
महराजगंज, हम शरीर नहीं हैं जब तक हम सोचते हैं कि हम शरीर हैं, तब तक हमें शारीरिक पीड़ा भोगनी ही पड़ती है। यह आध्यात्मिकता है जो हमें यह एहसास कराती है कि हम पीड़ित शरीर नहीं हैं, हम दिव्य आत्मा हैं। तो, अध्यात्म का पहला लाभ यह है कि यह हमें शरीर, मन और अहंकार के दुखों से मुक्ति दिलाने में सक्षम बनाता है।मनुष्य की यह प्रवृत्ति है कि वह चीजों को जानना और समझना चाहता है। वैज्ञानिक इस कार्य में लगे हैं, लेकिन जिन साधनों का प्रयोग वह करते हैं, वे भौतिक और बौद्धिक रूप से सीमित हैं। सदियों से संत और सूफी, जीवन और मृत्यु के रहस्य की खोज करते रहे हैं और वे सब इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हम इस रहस्य को आध्यात्मिक स्तर पर ही जान सकते हैं। आध्यात्मिक यात्रा उन रूहानी मंडलों का अनुभव करना है जो कि बुद्धि और मन से परे हैं और यह सब हमें रहस्यमय लगता है। यही कारण है कि अध्यात्म को रहस्यवाद भी कहा जाता है।अध्यात्म जीवन को जीने का एक व्यावहारिक तरीका है जो हमारे आंतरिक जीवन को समृद्ध बनाने के साथ-साथ, हमारे आपसी संबंधों को भी बेहतर बनाता है। अध्यात्म का मूल सिद्धांत यह है कि हममें से प्रत्येक वास्तव में एक आत्मा है जो कि थोड़े समय के लिए इस भौतिक शरीर में आई है। यह समय बीस, पचास, साठ, अस्सी या सौ वर्ष का हो सकता है, लेकिन मृत्यु के बाद हर एक को इस दुनिया से जाना है। इस संसार का और इस जीवन का उद्देश्य क्या है। मनुष्य के जीवन को समझने के लिए ये कुछ मूल प्रश्न हैं।हमारे जीवन का उद्देश्य अपनी आत्मा का मिलाप परमात्मा से करना है। परमात्मा से मिलने पर ही परम ज्ञान प्राप्त होता है जो जग की भलाई बताता है अध्यात्म का यह रूप हमें अपने जीवन और दुनिया के अन्य लोगों के जीवन को सुधारने के अनगिनत अवसर प्रदान करता है। आत्मा की यात्रा की शुरूआत प्रभु की ज्योति और अनहद शब्द से संपर्क करने पर आरंभ होती है। ज्योति और शब्द की धारा प्रभु से आरंभ होती है और वापस प्रभु की ओर जाती है।ध्यान का यह तरीका एकदम सहज और सरल है। जब हम अंतर में ध्यान टिकाते हैं तो हम देहाभास से ऊपर उठकर अपने अंतर में स्थित दिव्य मंडलों में पहुंच जाते हैं। लगातार अभ्यास करने पर हमें यह विश्वास हो जाता है कि हम ज्योति और शब्द से जुड़ सकते हैं। अंतर के रहस्यों की खोज हमें स्वयं ही करनी है। ज्योति व श्रुति के अभ्यास द्वारा हम प्रेम, शांति, सौहार्द और आनंद को पा लेते हैं जिन्हें हम तीव्रता से तलाश कर रहे हैं। ऐसा करके हम उन लोगों के समूह का हिस्सा बन जाते हैं जो संसार मे शांति और एकता स्थापित करने की ओर कार्यरत हैं।
रिपोर्टर कैलाश सिंह महराजगंज