
ग्राम भदेसर में ततूवा राजपूत के निधन के बाद पत्नी ने प्राण त्यागी पति-पत्नी की एक चिता पर दी गई विदाई ।
एन्टीकरप्शन मीडिया न्यूज संवाददाता-
संतोष गंगेले कर्मयोगी
नौगांव छतरपुर
10 सितंबर 2024
बुंदेलखंड के हृदय स्थल कस्बा नौगांव से 15 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भदेसर महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र तहसील नौगांव के गांव जहां पर एक राजपूत परिवार में पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन से लेकर मृत्यु तक संघ साथ रहा जीवन में कभी वाद विवाद नहीं हुआ प्रेम और सामंजस में जीवन व्यतीत किया जिनका निधन गत दिवस होने के बाद एक ही चिता पर पति-पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया । ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी-अपनी श्रद्धांजलि दी एवं प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा भी अपने गांव के सबसे बुजुर्ग दंपति और श्री बाबूलाल सेन जी के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया ।
स्वर्गीय ततूवा राजपूत का जीवन इस कलयुग में एक प्रेरणा और संदेश देने के लिए अद्वितीय उदाहरण बन गया है आपसी प्रेम और भारतीय संस्कृति संस्कारों की आस्था का प्रतीक के जीवन व्यतीत हुआ और साथ जियेंगे साथ मरेंगे के विचारों से प्रभावित होकर 84 वर्षीय ततूवा राजपूत की मृत्यु 9 सितंबर 2024 को दोपहर 2:00 बजे हो गई जैसे ही धर्मपत्नी श्रीमती जमनी बाई को अपने पति के निधन का एहसास हुआ उसने ईश्वर का नाम लेकर अग्नि को पास साक्षी मानकर पति से लिपटकर रोने लगी इसी बीच उसका बड़ा पुत्र खेमचंद राजपूत परिवार सहित एकत्रित हो गए गांव के लोगों को जैसे ही पता चला गांव की सभी लोग घर के बाहर खड़े थे तभी श्रीमती जमीनी बाई को पति से अलग किया गया तो आधा घंटे के अंदर उसकी मौत हो चुकी थी । इसे हम सती का रूप नहीं दे सकते हैं लेकिन पतिव्रता नारी की पवित्रता का संदेश दिया है ।
इस घटना के बाद गांव में तरह-तरह की भ्रांतियां और चर्चा शुरू हो गई । महिला की मौत को लेकर गांव में नगर में विभिन्न प्रकार की गुप्त चर्चाएं हैं । लेकिन ग्रामीणों ने और परिवार जनों से बुंदेलखंड क्षेत्र के समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार श्री संतोष गंगेले कर्मयोगी ग्राम भदेसर पहुंचे ग्रामीणों से चर्चा की ग्राम सरपंच से चर्चा की एवं परिजनों से मिलकर के संपूर्ण जानकारी निर्णय करने के बाद यह निष्कर्ष निकला की पति की मौत के बाद पत्नी श्रीमती जमनी बाई को ईश्वरी कृपा या सदमा के कारण हार्ट अटैक के बाद मौत हुई और दोनों लोगों का संस्कार शव यात्रा घर से शमशान घाट तक निकाली गई । धूमधाम से अंतिम संस्कार हुआ एक ही चिता पर पति-पत्नी का संस्कार किया गया ।
खेमचंद राजपूत ने बताया कि हमारे पिता माता हमेशा यही कहते थे कि जब भी हमारी मृत्यु होगी एक साथ होगी और तुम्हारा परिवार सुखी रहेगा उन्होंने बताया कि हम चार भाई खेमचंद बंसीलाल युगल किशोर इंद्र कुमार हैं दो भाई की मृत्यु हो चुकी है एक भाई अलग रहता हैलेकिन माता-पिता का संस्कार हम सभी मिलकर करेंगे ग्रामीणों ने भी यह भी बताया कि 9 सितंबर को ही गांव के बुजुर्ग बाबूलाल सेन जो 80 वर्ष की ऊपर के थे और ततूवा राजपूत के मित्र थे उनकी भी मृत्यु कुछ समय बाद हुई तीनों लोगों का संस्कार श्मशान घाट पर किया गया ।
ग्राम भदेसर में गांव की सबसे बुजुर्ग माता तिजिया बाई जिनकी उम्र 102 साल की हो गई है उन्होंने भी कहा कि पति पत्नी का प्रेम अद्भुत था इस अवसर पर बुंदेलखंड के समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी द्वारा सबसे बुजुर्ग महिला का पुष्पमाला पहनकर सम्मान किया गया पुष्प बरसाए गए और ग्रामीणों के बीच आशीर्वाद प्राप्त किया गया