
*दिनांक 27/09/2024 को उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने प्रदर्शन कर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जिसके प्रमुख मांगे है-*
1- रसोईया वर्कर्स के 6 माह के लंबित मानदेय तत्काल एकमुश्त भुगतान किया जाय ।
2- विद्यालयों में प्रधानाध्यपक, ग्राम प्रधान मनमाने ढंग से रसोईया कर्मियों का निष्कासन कर रहे हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जाय।
3- रसोइयों के संबंध में रिट संख्या 9927/2020 में माननीय इलाहबाद हाई कोर्ट के15.12.2020 के निर्णय कि 4 माह के अंदर अर्थात 15 अप्रैल, 2020 तक सभी रसोइयों को इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए न्यूनतम वेतन और एरियरका भुगतान कराया जाए तथा मिड डे मील वर्कर्स को मिनिमम वेजेज एक्ट के आधार पर न्यूनतम वेतन दिया जाए।
4- किसी भी रसोईया वर्कर को बेड्यूटी, पेंशन की गारंटी किये बिना काम से न निकाला जाय ! नवीनी करण य कम छात्र संख्या को बहाना बनाकर निष्कासित की गई रसोइया कर्मियों को बहाल कर सेवा में योगदान कराया जाय।
5- 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप रसोईया वर्कर्स को मजदूर के रूप में मान्यता देकर 21000 रु प्रतिमाह न्यूनतम वेतन, ईएसआई, पीएफ आदि प्रदान करो।
6- रसोईया वर्कर्स के लिए आल इंडिया सर्विस नियमावली बनाई जाए।
7- केंद्र प्रायोजित मिड डे मील स्कीम के बजट आबंटन में बढ़ोतरी कर इन्हें स्थायी बनाया जाय ।
8- सभी को कम से कम 15 दिनों का आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश, प्रसूति अवकाश, सर्दी गर्मी कि छुट्टियों का अवकाश दिया जाए।
9-केंद्रीयकृत रसोईयां और ठेकाकरण न किया जाए।
10-पोषण (आईसीडीएस और मिड डे मील स्कीम सहित) और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण पर रोक लागाओ ।