अजंता सरकार : सुरों की साधना से समाजसेवा तक एक उज्ज्वल यात्रा
अजय उपाध्याय की कलम से
संगीत की दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली अजंता सरकार आज उस श्रेणी की कलाकारों में गिनी जाती हैं, जिन्होंने संघर्ष, साधना और आत्मविश्वास के सहारे अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुँचाया। उनकी यह यात्रा किसी सुविधा या विशेष संसाधन से नहीं, बल्कि पड़ोस के छोटे-छोटे भजन–कीर्तन के कार्यक्रमों से शुरू हुई थी। बचपन में जब वे अपने आस-पास के धार्मिक आयोजनों में भजन गाती थीं, तभी से सुरों के प्रति उनका रुझान साफ दिखाई पड़ने लगा था।
अजंता सरकार के पिताजी ने उनकी इसी नैसर्गिक प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें एक प्रतिष्ठित संगीत संस्थान में दाखिला दिलाया। यही वह कदम था जिसने उनकी भविष्य की दिशा तय कर दी। शिक्षा, प्रशिक्षण और सधी हुई मार्गदर्शन की प्रक्रिया ने उनके भीतर छिपी कला को निखारा और धीरे-धीरे संगीत की यात्रा विस्तार पाती गई।
उनके प्रारंभिक गुरु पद्मश्री भजन सम्राट अनूप जलोटा रहे, जिनके सान्निध्य ने अजंता सरकार को न केवल गायन की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया, बल्कि संगीत को आध्यात्मिक और भावनात्मक दृष्टि से समझने का नया आयाम भी दिया। अनूप जलोटा जैसे महान कलाकार के साथ सीखने का अवसर हर किसी को नहीं मिलता। इस सौभाग्य ने ही उनकी कला को और गहन, सशक्त और प्रभावपूर्ण बना दिया।
धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और उनका गायन देश–प्रदेश की सीमाओं से निकलकर विदेशों तक पहुँचने लगा। विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाएँ, कला मंच, प्रादेशिक एवं अंतरराष्ट्रीय संगठन उन्हें लगातार अपने कार्यक्रमों में आमंत्रित करने लगे।
उनके जीवन का एक भावनात्मक अध्याय उनके पति से जुड़ा है—जो स्वयं एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। दुर्भाग्यवश वे अब इस संसार में नहीं हैं, किंतु संगीत और जीवन मूल्यों की जो विरासत वे पीछे छोड़ गए, उसने अजंता सरकार को और अधिक संवेदनशील तथा दृढ़ बना दिया। यही कारण है कि उनके पति के जन्मदिन 6 दिसंबर को वे इस वर्ष एक व्यापक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं।
विशेष बात यह है कि उन्होंने इस दिन को रोने–धोने से नहीं, बल्कि हर्षोल्लास और सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से मनाने का निर्णय किया है। यह पहल उनके जीवन-दर्शन को दर्शाती है—दुःख को भी संगीत की शक्ति से स्मृति और प्रेरणा में बदल देना।
अजंता सरकार रवींद्र संगीत की विशेषज्ञ हैं और कोलकाता रेडियो में मुख्य रविंद्र संगीत गायिका के रूप में वर्षों से जुड़ी हुई हैं। उनकी गायकी में रवींद्रनाथ टैगोर की भावनाओं का सूक्ष्म प्रवाह, सुरों की शुद्धता और शब्दों की आत्मिक अभिव्यक्ति सहज रूप से महसूस की जा सकती है।
उनके कार्यक्रम न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों और मुंबई की फिल्म नगरी तक लगातार आयोजित होते रहते हैं। अनेक प्रतिष्ठित संस्थाएँ उन्हें अपने सांस्कृतिक आयोजनों में सम्मानित अतिथि कलाकार के रूप में आमंत्रित करती रहती हैं।
केवल संगीत ही नहीं, समाजसेवा में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। वे महिलाओं को सशक्त बनाने, वंचित बच्चों के लिए संगीत प्रशिक्षण आयोजित करने तथा सामाजिक जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय रहती हैं।
अजंता सरकार आज उस श्रेणी की महिला कलाकारों में शामिल हैं, जो केवल गायन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले विचारों, व्यवहारों और उदाहरणों से प्रेरित भी करती हैं। उनकी उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि यदि संकल्प दृढ़ हो, तो प्रारंभ किसी भी छोटे मंच से हो, अंततः लक्ष्य बहुत ऊँचे होते हैं।
उनकी यह प्रेरणादायी यात्रा संगीत प्रेमियों, युवा कलाकारों और हर उस व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक है जो जीवन में संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ने की इच्छा रखता है।

