
ग्राम पंचायत मवई मुसलमानन के निवासी इन दिनों बिजली की समस्या से जूझ रहें है।
वैसे तो योगी सरकार के ग्रामीण इलाकों में बिजली की निर्बाध सप्लाई के फरमान को बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पलीता लगाएं हुए है।
लेकिन इस पंचायत क्षेत्र में बिजली उन दिनों में भी नहीं आती जब आस पास के गांवों में बिजली आ रही होती है।
इस समस्या की मूल जड़ है इस इलाके में डिमांड के अनुसार ट्रांसफार्मर का ना लगना।
बिजली विभाग ने बिना हिसाब लगाए एक ट्रांसफार्मर लगवा दिया जिसकी क्षमता ६५ किलो वाट से कम है।
लिहाजा इन दिनों उमस भरी गर्मी में जब ग्रामवासी पंखे की हवा में पसीना सुखाने की सोचते ही है की लाइट गायब।
सबसे ज्यादा दिक्कत तो ग्रामीण महिलाओं की है।
सामाजिक रीति के अनुसार और बड़ो बूढ़ों के लिहाज से वे न तो बाहर पेड़ की छाव में बैठ सकती है और न ही पुरुषों के तरह से मार्केट या पंचायत भवन जा सकती है।
वैसे पंचायत भवन की बिजली आपूर्ति भी बाधित रहती है।
ऐसे में इस उमस भरी गर्मी में जहां इंद्रदेव रूष्ट चल रहे है और पानी बरसाना तो दूर बादल भी नही नजर आ रहें है ऐसे में दिन गुजरना किसी काली रात गुजारने जैसा है जिसमें हर पल यही धुन रहती है की सुबह हो और कलेश कटे।
लेकिन ग्रामीणों की इस तकलीफ से बेखबर बिजली विभाग के अधिकारी अपनी मस्ती में है।
वे अपने कार्यालयों में आराम से एसी और कूलर के सामने बैठे अपना ड्यूटी कर रहे है।
इस बारे में जब संवाद दाता ने जानकारी मांगी तो अफसरों ने डिमांड ज्यादा और आपूर्ति कम होने का अलाप दोहराया।