
❤❤❤भोजन के नियम:-
💛पानी पीने का नियम जितना आवश्यक है उतना ही भोजन के नियम भी, क्योंकि इंसान आज तक अपना भोजन नही पहचानता है और हर भोजन को पकाकर उसकी पोषकता ख़त्म करता है
💛यदि कोई इन दोनों नियम का ठीक से पालन करे, तो किसी भी बीमारी को बिना दवा से ठीक कर सकता है
💛शुगर, दमा, अस्थमा, हार्ट अटैक ये सभी बीमारियों का इलाज सिर्फ पानी पीने और भोजन सही ढंग से करने से स्वयम हो जाता है
💜आप जो भोजन करते है उसको पचाने के लिए किस प्रकार के एंजाइम्स (रस) चहिये इसका निर्णय लीवर करता है
💜जब भूख लगे तब खाइये, बिना भूख के कभी न खायेँ फिर एकं दिन में 2 बार भूख लगे या 2 दिन में 1 बार
💜पांच अंगो ( दो हाथ , 2 पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करे
💜सुबह के समय नास्ता करने के पद्धति समाप्त कीजिये, यह अंग्रेजो के मौसम के अनुसार सही है, भारतीय प्रकृति के अनुसार गलत है,
💜सुबह अधिक, दोपहर में सुबह का आधा और रात्रि में दोपहर के आधे हिस्से के बराबर ही खाए, या न खायेँ
💜सुबह फलो का सेवन करिये, यदि नहीं कर सकते तो सुबह भोजन करने का सही समय सुबह 7 बजे से 9:30 तक है, इस समय पेट भर खूब खाइए
💜दोपहर के भोजन का समय 12 से 1 के बीच है, इस समय सुबह का आधा ही खाये
💜शाम के समय खाने का समय केवल सूर्य छिपने से पहले का है, लगभग 5 से 7 बजे के पास तक, इस समय सुबह के जितना ही खा सकते है, लेकिन सूर्य छिपने के 50 मिनट पहले तक, अन्यथा दोपहर का भी आधा ही खाये
💜अपना सबसे पसंदीदा भोजन सुबह के समय खाएं, और जितना चाहे उतना खाएं
💜गर्मी में दोपहर में छाछ या लस्सी जरूर ले यदि शुद्ध देशी गाय के दूध से बनी है तो
💜भोजन हमेशा जमीन पर बैठकर ही खाये, ना कुर्सी पर ना ही खड़े होकर
💜कभी भी खड़े होकर भोजन ना खाएं ,भोजन सदैव जमीन पर बैठकर सुखासन में ही करें
💜शादी समारोह पार्टी आदि में भी भोजन जमीन पर बैठकर ही करें, इंसमे कोई शर्म नही, स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है
💜कुर्सी या मेज पर बैठकर भी भोजन करना गलत है, यह अंग्रेजो की मजबूरी है, आपकी नहीं
💜भोजन करने के उपरांत 10 मिनट वज्रासन की स्थिति में बैठे
💜पुरुषों के लिए उकड़ू अवस्था में बैठकर भी भोजन किया जा सकता है जिनका पेट अधिक बाहर है, यह स्थिति भी सर्वोत्तम है
💜दोपहर के भोजन के बाद किसी भी प्रकार का कार्य ना करे, 30-40 मिनट आराम करें, क्योंकि दोपहर के भोजन के बाद BP बढ़ता है
💜शाम के भोजन के बाद 45 मिनट अवश्य टहलें,क्योंकि रात के भोजन के बाद BP कम होता है
💜भोजन पकने के बाद 60 मिनट के अंदर उसे ग्रहण करें तभी सभी विटामिन्स और प्रोटीन आपको मिलेंगे, उससे अधिक देर तक रखने से सभी तत्व कम होते जाते है
💜फ्रिज में कभी कोई भोजन दूध आदि न रखे, यदि मजबूरी में रखना पड़े तो उसे दोबारा कभी गर्म न करे, उसका सेवन करने से 2 घण्टे पहले उसे फ्रिज से निकाल कर बाहर रख दे
💜रात्रि में कम तेलीय हल्का एव सुपाच्य भोजन ही करे, राजमा,छोले,अंडा, मांस और कोई भी दाल रात में न खायेँ, और 7 दिन में 1 बार ही इन सभी मे से कोई 1 चीज खायेँ, जैसे अगर आज दाल खाई तो 7 दिन बाद ही नम्बर आएगा या तो उस दिन दाल बनाये या फिर छोले या अन्
💜गीले पैरों भोजन खाने से आयु में वृद्धि होती है
💜पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुह करके ही खाना चाहिए
💜दक्षिण दिशा की ओर किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है
💜पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन खाने से रोग की वृद्धि होती है
💜सोने वाले बिस्तर पर, हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनो में भोजन नहीं करना चाहिए
💜मल-मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल में,अधिक शोर में, जल्दबाजी में ,पीपल,वट वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए
💜भोजन के ,चाय के, काढ़े के, या किसी भी अग्निवर्धक पदार्थ के सेवन करने के बाद कभी भी तुरंत स्न्नान न करें, यदि ऐसा किया तो इतने रोग होंगे कि आप सम्भाल नही पायेगे
💜आधा खाया हुआ फल , मिठाईया आदि पुनः नहीं खानी चाहिए
💜खाना छोड़ कर उठ जाने पर दुबारा भोजन नहीं करना चाहिए
💜भोजन के समय शांत रहे, क्योंकि शरीर की अपनी क्रियाएं है
💜भोजन को जितना चबाकर खायेगे उतना अच्छा क्योंकि भोजन को पचाने में 80% कार्य दांतो का और 20% पेट का है
💜सबसे पहले मीठा , फिर नमकीन , अंत में कडुवा खाना चाहिए
💜सबसे पहले रस दार भोजन, बीच में गरिस्थ , अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करे
💜थोडा खाने वाले को –आरोग्य , आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान , और सौंदर्य प्राप्त होता है
💜मुह से फूक मरकर ठंडा किया , बाल गिरा हुवा भोजन , अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन कभी न करे
इलाज से बेहतर बचाव है
🙏🌺 सुप्रभात🌺🙏