
तीन मई को तीन त्योहारो का संगम
महराजगंज,भारतीय धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष 3मई2022 को तीन त्योहारो का संगम हुआ है।अपने अपने धर्म व मान्यताओं के अनुसार सभी वर्ग के लोग अपने अपने त्योहारो को मनाएँगे।परशुराम जयंती यानी अक्षय तृतीया की तिथि मंगलवार 3 मई 2022 को 5 बजकर 20 मिनट से शुरुआत और समाप्ति 4 मई 2022, बुधवार को सुबह 7 बजकर 30 मिनट तक है।
परशुराम जयंती का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम की पूजा करने से अज्ञात शत्रुओं से आपको मुक्ति मिल सकती है।
परशुराम जयंती पर व्रत करने से आपको मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होगा और आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होगी।
ईद उल फितर इस बार भारत में 3 मई 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी।चांद देखने के बाद ईद की तारीख तय होती है. रमजान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद रोजेदार ईद मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की थी और इसी जीत की खुशी में इस्लाम के अनुयायी हर साल ईद मनाते हैं।इस बार की ईद इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार पूरे 30 रोजे रखे गए।वरना कई बार चांद का दीदार पहले हो जाने पर 29 दिन के ही रोजे हो पाते हैं।
624 ईस्वी में मनी थी पहली ईद
कहा जाता है कि 624 ईस्वी में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया था। यह त्योहार रोजेदारों के लिए एक इनाम की तरह भी होता है जो उन्हें एक महीने के कठिन रोजे रखने के बाद मिलता है।इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, सेवइयां समेत कई तरह के पकवान खाते हैं। साथ ही मस्जिद में साथ में मिलकर नमाज पढ़ते हैं, अमन-चैन की दुआ मांगते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं।
हर धर्म की तरह इस्लाम में भी जकात यानी कि दान को बड़ा महत्व दिया गया है।ईद का त्योहार भी जकात के बिना पूरा नहीं होता है।इस दिन लोग खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्हें 30 दिन के रोजे रखने की ताकत दी। साथ ही ईद की खुशियां मनाते हैं और गरीबों को जकात देते हैं। कुरान में कहा गया है कि ईद के मौके पर गरीब लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर देना चाहिए इससे अल्लाह हमेशा मेहरबान रहते हैं। इसके अलावा बच्चों को तोहफे के रूप में ईदी भी बांटी जाती है।