ब्रिटेन में दशक की सबसे बड़ी हड़ताल, नए कानून को लेकर लाखों शिक्षक, ट्रेन ड्राइवर और सिविलकर्मी सड़कों पर उतरे
अंग्रेजों के देश ब्रिटेन में लाखों पेशेवर लोग हड़ताल पर उतर आए हैं. यहां ट्रेन चालकों, शिक्षकों, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और सिविल सेवकों द्वारा संयुक्त हड़ताल शुरू की गई है. व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण आज कार्यालय के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा और ब्रिटेन के रेल नेटवर्क को बंद कर दिया गया.
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हजारों शिक्षक मार्च करते नजर आए. बताया जा रहा है कि कम से कम 475,000 यूनियन सदस्य अपनी वेतन वृद्धि की मांग करने सड़क पर उतरे हैं. उनका कहना है कि मौजूदा वेतन जीवन यापन करने की लागत के हिसाब से पर्याप्त नहीं है, यह तो संकट और बढ़ा देगा. वहीं, कई लोगों को पिछले साल 5% से कम की वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया था, वहीं मुद्रास्फीति 10% से ऊपर चढ़ गई थी.
बहरहाल, हड़ताल के चलते लंदन में प्रमुख ट्रेन स्टेशन पूरी तरह से बंद हैं, जिनमें विक्टोरिया, कैनन स्ट्रीट, मैरीलेबोन और लंदन ब्रिज शामिल हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक प्रमुख कम्यूटर रेल लाइनें कोई सेवा नहीं चला रही हैं. नेशनल एजुकेशन यूनियन के अनुसार, इंग्लैंड और वेल्स में लगभग 85% स्कूल बंद या आंशिक रूप से बंद होने का अनुमान है. हालांकि, शिक्षा सचिव गिलियन कीगन ने आज सुबह कहा कि अधिकांश स्कूल खुले हैं,

