
सभी मर्द एक जैसे होते हैं।
कौन मर्द ?
जो बाप बनकर ताउम्र तुम्हारी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी ख्वाहिशों को पूरी करता है,
जिसे अपने फटे हुए जूते सिलवाने याद रहे ना रहे लेकिन अपनी बिटिया के लिए स्कूल ड्रेस खरीदना कभी नहीं भूलता है
जो महज तुम्हारी छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक गुड़िया और एक तुम्हारी पहली स्कूटी और साइकिल के लिए रोज 4 घंटे ओवरटाइम के नाम पर घर लेट आया करता है तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना?
सभी मर्द एक जैसे होते हैं।
कौन मर्द ?
वही मर्द ना ,
जो भाई बनकर ताउम्र अपनी ख्वाहिशों को मार कर अपने सारे खिलौने तुम्हे दे दिया करता है,
तुम्हें डांट ना पड़े इसलिए अपने बाप से मार भी खा लिया करता है,
लाख लापरवाह रहे हो वो,
लेकिन तुम्हारे एक तरफ उठने वाली हर एक नजर को वह फोड़ दिया करता है वही मर्द ना जो जिंदगी भर पागलों की तरह हंसता रहता है लेकिन तुम्हारी विदाई में फूट फूट कर रोया करता है वही मर्द ना जो जिंदगी के भाग दौड़ में सबसे दूर भाग कर तुम्हारे एक फोन कॉल का इंतजार करता है तुम उसे मर्द की बात कर रही हो ना?
सभी मर्द एक जैसे होते हैं।
कौन मर्द ?
वही मर्द ना जो पति बनकर अपने लड़कपन को एक ही झटके में खत्म कर देता है 80 की रफ्तार से चलाने वाला बाइक अचानक से 40 की रफ्तार में अपने जिम्मेदारियों को थाम लेता है
मंगलसूत्र का पहचान वह मर मर्द ता उमर तुम्हारी छोटी छोटी ख्वाहिशों के लिए अपने हर बड़े बड़े अरमानों को मार दिया करता है
तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना जो पति बनकर हर उम्र में एक दोस्त की तरह तुम्हारा साथ दिया करता है बोलो ना तुम उसी की बात कर रही हो ना?
सभी मर्द एक जैसे होते हैं
कौन मर्द ?
वही मर्द ना जो प्रेमी बनकर पूरी दुनिया को भूलाकर बस तुमसे मोहब्बत करता है तुम्हारे हर झूठे तुम्हारे हर कहानी की बातों को सच मानकर तुमसे बेइंतेहा इश्क करता है
वह तुम्हारी झूठ में भी खुद के लिए सच खोज लिया करता है

तुम्हारी एक मुस्कान के लिए अपना सब कुछ निछावर कर दिया करता है
तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना जो प्रेमी बनकर अपनी प्रेमिका के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाया करता है अरे बोलो ना,
अरे चुप क्यों हो,
बताओ ना की बात कर रही हो ना?
सभी मर्द एक जैसे होते हैं ।
कौन मर्द ??
वही मर्द ना जो दोस्ती के रिश्ते में एक दोस्त बनकर तुम्हें परिवार का हिस्सा मान लेता है
जो तुम्हें पिज़्ज़ा खिलाने के लिए खुद के लिए बल्ला खरीदने का पैसा निकाल कर तुम्हें पिज्जा खिला देता है,
वही मर्द ना
जो मात्र दोस्ती का रिश्ता होने के बावजूद भी पूरी दुनिया से तुम्हारे लिए लड़ जाया करता है
तुम्हें सब से बचाता है
तुमसे हमेशा गाली खाता है
लेकिन तुम्हारी आंखों में कभी आंसू नहीं आने देता
वही मर्द ना
जो तुमसे लड़ता है
झगड़ता है
तुम्हें रुलाता है
और फिर तुम्हें हंसाने के लिए खुद जोकर बन जाया करता है
बताओ ना तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना?
सभी मर्द एक जैसे ही होते है
कौन मर्द ??
वही मर्द जो एक बेटा बन कर हमेशा अपनी मां का ढाल बन कर खड़ा रहता है
वही मर्द
जिसकी हर तम्माना को पूरी करने के लिए मां रात भर जागती है
और मां के बुढ़ापे में वही लड़का एक ढाल बन कर मां की सेवा करता है
मां के लिए उसका बेटा ही सबसे बेहतर होता है
मां के लिए उसका बेटा ही हीरो है ,
हां ये बात सही है
कि शादी होने के बाद वही कुछ बेटे अपनी मां को घर से निकाल कर वृद्ध आश्रम में भेज देते है
लेकिन उनके इस कुकर्म के लिए क्या सिर्फ मर्द ही जिमेद्दार होते है
लेकिन इन सब से दूर हिंदुस्तान के आज भी हर घर में श्रवण कुमार जैसे बेटे रहते है जिनके लिए उनकी मां ही उनकी दुनिया है ,
बताओ ना क्या तुम उसी मर्द की बात कर रहीं हो जो अपनी मां के लिए जान भी देते है