डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को पंजाब कला साहित्य अकादमी का सर्वोच्च सम्मान
स्थानीय संवाददाता – अजय कुमार उपाध्याय बांसडीह बलिया उत्तरप्रदेश
बलिया, – जिले के लिए गौरव का क्षण है कि भारतीय दर्शन के सुप्रसिद्ध विद्वान, 20 मौलिक ग्रंथों के रचनाकार, अंतरराष्ट्रीय वक्ता एवं ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को पंजाब कला साहित्य अकादमी, जालन्धर, पंजाब द्वारा अपने सर्वोच्च अकादमी सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया है।
अकादमी के 29वें वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 7 दिसम्बर 2025 को जालन्धर प्रेस क्लब में किया जा रहा है, जहाँ देश-विदेश की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में डॉ. उपाध्याय को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। डॉ. उपाध्याय के सम्मान की घोषणा होते ही जनपद बलिया में खुशी की लहर दौड़ गई। जिले के साहित्यकारों, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों और विद्यार्थियों में उत्साह का वातावरण है। लोग सोशल मीडिया और संदेशों के माध्यम से उन्हें लगातार बधाइयाँ दे रहे हैं। बलिया के वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद— डॉ. जनार्दन राय, डॉ. गणेश पाठक, डॉ. मदन राम, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. संजय यादव, राम प्रताप सिंह, राधेश्याम यादव, हरेंद्र नाथ मिश्र, करुणानिधि तिवारी, संतोष दीक्षित, उमाशंकर, रामकृष्ण मौर्य, आनंद प्रकाश सिंह—ने डॉ. उपाध्याय के चयन को बलिया की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप “जिले के लिए सम्मान और प्रेरणा का क्षण” बताया है।
साहित्य, दर्शन और भारतीय ज्ञान-परंपरा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित करने में डॉ. उपाध्याय के योगदान को पंजाब कला साहित्य अकादमी ने विशेष मान्यता दी है, जिसे लेकर बलिया जनपद में व्यापक गर्व का भाव देखा जा रहा है। यह समारोह उत्तर भारत की साहित्यिक-सांस्कृतिक दुनिया का अत्यंत गरिमामय वार्षिक आयोजन है, जिसकी प्रतीक्षा विद्वत् जगत प्रत्येक वर्ष उत्सुकता से करता है। पंजाब कला साहित्य अकादमी अपनी लगभग चार दशकों की गौरवशाली परंपरा के लिए सुविख्यात है। स्थापना काल से ही यह अकादमी साहित्य, कला, संस्कृति, दर्शन, समाजसेवा, पत्रकारिता, प्रशासन एवं संगीत के क्षेत्रों में देश–विदेश से चयनित श्रेष्ठतम विभूतियों को सम्मानित करती रही है। बलिया के बुद्धिजीवी वर्ग के अनुसार यह सम्मान न केवल एक व्यक्ति का, बल्कि बलिया की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है।

