प्रयागराज: में अपनी प्राचीनता और पौराणिकता को संजोए हुए भगवान सुजावन का यह मंदिर यमुना नदी के मध्य स्थित है. यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है. अगर देखा जाए तो यमुना नदी में आने वाली भयंकर बाढ़ में जहां बड़े-बड़े मकान और छोटे-मोटे पुल यमुना नदी के तेज बहाव में बहते हुए धराशाई हो जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुषाण काल में बना यह अति प्राचीन मंदिर आज भी यमुना नदी के मध्य में स्थित है.
भगवान सुजावन का यह मंदिर पत्थरों की चट्टानों के ऊपर यमुना नदी की सतह से करीब 120 फिट ऊंचाई पर स्थित है. हर वर्ष यमुना नदी में आने वाली प्रलयकारी बाढ़ को भी मंदिर की चट्टानें यूं ही झेलती रहती हैं, लेकिन आज तक इस मंदिर पर किसी प्रकार का भी बाढ़ का खतरा नहीं रहा. यमुना नदी के मध्य में स्थित यह अति प्राचीन सुजावन देव धाम मंदिर प्रयागराज जनपद के दक्षिण में घूरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवरिया गांव और भीटा के पास यमुना नदी की मध्य जलधारा में स्थित है.यमुना नदी में आई भयंकर बाढ़ के बावजूद भी लोग यहां पर पहुंचकर पूजा-पाठ और दर्शन किया करते हैं. वहीं इसकी अलौकिक भव्यता और पौराणिक महत्व को देखते हुए इस मंदिर पर बॉलीवुड और भोजपुरी की कई फिल्में भी यहां पर बनाई गई हैं. इसमें बॉलीवुड की फिल्म ओमकारा की भी शूटिंग इस मंदिर में पूजा पाठ करते हुए की गई थी. वर्तमान समय में भी जब यमुना नदी अपनी भयंकर और प्रलयकारी रूप में बाढ़ का तांडव मचा रही हैं, तब भी लोग इस प्राचीन मंदिर में भगवान सुजावन देव की पूजा-अर्चना करने के लिए नाव से पहुंच रहे हैं.