सम्पादकीय
संतोष नारायण बरनवाल अमूल्यरत्न न्यूज सम्पादक✍🏾
कांटे समझ रहे थे हमारा है दब दबा!
शाखें झुकी हुई थी फूलों के बोझ से!!
आजकल उत्तर प्रदेश का परिवेश बदला बदला सा नजर आ रहा है! जिधर देखिए माफियाओं का गिरता घर नजर आ रहा है?।हालात तमाम सवालात के साथ लाख एहतियात बरत रहा है मगर योगी का जज़्बात लगातार तबाही की वर्षांत के तरफ इशारा कर रहा है।ज़िन्दगी और मौत के बीच सिसक सिसक कर रातें जेल की सलाखों में गुजारने वाले माफिया मौत को सामने देखकर गीड गिडा रहें हैं ! यमराज साक्षात रोज उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं।समय का खेल है साहब सियासत की रियासत में नफासत के साथ लगातार विरासत लेने वाले आज कल पागल हाथी के तरह जंजीरों में जकड़ कर चिल्ला रहे हैं! रहम की भीख मांग रहे हैं! या अल्लाह रहम कर! मगर यह वहम बेरहम वक्त बार बार अनदेखा कर अपना रुख बदल रहा है! हर तरफ से कायनाती इन्तजाम कर्ता के दरबार से आवाज गूंज रही है जो बोया वह काट वन्दे कर्म फल तो सबको भोगना है! हिसाब तो सबको देना है!मालिक की मेहरबानियां भी किसी गरीब की आह के आगे बेकार साबित होती है!वक्त सबका बदलता है आज जेल की सलाखों में रहकर लाखों का खेल करने वाला अपनी करनी पर पश्चाताप क्यों कर रहा है! यह तो होना ही था!जब बड़े बड़े सूरमा नहीं रहे तो तेरी क्या औकात! उत्तर प्रदेश के मशहूर माफिया अतीक अन्सारी का अन्त नजदीक आ गया है!मुख्तार अन्सारी का रसूख खतम सारी खुमारी उतर चुकी है! दहशत में दिन गुजर रहे हा!कोई भी लम्हा ऐसा नहीं जिसमें वह तिल तिल कर नही मर रहा है। दहशत दिन में भी ख्वाब दिखा रहा है। कब बाबा का फरमान कब्रिस्तान में ले जाने का जारी हो जाए! गजब साहब पल पल दहशत के आलम मे मौत से भी बदतर ज़िन्दगी डान की गुजर रही हैं!जो कल तक जहरीले नाग की तरह कुंडली मार कर फुफकार रहा था आज जार जार रो रहा है!असहाय लाचार वीवस पिंजरे में बन्द शेर की तरह बेबसी में दिन रात चहल कदमी कर रहा है! प्रयाग राज में हुई हत्या को यूपी सरकार ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया!अभी तक हत्या में शामिल दो अपराध के कामिल हूरों की महफ़िल मे पहुंच चूके हैं!अभी आधा दर्जन के पीछे पीछे यमराज दौड रहे हैं! न जाने कब उनकी जिन्दगी का दीपक बुझ जाए!योगी सरकार मे मजबूत कानून ब्यवस्था व लोकतंत्र में प्रबल आस्था के साथ ही अपराध करने वाले अपराधियों को सीधे जेल का रास्ता का फार्मूला चल निकला है।मुख्तार अन्सारी व अतीक अहमद के साथ ही जितने भी नामजद है उनकी हद को बताया जा रहा है! यू पी से माफिया राज मिटाया जा रहा है। यू पी की पुलिस आजकल फार्म पर है! अपराध मुक्त प्रदेश बने दिन रात लगी इसी काम पर है!अतीक के अपराधी बेटों की सटीक जानकारी पुलिस के पास मौजूद हैं कभी भी खत्म हो सकता उनका वजूद है!मुख्तार के अपराधी गैंग की रफ्तार पर विराम लग गया! वाहु बली की खली के घर का बड़ा दरवाजा बन्द हो गया! प्रयाग राज की गलियों में मातमी सन्नाटा है! लाखो की सम्पत्ति बिपत्ति बन गई?आबरू का पंचनामा हो गया!सारा रुतबा खत्म हो गया!कल का शहंशाह आज भिखारी से भी बदतर बनकर अपनों की जिन्दगी की रहम की भीख मांग रहा है! मगर बहुत देर हो चुकी है उनके साम्राज्य का सूरज अस्त होने वाला है! न कभी आताताई रहे हैं! न सगे सम्बन्धी भाई रहे हैं!आखरी वक्त में सबको तन्हा कर देता है। इतिहास गवाह है आज तक जुर्म की दुनियां का कोई शहंशाह नहीं बन सका!जब उसका वजूद मिटा तो सारा जहां नफरती लफ्जो से नवाजता है! हिकारत भरी नजरों से देखता है।
आज हालात अतीक वह मुख्तार का उसी दौर से गुजर रहा है ! अतीक का आखरी सफर शुरू तो मुख्तार के रुखसार पर मौत का पहला लगा है।
देखिए योगी सरकार का क्या होता हैआने वाले कल में फैसला है?
सबका मालिक एक🕉️साईं राम
सुल्तान की सल्तनत से नबाब भी उठा लिए जाते।
इस लिए जुल्म और जुर्म उतना ही करो जितना तुम सह सको

