताह बैठक करके उसकी प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये। मत्स्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद की जो नदियां है उन सभी को खण्ड बनाकर मूल्यांकन कर लें और एक से अधिक समितियों का गठन कर लिया जाये। मंत्री जी ने कहा कि हम लोग जरूरत मंदों की सेवा के लिये है, केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ सभी जरूरत मंदों को मिले यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये।
बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी अजय तिवारी, उपजिलाधिकारी सदर शैलेन्द्र कुमार वर्मा, जिला विकास अधिकारी कृष्ण कुमार, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव, मुख्य चिकित्सा धिकारी डा ए0एन0 प्रसाद, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रियंका सोनी एलडीएम गोपाल शेखर झा व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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