
[02/11, 11:35] Dinesh Pandit: 🚩🙏🌹🌿🍃🌾☘️🚩
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🚩 *ॐ नमो भगवते वासुदेवाय* 🚩धन्वन्तरी जयंती
हनुमान जयंती व महालक्ष्मी जयंती
*तदेव लग्नं सुदिनं तदेव*
*ताराबलं चंद्रबलं तदेव*
*विद्याबलं दैवबलं तदेव*
*लक्ष्मीपते तेंघ्रियुगं स्मरामि || ||*
*वह लग्न (मुहूर्त ) शुभ होता है , वह दिन मंगलकारी होता है, लग्न बल तारा बल , चन्द्र बल ‘ विद्या बल और दैव बल ये सब ठीक होते है जिस समय हम लक्ष्मीपति श्री विष्णु का स्मरण करते हैं |*
आज धन्वन्तरी जयंती है लोक में धनतेरस कहाँ जाता है
(1)2-अक्तूबर को धन्वन्तरी जयंती है
(2)-3 अक्तूबर को श्री हनुमान जंयती व यम के लिए दीप दान घर से बाहर छोटी दीपावली है
(3)-4अक्टूबर को महालक्ष्मी पूजन व दीप प्रज्वलित कर स्वागत किया जाता है
प्राचीनकाल में देव और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया उस समय समुंद्र से चौदह रत्न उत्पन्न हुए एवं उसी क्रम भगवान धन्वन्तरी जी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस दिन तिथि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी थी
भगवान धन्वन्तरी जी आयुर्वेद के प्रवर्तक है आदि वैद्य है चिकित्सा शास्त्र के आदि गुरु है -आज के दिन हम धन्वन्तरीभगवान का पूजन करते है
कालान्तर में धन्वन्तरी से धनतेरस का प्रचार प्रसार हुआ
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मोहनी अवतार लेकर भगवान विष्णु जी ने अमृत बाँटने का कार्य किया उसी क्रम में श्री हनुमानजी का जन्म हुआ संध्या काल मे –तभी से हम चतुर्दशी को हनुमत जयंती मनाते है
कार्तिक कृष्ण अमावस्या को क्षीणसागर में महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ उस समय दशों दिशाओं में प्रकाश फैल गया श्रीमद्भागवत महापुराण के
अष्टम स्कन्द के अध्याय आठ के आठवें श्लोक में वर्णन है–
ततश्चाविरभूत् साक्षाच्छ्रीरमा भगवत्परा |
रञ्जयन्ती दिशः कान्त्या विद्युत् सौदामनी यथा ||
इसके बाद शोभा की मूर्ति स्वयं भगवती लक्ष्मी देवी प्रकट हुईं |
वे भगवान की नित्य शक्ति है |
उनकी बिजली के समान चमकीली छटा से दिशाएॅ जगमगा उठीं || श्री मद्भागवत महापुराण अ0 ८अध्याय ८के श्लोक ८
महालक्ष्मी जी जगत का पालन -पोषण करती है इनके कृपा के विना संसार का कोई भी कार्य संभव नही है
कहाँ है
-तुम बिन यज्ञ नहोते
वस्त्र न हो पाता
खान-पान का वैभव
सब तुमसे आता
जहाँ महालक्ष्मी जी का वास होता है उस घर में सब सद्गुण आ जाते है सब संभव हो जाता है
मन में कोई घबराहट नही होता है
अतः कार्तिक अमावस्या को घर-घर में महालक्ष्मी का पूजन कर चारों दिशा में दीपक जलाकर हम उत्साह पूर्वक उत्सव मनाते है
जो लोग महालक्ष्मी जी का पूजन अमावस्या के दिन करते हैं
महालक्ष्मी जी की विशेष कृपा उनके ऊपर होती है
दीपावली के
दिन-गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ
श्री सूक्त का पाठ
कनक धारा स्तोत्र का पाठ
ऋणमोचन मंगल स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए
अबकी बार धनतेरस मंगल वार को है जिनके ऊपर ऋण है
ऋण समाप्त हो धन की प्राप्ति हेतु ऋण मोचन स्तोत्र का पाठ तीनों दिन करे
अमावस्या के दिन स्थिर लग्न (१)
७बजकर २६ मिनट से
९बजकर ४३तक वृश्चिक लग्न है
(२)–१बजकर ३६ मिनट से
३बजकर ७मिनट तक कुम्भ लग्न है
(३)–सायंकाल ६ बजकर १२मिनट से ८बजकर ८मिनट तक बृष लग्न है
(4) -१२ बजकर ४०मिनट से
२बजकर ५४ मिनट तक रात्री में सिंह लग्न है ये स्थिर लग्न है इनमें भी लोग पूजन करते है
दुकानों में दिन में भी आप पूजन कर सकते है अमावस्या को दिन या रात जब भी समय मिले लक्ष्मी कुबेर आदि का पूजन करना चाहिए
और दीप दान सायं काल संध्या के समय करे
आचार्य पण्डित बृजेश पाण्डेय काशी पूर्व प्राध्यापक धर्म संघ संस्कृत महाविद्यालय दुर्गा कुण्ड वाराणासी
नोट -पूजन कार्य अपने अपने वंश परंपरा के अनुसार भी लोग करते हैं और करना भी चाहिए
धन्वन्तरी जयंती-धनतेरस
श्री हनुमान जंयती छोटी दीपावली व महालक्ष्मी जयंती बडी दीपावली की अनन्तानन्त शुभकामनाएं
🚩🚩🚩🚩
*आप सबका दिन मंगलमय हो*
*🙏 सुप्रभातम् 🙏*
[02/11, 11:35] Dinesh Pandit: लेख,, पंडित दिनेश तिवारी ब्यूरो प्रमुख कुशीनगर एसीएम न्यूज