
✍🏾संतोष नारायण बरनवाल – सम्पादक✍🏾
रफ्ता रफ्ता बुझ गया चिराग- ए-आरजू!
पहले दिल खामोश था अब ख्वाहिशें ख़ामोश है!!
वक्त न जाने कितनों के चहकते आरजुओ पर हथौड़ा चला कर राजा से रंक रंक से राजा बना देता है।पल पल चल रहा ख्वाब लिए आरजुओ का मेला वक्त के खेला में सारे झमेला को आत्म सात करते हमेशा हमेशा के लिए गर्त में भी मिल जाया करता है! आज कल सियासत की खेती में शुद्ध देशी बीज को पुरातन परम्परा के साथ तरक्की के रसायन से संशोधित कर बोया जा रहा है। जबरदस्त पैदावार ने दुनियां में हाहाकार मचा रखा है।बेचारे डंकल प्रजाति के बीजों से सियासत की खेती में दो चार मनमाफिक पैदावार काटने वाले परेशान हैं।उनका सियासी बीज अंकुरितभी नहीं हो रहा है।अभी तीन राज्यों के चुनावी नतीजों ने जहां एक बार फिर पुरानी आस्था को जगजाहिर कर दिया है।वहीं अटकल बाजियो की हवा को विराम भी लग गया।पहाड़ी इलाकों में भी कमल की फसल लहलहाने लगी है।बंगाल से लेकर बिहार तक हलचल बढ़ती जा रही है।जैसे जैसे दो हजार चौबीस का इलेक्सन करीबआ रहा है बिपक्षी दलों के भीतर रिएक्शन बढ़ता जा रहा है! मगर वक्त उनके खिलाफ बेरहमी से फैसला सुनाता जा रहा है।कोई पैदल चल चल कर हलचल बढ़ा रहा है कोई जाति बिरादरी के दल दल में फंसकर कमल को उखाड़ रहा है!तोकोई पब्लिकके बीच केव लडपोरशंखी स्पीच देकर गला फाड रहा है।मगर हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।विश्व के पटल पर कमल का दबदबा बढ़ता जा रहा है?।बेचारे बिपक्षी कुछ सियासतदार इस अबुझ पहेली को समझने में ही मात खा रहे हैं।जरा गौर करें? देश के भीतर विघटनकारी शक्तियां रात दिन कुछ विद्रोही प्रबृति के पत्रकारों के सहयोग से असहयोग आन्दोलन जैसे माहोल को बनाने में लगी है! कभी किसान आन्दोलन तो कभी शाहीन बाग जैसा प्रोटेस्ट के माध्यम से सम्विधान की गलत ब्याख्या कर पब्लिक को भड़का रहे हैं! लेकिन सच स्वीकार कर चुकी पब्लिक हर समय चुप रह कर चुनावी मेला में कमल की बटन दबाने में ही भलाई समझती है। ब्यवस्था में आस्था को समर्पित कर तरक्की के रास्ता को अंगीकार कर रही है।आज कल पूर्ण रुप से ब्यवस्था परिवर्तन सरकार कर रही है।आजादी के बाद से ही दुर्भाग्य के राह पर बढ़ चला भारत अपनी स्मिता की जंग लडता रहा।अपना बलिदान करता रहा मगर अब हालात बदल गये है।लोग पूरी तरह समझ गए देश का परिवेश किसके हाथ में सुरक्षित है! किसके हाथ संरक्षित है! देश की मर्यादा किसके सहयोग से हो रही ब्यवस्थित है।इसी लिए धीरे धीरे इस देश का हर नागरिक वर्तमान ब्यवस्था को होता जा रहा समर्पित है!भारत का भौकाल दुनियां के लिए सवाल बनकर उभरा है।दुश्मन देश भी आज तारीफ करने से नहीं थक रहे हैं।
सामरिक दृष्टि से देश की सीमाओं पर मजबूती का जो आगाज हुआ है उसको देखकर विश्व की महाशक्तियां भीआश्चर्यचकित हैं! आतंकित हैं।बसुधैव कुटुम्ब कम के सूत्र पर अपना पवित्र मिशन लेकर चलने वाला देश हर उसका सहयोगी बन रहा है जिसको सहयोग की जरूरत है।न जाति न धर्म! इन्सानियत कि मर्म लेकर सत्कर्म के राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है।विश्व कल्याण की मंगल कामना के साथ ही धर्म की स्थापना के लिए कृत संकल्पित होकर निरन्तर अग्रसर है।आज विश्व की सारी महाशक्तियां भारत के आगे नतमस्तक है।अभी तो यह केवल दस्तक है।आने वाले कल में सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा के उद्घोष के साथ हीअखंड भारत के पुरातनकालीन
मानचित्र मेंभगवा रंग को समाहित कर रामराज्य की परिकल्पना को साकार रूप देने का अभिनव प्रयास रंग लायेगा।समता मूलक सम्वृध समाज सम्विधान के प्राविधान से संचालित होगा!सबके कर्तव्य के साथ ही सबके सम्मान व अधिकार को भी समदर्शी स्वभाव के साथ प्रत्यावर्तित कर नवसृजित समाज की संरचना का मार्ग भी प्रशस्त होगा! क्या आप को नहीं लगता जिस भारत का बिदेशी प्रभुता सम्पन्न देश के मुखिया नाम नहीं लेना चाहते थे आज उसी देश की सरजमीं पर जी ट्वेन्टी की बैठक कर रहे हैं!
और इस देश का सूरमा अगुवाई कर रहा है।वक्त का खेला है साहब सब बदल जायेगा।आज का वर्तमान कल सार्वभौम इतिहास बनेगा।
भारत फिर एक बार बिश्व गुरू बनेगा!
सबका मालिक एक 🕉️साईं
जयहिंद🙏🏿🙏🏿 वन्देमातरम